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एक बार फिर अमित शाह के बयान से हलचल तेज हुई, बिहार के अगले सीएम पर शाह बोले, समय बतायेगा

दो गठबंधनों के बीच बंटने लगा है अब वोटर भी, मुकाबला साफ
छोटे दलों का इस बार असर ज्यादा होता दिखता नहीं
 

अभिषेक पुरोहित
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RNE Special.


चुनाव आयोग ने भले ही अब तक बिहार विधानसभा के चुनाव की तारीखें तय नहीं की, मगर चुनावी राजनीति राज्य में चरम पर पहुंच गई है। सभी ने अपनी राजनीतिक चौसर बिछाकर उस पर मोहरे चलने शुरू कर दिए है। इस कारण ही हर दिन बिहार में राजनीति सुलझने के बजाय उलझती ही जा रही है। 
 

बिहार की राजनीति का देश की राजनीति पर बड़ा असर सदा से पड़ता रहा है। इस बात को पीएम नरेंद्र मोदी व अमित शाह जितना जानते है, उतना ही राहुल गांधी भी जानते है। तभी तो इन सभी नेताओं ने अभी से बिहार में अपनी पूरी शक्ति झोंक दी है। अभी से ये तीनों नेता बिहार के चुनावी दौरे करने लग गए है। मतलब साफ है, इन नेताओं ने बिहार चुनाव को अपनी प्रतिष्ठा का प्रश्न बना लिया है।
 

बिहार में नीतीश और लालू का जोर:
 

चाहे देश या बिहार का कोई बड़ा नेता आ जाये, मगर बिहार का चुनाव सदा ही लालू प्रसाद यादव व नीतीश कुमार पर केंद्रित रहता है। ये कभी साथ आते है तो कभी अलग चले जाते है। मगर भाजपा हो या कांग्रेस, दोनों इनके बिना बिहार में लोकसभा या विधानसभा का चुनाव लड़ ही नहीं पाते है। इस बार भी यही है। एक तरफ लालू तो दूसरी तरफ नीतीश है, और ये दोनों राष्ट्रीय पार्टियां इनके पीछे है।
 

दो गठबंधनों में मुकाबला:
 

इस बार बिहार विधानसभा का चुनाव दो बड़े गठबंधनों के मध्य होगा। पहला गठबन्धन है एनडीए। जिसकी केंद्र व बिहार में सरकार है। बिहार में इस गठबन्धन में भाजपा, जेडीयू, चिराग, मांझी, कुशवाहा शामिल है। दूसरा गठबन्धन है महागठबन्धन या इंडिया गठबन्धन। इसमें कांग्रेस, आरजेडी, वाम दल व मुकेश सहनी है।
 

जनता भी इन दोनों गठबंधनों के बीच ही बंटी हुई दिखती है। कहने को कई छोटे राजनीतिक दल भी है। मगर लगता है इस बार मुकाबला इन दोनों गठबंधनों के मध्य ही होगा।
 

शाह के बयान से राजनीति गर्माई:
 

एक साक्षात्कार में 4 दिन पहले गृहमन्त्री अमित शाह ने कहा कि हम चुनाव मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्त्व में लड़ रहे है। जब उनके अगले सीएम के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि इसका निर्णय तो चुनाव परिणाम के बाद ही पता चलेगा।
 

इस बयान से भाजपा व जेडीयू नेताओ के बीच जंग छिड़ी हुई है। अब ये जंग चुनाव पर भी असर डालेगी। हालांकि भाजपा इस डेमेज को कंट्रोल करने में लगी हुई है और बारबार नीतीश की अगुवाई में चुनाव लड़ने की बात दोहरा रही है।