अधिकांश जिलों में ऑब्जरवर्स कई रायशुमारी पूरी, राहुल गांधी अब रिपोर्ट्स के आधार पर करेंगे चयन
50 जिलों के लिए 1500 से अधिक दावेदार
कई जिलों में होर्डिंग लगे, कई जगहों पर कहासुनी हुई
नये जिलाध्यक्षों में कई नाम रायशुमारी से आयेंगे, भले ही आवेदन नहीं
इस महीनें के अंत तक हो जायेगा जिलाध्यक्षों का चयन
मधु आचार्य ' आशावादी '
RNE Special.
राजस्थान में कांग्रेस का संगठन सृजन अभियान चल रहा है। जिलाध्यक्षों के चयन के लिए ऑब्जर्वर्स 4 अक्टूबर से अपने अपने दिए गए जिलों में घूम रहे थे। अब वे अध्यक्ष के लिए रायशुमारी पूरी करके वापस लौटने लगे है। लगभग ऑब्जर्वर्स लौट चुके है।
अब ये ऑब्जर्वर्स अपनी रिपोर्ट एआईसीसी को देंगे और उसके बाद राहुल गांधी इन ऑब्जर्वर्स से चर्चा करेंगे। समझा जा रहा है कि इस महीनें के अंत तक जिलाध्यक्षों के चयन का काम पूरा हो जायेगा। उसके बाद प्रदेश के पदाधिकारियों का चयन होगा।
50 जिलों के लिए 1500 आवेदन:
अब तक की सूचनाओं के अनुसार 50 जिलों में अध्यक्ष के लिए लगभग 1500 से अधिक लोगों ने आवेदन किये है। अध्यक्ष के लिए दावा करने वालों में जहाँ एकतरफ बड़ी संख्या, जो लगभग 60 फीसदी से अधिक है, युवा शामिल है, तो कई वरिष्ठ नेताओं ने भी अध्यक्ष के लिए दावा किया है। जो पहले सांसद, विधायक रह चुके है या फिर ये चुनाव लड़ चुके है। कुल मिलाकर इस बार युवा अध्यक्ष की जिम्मेवारी उठाने के लिए ज्यादा आगे आये है। यही राहुल गांधी चाहते भी थे।
अच्छी तकरार व हलचल रही:
जिलों में अध्यक्ष पर रायशुमारी के लिए जो बैठकें हुई उनमें चुनावी अंदाज का प्रचार देखने को मिला। कई जिलों में ' जिलाध्यक्ष प्रत्याशी ' लिखे होर्डिंग भी लगे।
अध्यक्ष की दौड़ में कई विधायक, पूर्व विधायक, पूर्व मंत्री और प्रदेश के पदाधिकारी तक शामिल है। वरिष्ठ नेताओं ने अपने चहेतों को आगे लाने की कोशिश में संगठनात्मक चुनाव को बहुत दिलचस्प बना दिया। प्रक्रिया पर पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने सवाल भी खड़े किए।
जिलाध्यक्ष के लिए होड़ इस कारण:
इस बार कांग्रेस में जिलाध्यक्ष के लिए होड़ होने की खास वजह भी है। राहुल गांघी व राष्ट्रीय अध्यक्ष खड़गे सीधे अध्यक्षों से जुड़े रहेंगे। टिकट चयन में भी इनकी मुख्य भूमिका होगी। ये अध्यक्ष राष्ट्रीय नेतृत्त्व से सीधे बात कर सकेंगे। इस वजह से जिलाध्यक्ष बनने की ज्यादा होड़ है।
6 का पैनल एआईसीसी जायेगा:
ऑब्जर्वर्स ने सबसे आवेदन लिए है। कई जिलों में तो 30 से 50 तक भी आवेदन आये है। मगर इन ऑब्जर्वर्स ने अपने स्तर पर रायशुमारी कर रिपोर्ट भी बनाई है। उसके आधार पर 6 नामों का पैनल हर जिले से राहुल गांधी के पास जायेगा। जिसमें से चयन होगा। अंतिम निर्णय राहुल गांधी ही करेंगे।
चकित करने वाले नाम भी सम्भव:
हर जिले में आवेदन करने वालों की संख्या अधिक है मगर घोषणा में चकित करने वाले नाम भी सामने आ सकते है। क्योंकि अनेक राज्यों में ऐसा हुआ भी है। राजस्थान में भी ये संभव है। फीडबैक के आधार पर बिना आवेदन के भी सीधे राहुल गांधी को ओर से जिलाध्यक्ष नियुक्त किया जा सकता है।
30 अक्टूबर तक प्रक्रिया पूरी:
कांग्रेस राजस्थान में सभी जिलाध्यक्षों के चयन का काम 30 अक्टूबर तक पूरा कर देगा। ताकि प्रदेश अध्यक्ष व प्रदेश पदाधिकारियों के चयन का काम भी समय पर पूरा हो सके।