Movie prime

लोकसभा की कार्यवाही अब सभी 22 भाषाओं में उपलब्ध, 8 वीं अनुसूची में शामिल सभी 22 भाषाओं में अब अनुवाद होगा​​​​​​​

 

RNE Network.

भारतीय संसदीय इतिहास के लिए ये बड़ी महत्त्वपूर्ण उपलब्धि है कि अब लोकसभा की कार्यवाही देश की मान्यता प्राप्त सभी 22 भाषाओं में उपलब्ध होगी। इन सभी भाषाओं में अनुवाद अब उपस्थित रहेगा ताकि हर सांसद अपनी भाषा मे बात प्रभावी ढंग से कह सकेगा। अपनी संस्कृति को संसद में समझा सकेगा।
s

लोकसभा की कार्यवाही का अब संथाली सहित आठवीं अनुसूची में शामिल सभी 22 भाषाओं में अनुवाद होगा। पहले 18 भाषाओं में ही अनुवाद की व्यवस्था थी। इसका विस्तार करते हुए अब कश्मीरी, कोंकणी और संथाली भाषा को भी जोड़ा गया है। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने यह घोषणा की।
s

राजस्थानी केवल ताक रही:
 

इस निर्णय के बाद एक बार फिर राजस्थानी भाषा बोलने वाले लोगों के मन की टीस भी उभरी है। 12 करोड़ से अधिक लोगों की इस भाषा को लगातार जन प्रयासों व राज्य विधानसभा से प्रस्ताव पारित होने के बाद भी संवैधानिक मान्यता नहीं मिली है। राज्य से 25 सांसद है। खुद लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला राजस्थान के है, मगर अब भी राजस्थानी संवैधानिक मान्यता के लिए पूरा हक होने के बाद भी तरस रही है।