RNE BIKANER.
  भारत की प्रथम महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के 41वें बलिदान दिवस एवं सरदार वल्लभ भाई पटेल की 150वीं जयन्ति के अवसर पर बीकानेर जिला कांग्रेस कमेटी शहर अध्यक्ष यशपाल गहलोत एवं देहात अध्यक्ष बिशनाराम सियाग के नेतृत्व में कलेक्ट्रेट परिसर स्थित स्व. इंदिरा गांधी जी की प्रतिमा तथा सरदार पटेल मेडिकल कॉलेेज स्थित सरदार वल्लभ भाई पटेल की प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं पुष्पांजलि अर्पित करने कांग्रेस नेता पहुंचे। 
 श्रद्धांजलि देने वालों में पूर्व मंत्री डॉक्टर बी.डी.कल्ला, पूर्व मंत्री भंवरसिंह भाटी, पूर्व मंत्री गोविंदराम मेघवाल सहित कांग्रेस के पदाधिकारी-नेता शामिल रहे। इस अवसर पर उपस्थित कांग्रेसजनों ने पुष्पाजंली अर्पित करते हुए ‘‘इंदिरा गांधी अमर रहे’’ ‘‘जब तक सूरज चांद रहेगा इन्द्रा जी का नाम रहेंगा’’ ‘‘सरदार पटेल अमर रहे’’ के नारे लागाये।
 
 जिला संगठन महामंत्री मार्शल प्रहलाद सिंह ने बताया कि इस अवसर पर सम्बोधित करते हुए शहर अध्यक्ष यशपाल गहलोत ने कहा कि इन्द्रा जी की हत्या ने देश को एक राजनीतिक-सांप्रदायिक संकट की ओर धकेला था। इसलिए यह दिन उनके बलिदान को याद करने और देश में एकता-सद्भाव का संदेश देने का अवसर बन गया है। उनका बलिदान देश की एकता और अखंडता के लिए हमें हमेशा प्रेरित करेगा। सरदार पटेल की प्ररेणा से भारत में विभिन्नता में एकता, भाषा-धर्म-संस्कृति के भिन्न-भिन्न पहलुओं के बावजूद देश एक हैं।
  
 देहात अध्यक्ष बिशनाराम सियाग ने कहा कि इंदिरा गांधी ने “मजबूत और प्रगतिशील भारत” के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई तथा उनकी विरासत “शांति, सद्भाव और प्रेम” की है। उनका शौर्य केवल भारत में ही नहीं सम्पूर्ण विश्व में प्रसिद्ध रहा है। गुटनिरपेक्ष आंदोलन में भी स्व इंदिरा गांधी का विशेष स्थान था और उन्हें कई बार गुटनिरपेक्ष आंदोलन का अध्यक्ष चुना गया था। इसी प्रकार सरदार पटेल की विरासत राजनीति से परे है, वे एकता, लचीलेपन और राष्ट्र कल्याण के प्रति प्रतिबद्धता के प्रतीक थे। 
 
 पूर्व मंत्री बी.डी. कल्ला ने इंदिरा गांधी को शक्ति, समर्पण, साहस और शक्तिशाली नेतृत्व की मिसाल बताते हुए श्रद्धांजलि दी। कल्ला ने कहा कि इंदिरा जी के योगदान को कभी भुला पाना संभव नहीं है। उन्होंने देश की सेवा करते हुए अपने प्राणों का बलिदान दिया। सरदार वल्लभ भाई पटेल का जीवन नेतृत्व की शक्ति, समर्पण और अपने देश के प्रति अटूट प्रेम का प्रमाण है, जिसने भारत को एक अधिक मजबूत व एकीकृत राष्ट्र बनाने में मदद की।
  
 पूर्व मंत्री गोविन्दराम मेघवाल ने कहा कि इंदिराजी की कार्यशैली ने उनके व्यक्तित्व को ऐसा करिश्माई रूप दे दिया कि वे कालांतर में देश-दुनिया की लोकप्रिय जननेता बन गईं। ‘इंदिरा प्रियदर्शिनी’ से भारत की प्रधानमंत्री तक की उनकी जन-समर्पित जीवन यात्रा देश का अविस्मरणीय इतिहास बन गई। सरदार पटेल के बारे में उन्होनंे कहा कि उन्हे “भारत का लौह पुरुष” कहा जाता है क्योंकि उन्होंने स्वतंत्रता के बाद भारत की लगभग 562 रियासतों को भारतीय संघ में मिलाने में अहम भूमिका निभाई थी।
  
 पूर्व मंत्री भंवर सिंह भाटी ने कहा कि इंदिरा गांधी साहस-संघर्ष की प्रतीक और करिश्माई व्यक्तित्व की धनी थीं, इंदिरा जी की कार्यशैली ने उनको जननेता बनाया। भाटी ने कहा कि भारत में सरदार पटेल के जन्मदिवस को राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाया जाता है, यह दिन सरदार पटेल की जयंती के अवसर पर यूँ ही नहीं चुना गया है, क्योंकि उन्होंने देश की एकता और एक-संघ के लिए बहुत बड़ी भूमिका निभाई थी।
 
 जिला प्रमुख मोडाराम मेघवाल ने कहा कि स्व. इन्दिरा गांधी ने भारत की एकता, सामाजिक-विकास, विदेशी नीति जैसे क्षेत्रों में योगदान दिया। लूनकरणसर प्रत्याशी एवं प्रदेश महासचिव डॉ. राजेन्द्र मूण्ड ने इन्दिरा जी लोकतांत्रिक समाजवाद की प्रणेता थीं। बैंकों और तेल कंपनियों का राष्ट्रीयकरण उनके प्रगतिशील कदम थे, जिनमें समानता का सपना छिपा था। इस अवसर पर पीसीसी महासचिव गजेन्द्र सिंह सांखला, सुषमा बारूपाल, मकसूद अहमद, जावेद पड़िहार, अर्जूनराम कूकणा, नितिन वत्सस, राहुल जादू संगत आदि ने भी सम्बोधित किया।
  
 शहर कांग्रेस कमेटी प्रवक्ता विकास तंवर ने बताया कि अम्बाराम ईणखिया, मनोज किराडू, केदारमल कठातला, जयदीप जावा, प्रेम जाशी, पूनम चन्द भाम्भू, ब्लॉक अध्यक्ष मदन चौहान, अनिल सारडा, मूलाराम मेघवाल, ब्लॉक अध्यक्ष रामेश्वर गोदारा, अली मोहम्मद, पार्षद सुरेन्द्र सिंह, नित्यानंद पारीक, सफी खां, नरेश कुमार गुरेजा, गंगाराम सारण, कामेश्वर प्रताप सिंह, मनोज चौधरी, रविन्द्र राज पुरोहित, कमलेश गिला, हाजिर खां, रामकुमार, रामनाथ आचार्य, राजकुमर कड़वा, तरूण कुमार गुरेजा, हंसराज बिश्नोई, कमल, रामकुमार मांझु, अब्दूल रहमान लोदरा, एजाद पठान, बंशीलाल आचार्य सहित बड़ी संख्या में कांग्रेसजन उपस्थित रहे।