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सचिन पायलट के पुत्र आरान पायलट सड़कों पर उतरे, अरावली के मुद्दे पर पिता के साथ जयपुर की सड़कों पर प्रदर्शन

नेता पुत्रों को मिलेगी बड़ी चुनोती
अब कैसे कोई कहेगा ' रगड़ाई ' नहीं हुई
पायलट का एक्शन से उन पर लगे आरोपों का जवाब
 

मधु आचार्य ' आशावादी '
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RNE Special.
 

एक व्यक्ति जब अपने भविष्य का निर्माण करता है तो वह सदैव वर्तमान में जीता है। क्योंकि जीवन वर्तमान में ही धड़कता है। मगर वर्तमान सुगम हो, गौरवमयी हो, भविष्य की बेहतर नींव रखने वाला हो, तो इन सबके लिए जरूरी है भूतकाल का भान होना। ताकि उस काल की गलतियों को वर्तमान में सुधारा जा सके। तभी बेहतर भविष्य का निर्माण होना सम्भव रहता है।
 

राजनीति में भी जिस चीज का सबसे अधिक महत्त्व होता है, वह है विरासत। विरासत की नींव पर नेता अपने भविष्य की इमारत को खड़ा करता है, मेहनत वर्तमान में होती है। जो नेता अपनी विरासत को संभाल उसके उज्ज्वल रूप को अपनाता है और जनता के बीच रहकर उसका हमदर्द बनता है, उसका ऊंचाईयों पर जाना निश्चित होता है।

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राजस्थान की राजनीति में पायलट परिवार को इस नजरिये से हम देख सकते है। स्व राजेश पायलट ने जमीनी स्तर पर जनता से सरोकारित होकर राजनीति की। उस विरासत को सचिन पायलट ने आगे बढ़ाया। केंद्र में मंत्री रहे। राजस्थान कांग्रेस के अध्यक्ष बने और पार्टी को सत्ता में लाये। उप मुख्यमंत्री बने और अब एआईसीसी के महासचिव व छत्तीसगढ़ प्रभारी है। कुल मिलाकर विरासत को सचिन ने संभाला और आगे बढ़ाने का काम किया।
 

रगड़ाई की बात चुभी हुई है:
 

राज्य की राजनीति में जब अशोक गहलोत व सचिन पायलट आमने - सामने हुए तब पायलट को खूब सुनना पड़ा। उन्हें निकम्मा, नाकारा तक कहा गया। यह भी कहा गया कि उन्हें राजनीति में सब कुछ आसानी से मिल गया, पहले रगड़ाई नहीं हुई। ये बात उनको अशोक गहलोत ने कही थी।

' रगड़ाई ' शब्द तब से ही उनको चुभ गया। उन्होंने लाख उकसाने के बाद भी कांग्रेस नहीं छोड़ी और सीडब्ल्यूसी तक पहुंच गए। पायलट ने अपने एक्शन से अपने पर लगे आरोपों का जवाब दिया है। यही विरासत वह अपनी अगली पीढ़ी को भी सुपुर्द कर रहे है।
 

पायलट के पुत्र आरान की एंट्री:
 

अब राजनीति में सचिन पायलट के पुत्र आरान की भी एंट्री हो गयी है। सत्ता के सहारे उनको राजनीति में नहीं उतारा जा रहा है। उनको पहले आंदोलन में उतारा गया है, मतलब सीधे रगड़ाई से शुरुआत हुई है। ताकि बाद में कोई सचिन जैसे आरोप उन पर न लगा सके।

अरावली के मुद्दे पर एनएसयूआई ने जयपुर में प्रदर्शन किया तब उसमें पिता सचिन पायलट शामिल हुए तो पुत्र आरान पायलट भी सड़क पर पैदल मार्च में शामिल थे। पिता - पुत्र दोनों ही आंदोलन में शामिल थे। आरान की सड़क व आंदोलन से शुरुआत कराने का अर्थ ये है कि उनको अब विधिवत राजनीति में उतारा जा रहा है। आरान प्रदर्शन में सबसे घुले मिले भी और आकर्षण का केंद्र भी थे। कुल मिलाकर अशोक गहलोत के पुत्र वैभव के बाद अब सचिन पायलट के पुत्र आरान पायलट की भी राजनीति में  विधिवत एंट्री हो गयी है।

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