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पांच सीटों में सिर्फ एक सीट जीत सकी भाजपा, एक सीट पर चौथे और दो पर तीसरे स्थान पर रही भाजपा

आप दिल्ली हारने के बाद वापस तेजी से उभरी इन चुनावों में
इंडिया गठबन्धन कुल मतों में भाजपा से बहुत बहुत आगे रहा
 

अभिषेक आचार्य
abhi

RNE Special.


चार राज्यों की 5 विधानसभा सीटों के चुनाव परिणाम कल घोषित हुए। इन 5 सीटों में से भाजपा को केवल एक सीट पर जीत मिली, बाकी चार सीट विपक्ष की झोली में चली गई। इन उप चुनावों को एक तरह से सत्ता व विपक्ष के बीच आने वाले चुनावों का सेमीफाइनल माना जा रहा है। क्योंकि जनता के मूड का आभाष तो इन परिणामों से होता ही है। 
 

चार राज्यों की जनता सत्ता व विपक्ष के बारे में क्या सोच रही है, इसकी अभिव्यक्ति उप चुनावों से होती है। जिन चार राज्यों में उप चुनाव हुए उनमें गुजरात, पश्चिम बंगाल, केरल व पंजाब शामिल है। 
 

ये रहे उप चुनाव के परिणाम:
 

गुजरात :: भाजपा के वर्चस्व वाला यह प्रदेश पीएम नरेंद्र मोदी व गृहमन्त्री अमित शाह का अपना मूल राज्य है। इसमें 2 सीटों पर उप चुनाव था। एक सीट भाजपा ने व एक सीट आप ने जीती। दिखने में यह परिणाम दोनों दलों ने अपनी सीट बचाने जैसा रहा, मगर ये सच नहीं है। आप की जो सीट थी वो विधानसभा चुनाव में आप ने जीती। मगर आप के विधायक को भाजपा ने तोड़ा और अपनी पार्टी में मिला लिया। उप चुनाव में फिर से आप जीत गई। इस सीट पर कांग्रेस को निराशा हाथ लगी। जोश हवा हो गया।
 

पश्चिम बंगाल :: यहां कांग्रेस विधायक की रिक्त सीट पर उप चुनाव था। जो टीएमसी के पक्ष में गया। कांग्रेस व वाम दल मिलकर लड़े मगर पार नहीं पड़ी। यहां भाजपा का जोश ठंडा हुआ। तीसरे नम्बर पर रही। 
 

केरल :: यहां वाम दलों के गठबंधन को समर्थन कर रहे निर्दलीय विधायक के इस्तीफे से रिक्त हुई सीट पर उप चुनाव था। यह सीट कांग्रेस ने छीनी। बड़ी बात ये कि केरल की ये नीलांबुर सीट वायनाड का हिस्सा है और जहां प्रियंका गांधी सांसद है। प्रियंका ने प्रचार किया और वे पहले टेस्ट में सफल रही। भाजपा यहां निर्दलीय से भी पीछे चौथे नम्बर पर रही।
 

पंजाब ::: पंजाब में लुधियाना की एक सीट पर उप चुनाव था। इस सीट पर भाजपा व कांग्रेस, दोनों ने पूरी ताकत लगाई थी। कांग्रेस ने तो इस सीट को प्रतिष्ठा का प्रश्न बना लिया था। मगर परिणाम आप के पक्ष में रहा। भाजपा यहां भी तीसरे नम्बर पर पहुंच गई।
आप की जीत बड़ी है

 

दिल्ली विधानसभा चुनाव हारने के बाद आप मौन थी। इन उप चुनावो में अरविंद केजरीवाल मैदान में उतरे। साथ में आतिशी, मनीष सिसोदिया, संजय सिंह भी थे। दिल्ली हारने के बाद पंजाब सीएम भगवंत मान की सरकार की स्थिति भी कमजोर बताई जाने लगी थी। मगर ये चुनाव जीतकर आप, केजरीवाल व मान ने अपने वर्चस्व को साबित किया। गुजरात की सीट जीतकर आप को एक बार फिर प्राण वायु मिली है। आप फिर से मुख्य धारा और चर्चा में आ गई है।
 

इंडिया गठबंधन कुल मतों में आगे
 

अगर पांचों सीटों पर भाजपा के कुल मत जोड़े और दूसरी तरफ इंडिया गठबन्धन के दलों कांग्रेस, आप, टीएमसी, वाम दलों के मत जोड़े तो इंडिया के मतों से भाजपा बहुत पीछे है।
 

भाजपा को करनी होगी समीक्षा
 

इन उप चुनावो को देखने के बाद भाजपा को मंथन करना होगा। ये सजग होने का अलार्म है। भाजपा को अभी की रणनीति में बदलाव करना होगा। बिहार, तमिलनाडु, केरल आदि के आने वाले विधानसभा चुनावों के लिए फिर से नई रणनीति पर काम करना होगा।