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Politics on Kirori Lal's raid : सचिन के ‘निशाना कहीं ओर’ कमेंट पर बिफरे कृषि मंत्री किरोड़ीलाल

 
किरोड़ी लाल मीणा

RNE Bikaner, Shriganganagar, Jaipur.

कृषि मंत्री किरोड़ीलाल मीणा ने प्रदेशभर के बीज, खाद गोदामों पर खुद पहुंचकर छापे मारने का जो क्रम शुरू किया है वह पिछले 24 घंटे से बीकानेर संभाग में चल रहा है। शनिवार रात को बीकानेर पहुंचे मंत्री मीणा ने अधिकारियों की टीम के साथ लगभग 20 गोदामों में पहुंचे। यहां कइयों के ताले लगे थे। इन तालों केा तुड़वाकर जांच करवाई गई। इस मौके पर जब उन्होंने कृषि अधिकारियों से गोदामों के बारे में जानकारी मांगी तो वे बगले झांकने लगे। अधिकारियों को गोदामों की जानकारी नहीं हेाने से मंत्री उन पर जमकर बिगड़े। यहां कुछ गोदामों के ताले नहीं टूट पाए। ऐसे में उनकी जांच करने का जिम्मा अधिकारियों को दिया।

देर रात तक बीकानेर में गोदामों पर छापेमारी करने के बाद अलसुबह मीणा श्रीगंगानगर जिले में प्रवेश कर गये। मंत्री मीणा ने श्रीगंगानगर जिले के सूरतगढ़ में बीज-खाद के गोदाम पर छापा मारा। जिस गोदाम में छापा मारा गया है वह कोरोमंडल कंपनी का है। इसमें लगभग 32 हजार कट्टे खाद के मिले हैं। इनकी कीमत लगभग 50 करोड़ रुपए आंकी गई है। इतनी भारी मात्रा में खाद का स्टॉक होना कालाबाजारी की दृष्टि से भी देखा जा रहा है। सचिन की टिप्पणी-मामला कुछ और है!

Sachin pilot

दूसरी ओर छापेमारी पर राजनीति भी शुरू हो गई है। पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने  मंत्री किरोड़ीलाल मीणा की ओर से की जा रही छापेमारी पर एक टिप्पणी की है। सचिन पायलट ने कहा था कि ‘मंत्री खुद छापेमारी कर रहे हैं। उनकी कार्रवाई से सत्ता के बड़े केन्द्र विचलित हैं। लगता है मामला सिर्फ मिलावट का नहीं वरन सत्ता के भीतर का कोई खेल है।’

बिफरे किरोड़ी : सचिन को शर्म आनी चाहिये

सचिन पायलट की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए कृषि मंत्री किरोड़ीलाल मीणा बिफरते हुए नजर आये। बोले, सचिन पायलट पूछ रहे हैं किसे एक्सपोज क रहे हैं। उन्हें शर्म आनी चाहिये। वो अपने आप को किसान का बेटा कहते हैं। राजेश पायलट बड़े किसान नेता थे। हम उन लोगांे को पर छापामारी कर रहे हैं जो कालाबाजारी करते हैं। अपने मुनाफे के लिए किसानों को नुकसान पहुंचाते हैं। इसमें सचिन पायलट को राजनीति नहीं देखनी चाहिये।

बीकानेर में छापामारी पर ये बोले किरोड़ीलाल : 

बीकानेर में कृषि विभाग द्वारा किए गए निरीक्षण के दौरान लगभग सात ऐसे अवैध गोदामों पाए गए जो विभाग में पंजीकृत नहीं हैं। इन गोदामों में मूंगफली, ग्वारफली आदि के बीजों के साथ-साथ कीटनाशक, उर्वरक, जैव उद्दीपक (बायो स्टिमुलेंट) जैसी कृषि सामग्री का अवैधानिक रूप से भंडारण किया गया है। 

न गोदामों में संचित उत्पाद न केवल विभागीय मानकों से परे है, बल्कि अधिकांश उत्पाद गुणवत्ता हीन, अमानक एवं नकली हैं, जो कृषक समुदाय और उनकी उपज के लिए अत्यंत घातक हैं। इस प्रकार की कुटिल गतिविधियाँ न केवल कृषि व्यवस्था को प्रभावित करती हैं, अपितु किसानों की आजीविका एवं खेतों की उर्वरता को भी प्रत्यक्ष रूप से नुकसान पहुँचाती हैं।

राज्य सरकार को किसान और खेती के हितों से कोई भी प्रकार का खिलवाड़ कदापि स्वीकार्य नहीं है। प्रदेश सरकार कृषकों के अधिकारों की रक्षा के प्रति पूर्णतः प्रतिबद्ध है और इस दिशा में कठोरतम कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।