कांग्रेस सांसद थरूर के लेख से फिर बवाल, विवाद गहराया
RNE Network.
अपने एक आलेख में पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ' भारत की संपत्ति ' बता चुके कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने अब 1975 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की लगाई इमरजेंसी को लोकतंत्र का ' काला अध्याय ' बताया है।
मलयालम दैनिक ' दीपिका ' में छपे आलेख में कांग्रेस कार्यसमिति के सदस्य व सांसद थरूर ने लिखा कि उस दौर में नागरिक स्वतंत्राएं छीनी गई, जबरन नसबंदी कराई गई और दिल्ली में झुग्गियों को बेरहमी से ढहाया गया।
इनमें इन्दिरा गांधी के बेटे संजय गांधी की कुख्यात भूमिका थी। थरूर ने कहा, आपातकाल निरंकुश सत्ता का उदाहरण था। इससे मिली सीख को भुलाया नहीं जा सकता। लोकतंत्र की सतत रक्षा जरूरी है।
प्रियंका बोली, मैंने नहीं पढ़ा:
थरूर के लेख पर प्रतिक्रिया से बचते हुए कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने कहा कि मैंने लेख नहीं पढ़ा। केरल में नेता विपक्ष वी डी सतीसन बोले, इस पर टिप्पणी राष्ट्रीय नेतृत्त्व का विषय है। वहीं पार्टी सांसद मणिकम टैगोर ने कहा, जब कोई साथी बीजेपी की बातें हूबहू दोहराने लगे, तो क्या मानें कि चिड़िया अब तोता बन रही है।