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रणकपुर में गृहमन्त्री की इन दो नेताओं से अलग हुई मुलाकात, राठौड़ को कार में साथ भी ले गए

बाकी नेताओं से औपचारिक, इन दो से अनोपचारिक बात
राजे शादी में शाह के जाने के बाद पहुंची
भाजपा के भीतर इन मुलाकातों, औपचारिकता से हलचल तेज
 

मधु आचार्य ' आशावादी '
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RNE Special.


अगले महीने राज्य की भजनलाल सरकार को दो साल पूरे हो रहे है। उससे पहले मंत्रिमंडल विस्तार, राजनीतिक नियुक्तियां और संगठन के प्रदेश पदाधिकारियों का मनोनयन होना है। ये सब काम इस वजह से भी महत्त्वपूर्ण है कि बाद में स्थानीय निकाय व पंचायती राज के चुनाव होने है।

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पिछ्ले दिनों मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा दो दिन दिल्ली रहकर आये। इस दिल्ली प्रवास में उन्होंने केंद्र के पार्टी नेताओं से बातचीत की। जाहिर है, इन तीन मसलों पर ही बात हुई। हाल ही में भाजपा अंता उप चुनाव में हारी है। कांग्रेस ने भाजपा से यह सीट छीनी है। उसके बाद से ही मंत्रिमंडल विस्तार व राजनीतिक नियुक्तियों की चर्चा तेज हुई है। सीएम भी दिल्ली गये थे।
 

ओम माथुर के यहां शादी खास बनी:
 

रणकपुर में सिक्किम के राज्यपाल ओम माथुर की पौत्री की शादी थी। माथुर एक समय में भाजपा के बड़े चुनावी रणनीतिकार थे। उत्तर प्रदेश, बनारस, महाराष्ट्र आदि राज्यों के चुनाव उन्होंने प्रभारी रहते हुए जितवाये थे। बाद में उनको सिक्किम का राज्यपाल बना दिया गया था, जिस पद पर वे वर्तमान में है।

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उनकी पोती की शादी में राज्य के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा, पूर्व सीएम वसुंधरा राजे, मदन राठौड़, सतीश पूनिया, राजेन्द्र राठौड़, कई मंत्री आदि रणकपुर पहुंचे। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी खास तौर पर शादी समारोह में पहुंचे थे। शाह के राजनीतिक कदम हमेशा गुपचुप तरीके से उठते है, यह सभी को पता है। इस कारण उनकी गतिविधियों पर सब की नजर रहती है।
 

पूनिया के पास गये शाह:
 

मंच पर दुल्हन को आशीर्वाद देने शाह के सहित सभी नेता पहुंचे हुए थे। कोने में अपने स्वभाव के अनुसार चुपचाप सतीश पूनिया भी खड़े थे। पूनिया पिछला विधानसभा चुनाव थोड़े से वोटों से हार गए थे। मगर बाद में उन्होंने पहले हरियाणा और फिर दिल्ली, अभी बिहार चुनाव में विशेष काम किया था।

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शाह की नजर अचानक पूनिया पर पड़ी तो वे तुरंत उनके पास गए। नमस्कार हुई और उनसे धीमे धीमे वे हाथ पकड़कर कुछ देर बात भी करते रहे। सब की नजरें वहीं टिकी हुई थी। उनसे बात करके शाह वापस मुड़ गये।
 

राजेन्द्र राठौड़ को साथ ले गए:
 

मंच से उतरते समय कोने में सहज भाव से खड़े दिग्गज नेता राजेन्द्र राठौड़ पर अमित शाह की नजर पड़ी। उन्होंने हाथ से ईशारा करके उनको पास बुलाया और बात करने लगे। राठौड़ अशोक गहलोत की सरकार के समय नेता प्रतिपक्ष थे। मगर विधानसभा चुनाव वे तारानगर से लगभग 10 हजार वोटो से हार गए थे।

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अभी उनके पास बिहार में 12 विधानसभा सीटों की जिम्मेदारी थी, जिनमे से 11 पर भाजपा जीती। शाह ने राठौड़ से पास बुलाकर बात की और जाते समय कार में हेलीपेड तक साथ ले गये। बाकी बातें उन्होंने कार में ही उनसे की।
 

इन दो मुलाकातों से हलचल:
 

वहां राज्य की भाजपा सरकार व पूरी पार्टी खड़ी थी। सबने इन दो नेताओं से शाह की ये मुलाकात देखी। अब राजनीतिक हलचल होना स्वाभाविक ही था। कयासों का बाजार अब भी गर्म है। आने वाले समय में भाजपा में होने वाले निर्णयों से ही इन मुलाकातों के परिणाम का पता चलेगा।
 

राजे पहुंची शाह के जाने के बाद:

पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे भी ओम माथुर के यहां के इस शादी समारोह में पहुंची। मगर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के वहां से निकल लेने के बाद। इस बात की भी खासी चर्चा हुई जो अभी तक चल रही है।
आने वाले समय में भाजपा के भीतर बहुत कुछ नया घटित होने वाला है, यह संकेत तो इन गतिविधियों से मिलता ही है।

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