Movie prime

जिलों से प्रदेश तक में नहीं हो रही राजनीतिक नियुक्तियां, भजनलाल सरकार की धीमी रफ्तार से नेता, कार्यकर्ता अब शिथिल हुए

मंत्रिमंडल विस्तार व प्रदेश कार्यकारिणी गठन के बाद ही आसार
बड़े नेताओं को भी नहीं मिल रही है जिम्मेवारी
मदन राठौड़ भी पुरानी टीम से चला रहे काम
 

मधु आचार्य ' आशावादी '
d

RNE Special.
 

राज्य में भजनलाल सरकार को गठित हुए दो साल हो रहे है मगर अभी तक भी राजनीतिक नियुक्तियां अटकी हुई है। जिला व राज्य स्तर पर बड़ी संख्या में पार्टी के नेताओं व कार्यकर्ताओं को एडजेस्ट किया जाता है ताकि उनकी सत्ता में भागीदारी हो। उनको लगे कि उनका, उनकी पार्टी का शासन है। मगर वो अहसास नेताओं व कार्यकर्ताओं को कराने में भाजपा सरकार अब तक तो सफल नहीं हो पाई है।

d

इस शिथिलता व लेट लतीफी का असर नेताओं व कार्यकर्ताओं पर साफ दिख रहा है। पार्टी ने जब सदस्यता अभियान चलाया तब भी उसमें कार्यकर्ता ज्यादा सक्रिय नहीं था, वजह उनको एडजेस्ट न कर पाना ही था।
 

बड़े नेताओं की भी नियुक्तियां नहीं:
 

चुनावी व राजनीतिक कारणों से भजनलाल सरकार ने कुछ नेताओं को ही राजनीतिक पद दिए। वो उस समय की राजनीतिक मजबूरी थे। कईयों को लोकसभा में टिकट नहीं मिला तो कुछ विधानसभा में टिकट से वंचित रह गए थे। कुछ को उप चुनाव के समीकरण देखकर नियुक्त किया गया था।
 

भजनलाल सरकार ने सी आर चौधरी, जसवंत विश्नोई, ओंकार सिंह लखावत, अरूण चतुर्वेदी, रामगोपाल सुथार आदि को तो समयानुकूल राजनीतिक नियुक्तियां दी। मगर अब भी राजेन्द्र राठौड़, सतीश पूनिया, बिहारी विश्मोई, सुभाष महरिया, सुरेंद्र पाल सिंह टीटी आदि को कोई नियुक्ति नहीं दी गयी है। इनकी सेवाओं व राजनीतिक अनुभव का लाभ सरकार को नहीं मिल रहा है।
 

जिलों में भी कार्यकर्ता हताश:
 

हर जिले में कुछ सक्रिय कार्यकर्ता ऐसे होते है जिनको संगठन में पद नहीं मिल पाते। उनको जिला स्तर की नियुक्तियां देकर संतोष का अहसास कराया जाता है। जिला स्तर पर कुछ नेता ऐसे भी होते है जिनको प्रदेश में, प्रदेश संगठन में पद देकर संतुष्ट किया जाता है। उनको भी अभी तक एडजेस्ट नहीं किया गया है। वे लोग अब हताश है और उदासीन से हो गए है।
 

मंत्रिमंडल विस्तार पहले होगा:
 

माना जा रहा है कि मंत्रिमंडल विस्तार पहली प्राथमिकता है। अभी भी यहां 6 पद रिक्त पड़े है। इनको भरने की कवायद भी काफी समय से चल रही है। मगर अभी तक पार नहीं पड़ी है। 
 

अब माना जा रहा है कि मंत्रिमंडल का विस्तार व पुनर्गठन पहले होगा और उसके बाद कहीं जाकर राजनीतिक नियुक्तियों का नम्बर आएगा। इस हालत में यह माना जा रहा है कि राजनीतिक नियुक्तियों में अब भी समय लगेगा।
 

राठौड़ के पास भी पुरानी टीम:

d

मदन राठौड़ को प्रदेश अध्यक्ष बने 6 माह हो गए है, लेकिन अभी तक भी भाजपा की प्रदेश कार्यकारिणी का गठन नहीं हुआ है। राठौड़ को उस टीम से ही काम चलाना पड़ रहा है जिसे सी पी जोशी ने बनाया था।
प्रदेशाध्यक्ष राठौड़ कह भी चुके है कि इस बार की प्रदेश कार्यकारिणी में कुछ विधायक व मंत्री भी शामिल हो सकते है।

 

इस बयान के बाद तो यह भी लगने लग गया है कि पहले प्रदेश कार्यकारिणी का गठन होगा, उसके बाद मंत्रिमंडल विस्तार व पुनर्गठन होगा। राजनीतिक नियुक्तियों का नम्बर तो फिर देर से ही आयेगा

FROM AROUND THE WEB