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हरियाणा के 11 हजार सरकारी टीचर पर गिरेगी गाज, सीबीआई जांच शुरू 

कई जिलों का स्कूल में दाखिल बच्चों का रिकार्ड ही हुआ गायब 
 

हरियाणा के शिक्षा विभाग में मिड-डे-मिल में बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। इस फर्जीवाड़े में हरियाणा के 11 हजार शिक्षक के अलावा कई सीनियर अधिकारी नपने वाले है। यह फर्जीवाड़ा थोड़ा बहुत नहीं बल्कि 300 करोड़ रुपये का है। इस फर्जीवाड़े को करने के लिए वर्ष 2014 से 2016 के बीच सरकारी स्कूलों में 4 लाख फर्जी दाखिले दिखा दिए और उनके आने वाले मीड-डे मील को खुद इंचार्ज हजम गए गए।

मीड -डे मील घोटाला करने के मामले में सीबीआई ने जांच शुरू कर दी है। सीबीआई की टीमों ने मई-जून में लगातार डेढ़ माह नूंह के सरकारी स्कूलों का पुराना रिकॉर्ड खंगाला। अब पंचकूला, अम्बाला, कैथल, करनाल व कुरुक्षेत्र के स्कूलों का रिकॉर्ड खंगाला जा रहा है। इस दौरान मिड-डे मील इंचार्ज व शिक्षकों से भी पूछताछ की जा रही है। सीबीआई ने प्रदेशभर के करीब 11 हजार से ज्यादा मिड-डे मील इंचार्ज, सैकड़ों बीईओ, डीईईओ के अलावा 2 एचसीएस अधिकारियों को नोटिस भी जारी किया है।

विजिलेंस ने नूंह, गुरुग्राम, रेवाड़ी, नारनौल आदि जिलों के स्कूलों का रिकॉर्ड तलब किया था, जिनमें काफी संख्या में फर्जी दाखिले मिले। इसके बाद प्रदेशभर के 12,924 स्कूलों का रिकॉर्ड खंगाला गया। इसमें सिर्फ सोनीपत व झज्जर जिले का रिकॉर्ड ही सही मिला था। 

इन 14 जिलों में फर्जी दाखिले का रिकॉर्ड भी गायब

हाईकोर्ट द्वारा जांच के आदेश के बाद फर्जीवाड़े में शामिल लोगों में हड़कंप मच गया। सीबीआई द्वारा जांच में सामने आया कि 14 जिलों के साढ़े 11 हजार स्कूलों में 4 लाख फर्जी दाखिले दिखाए। अम्बाला, करनाल, जींद, पानीपत, कुरुक्षेत्र, कैथल के स्कूलों में 50,687 बच्चों का रिकॉर्ड नहीं मिला। अम्बाला के 16 में से 6 और कुरुक्षेत्र के 52 में से 17 स्कूलों का रिकॉर्ड गायब मिला। हिसार, सिरसा, फतेहाबाद, भिवानी में जांच के दौरान 5,735 बच्चे ड्रॉप आउट दिखाए गए।