Monsoon Session : चौथे दिन 02 बजे तक लोकसभा स्थगित, तख्तियां लहराते, नारे लगाते सांसदों के आगे बिरला की अपील नहीं चली
RNE New Delhi.
लोकसभा में मानसून सत्र के साथ ही शुरू हुआ हंगामा थमने का नाम नहीं ले रहा। गुरुवार को लगातार चौथे दिन मीटिंग शुरू होते ही हाथों मंे तख्तियां लिये, नारे लगाते सांसद वैल में पहुंच गये। हालांकि अध्यक्ष ओम बिरला ने प्रश्नकाल के लिए पहला प्रश्न पुकार लिया। यह प्रश्न कोंडा विश्वैश्वर रैडी का हैदराबाद में सीएनजी स्टेशनों की कमी को लेकर रहा। शोर-शराबे और हंगामे के बीच मंत्री हरदीप पुरी इसका जवाब देते रहे लेकिन वह सुनाई नहीं दे रहा था। ऐसे में लगभग सात मिनट तक ही संसद की कार्रवाई चली। अध्यक्ष ओम बिरला ने दोपहर 02 बजे तक के लिए सदन की कार्रवाई स्थगित कर दी।
बिरला ने कांग्रेस को कठघरे में लियाए ये आपकी पार्टी के संस्कार है!
सदन में गतिरोध नहीं थमने और तख्तियों के साथ नारेबाजी करने से बिगड़े माहौल के बीच अध्यक्ष ओम बिरला ने कांग्रेस का नाम लिये बना पार्टी को कठघरे में लिया। वेणुगोपाल का नाम लेकर कहा, आप इनको ये सिखाते हैं।
अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा, आप इतने पुराने राजनीतिक दल के संसद सदस्य हो जिनका बहुत बड़ा योगदान इस सदन में मर्यादा और गरिमा के लिए रहा है। आप जिस राजनीतिक दल के सदस्य हो उस दल के लोग देखेंगे कि आप किस तरह से सदन में व्यवहार करते हैं। तख्तियां लेकर आते है। नारेबाजी करते हैं। मेजें ठोकते हैं। ये सदन की गरिमा के अनुकूल नहीं है। मैं आपसे फिर आग्रह करता हूं कि संसद की मर्यादा, गरिमा को बनाये रखो। दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है। हम जैसा आचरण करेंगे, देश की लोकतांत्रिक संस्थाओं में इसका क्या मैसेज जाएगा।
वेणुगोपालजी आप इनको ये सिखाते हो क्या! नारेबाजी करना, तख्तिया लेकर आना। ये आपकी पार्टी के संस्कार नहीं है। नई पीढ़ी जो कर रही है वह सारा देश देख रहा है।
लाखों लोगों ने आपको आकांक्षएं, अपेक्षाएं उठाने के लिए भेजा है। तख्तियां लहराने, मेजें तोड़ने के लिए नहीं भेजा है। तख्तियां लेकर आने पर सदन नहीं चलेगा। या तो सीट पर जाएं नहीं तो सदन की कार्रवाई दोपहर 02 बजे तक स्थगित की जाती है।
मुद्दा क्या है:
दरअसल बिहार में चुनाव से पहले वोटरलिस्ट की चल रही स्पेशनल स्क्रूटनिंग (एसआईआर) को रोकने की मांग विपक्ष कर रहा है। विपक्ष का आरोप है कि इस स्क्रूटनिंग के बहाने लाखों लोगों को मताधिकार से वंचित किया जा रहा है।
जानिये कौन क्या कह रहा!
चुनाव आयोग धांधली मचा रहा है और वो सिर्फ बीजेपी की सरकार बनाने के लिए काम कर रहा है। चुनाव आयोग अब इलेक्शन कमीशन नहीं रह गया वरन वह एक पार्टी का ऑफिस बनकर रह गया है। आयोग को अपने अंदर झांकना चाहिये। पूर्व के इलेक्शन कमिश्नरों का इतिहास देखना चाहिये। वे स्वतंत्र रूप से काम करते थेए कभी किसी के गुलाम नहीं बने थे।
सुखजिंदरसिंह रंधावा, सांसद कांग्रेस
हमारा मानना है कि पूरा विपक्ष आंदोलन कर रहा है। हम लोग दबाव बराबर बनाकर रखेंगे। लोगों को मताधिकार से वंचित न करें। चुनाव आयोग के खिलाफ आंदोलन जारी रखेंगे।
राजीव शुक्ला, काँग्रेस सांसद
विपक्ष की भी कई जिम्मेदारियां होती है। जिस तरह से इनका व्यवहार देश देख रहा है। ये लोग लोकतंत्र और संविधान का गला दबाते हैं। इतना चिल्लाते हैं, चीखते हैं रोजाना वैल में आ जाते हैं। मंत्री इतनी तैयारी करते हैं ये किसी की नहीं सुनते हैं। हमारे क्षेत्रों की जितनी जनता की डिमांड है मुश्किल से हमारा प्रश्न में नंबर लगता है रद्द हो जाता है। मेरा भी एक बार नंबर आया था।
कंगना रनौत, भाजपा सांसद