Skip to main content

मोटूलाल का सवाल- ट्रस्ट की जमीन पर दूसरा कैसे कर सकता है निर्माण !

  • पूनरासर : हनुमानजी ट्रस्ट बोला-जमीन ट्रस्ट की, हम बनवाएंगे विशाल मंदिर
  • मोटूलाल का सवाल- ट्रस्ट की जमीन पर दूसरा कैसे कर सकता है निर्माण !

RNE, PUNRASAR-BIKANER 

लाखों लोगों की आस्था के केन्द्र पूनरासर हनुमान धाम में भव्य मंदिर बनाने की घोषणा पर एक बार फिर विवाद के बादल मंडरा गये हैं। पूनरासर भक्त मंडल की मीटिंग में जहां 16 सितंबर से निर्माण शुरू होने की बात कही गई है वहीं इस घोषणा पर श्रीपूनरासर हनुमानजी ट्रस्ट ने हैरानी जताई है। ट्रस्टी मोटूलाल हर्ष ने कहा, मंदिर परिसर की पूरी जमीन का पट्टा ट्रस्ट के नाम से हैं। ट्रस्ट यहां सालों पहले निर्माण शुरू करवा चुका है जिस पर कई लोगों ने कोर्ट में वाद किया। इन सबका निस्तारण हो चुका है और जमीन के मालिकाना हक की पुष्टि ट्रस्ट के पक्ष में हो चुकी है। इतना ही नहीं नये सिरे से निर्माण की सभी योजनाएं बन चुकी है। निर्माण शुरू करने के एक साल में ही भव्य मंदिर बनाने की पूरी योजना है। ऐसे में कोई अन्य पक्ष यहां मंदिर बनाने की घोषणा करता है तो वह पूरी तरह अवैध है।

ट्रस्ट के नक्शे के हिसाब से ऐसा होगा बाबा पूनरासर धाम :

ट्रस्टी मोटूलाल हर्ष का कहना है, श्रीपूनरासर हनुमानजी ट्रस्ट की योजना के मुताबिक ख्यातनाम वास्तुशिल्पी मुकेश कन्हैयालाल सोमपुरा से मंदिर का प्रारूप बनवाया गया है। इस लिहाज से मंदिर का एरिया और निज मंदिर निर्माण परिसर भी तय हो चुका है। योजना इस लिहाज से बनाई गई है जिस दिन निर्माण शुरू होगा उसके एक वर्ष में काम पूरा किया जा सके। इस लिहाज से देशभर से कुशल मिस्त्री, शिल्पी आदि की चयन प्रक्रिया शुरू कर रहे हैं।

जमीन के स्वामित्व का दावा :

दावा किया गया है कि मंदिर निर्माण के लिहाज से श्रीपूनरासर हनुमानजी ट्रस्ट का गठन हुआ और ग्राम पंचायत ने 13876 दरगज का पट्टा जारी किया। यह जगह कम हेाने से चुन्नाराम, ओमनाथ, रामेश्वर नाथ, श्रवणगर, आदि से भी ट्रस्ट ने जमीन खरीदी। इस खरीदी गई 10084 दरगज जमीन का भी ट्रस्ट के पक्ष में पट्टा बना। खरीद और पट्टेशुदा जमीन पर मंदिर का निर्माण शुरू हो गया। 78 कमरों का परकोटा बनाया। पुराने छोटे मंदिर की जगह 5000 वर्गफीट के नये मंदिर का निर्माण शुरू हुआ। छत तक मंदिर बन गया।

यूं शुरू हुआ विवाद : 

ट्रस्टी हर्ष के मुताबिक नंदलाल बागड़ी की ओर से मंदिर पर अपना अधिकार होने का दावा किया गया जिससे निर्मााण रूक गया। इस मामले में श्रीडूंगरगढ़ न्यायालय का निर्णय ट्रस्ट के पक्ष में आया। बागड़ी ने निर्णय के विरूद्ध अपील की। अपील में पहले स्थगन आदेश और बाद में मूल अपील 12 अप्रैल 2023 को खारिज हो गई।

ट्रस्टी हर्ष का दावा है कि पुजारियों की ओर से कुएं की जमीन का पट्टा बनवाया जिसे श्रीडूंगरगढ़ पंचायत समिति ने खारिज कर दिया।

भक्त मंडल की मीटिंग में निर्माण की बात : 

गौरतलब है कि दो दिन पहले हुई एक मीटिंग में घोषणा की गई कि 16 सितंबर से पूनरासर हनुमान मंदिर का निर्माण शुरू होगा। इस मीटिंग के आयोजनकर्ता पूनरासर भक्त मंडल बताये गये।

यह भी पढ़े :