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High Court CET Case : सीईटी 2025 का मामला पहुंचा हाईकोर्ट,  हाईकोर्ट ने आयोग से मांगा जवाब 

हाईकोर्ट ने पक्ष को सुना और इसके लिए आयोग से जवाब मांगा है। हालांकि इस तरह के अभ्यार्थियों की काफी संख्या है, जिनका आवेदन तो आयोग ने स्वीकार कर लिया था, लेकिन उनका एडमिट कार्ड जारी नहीं हुआ। इसके कारण काफी युवा परीक्षा से वंचित रह गए है।
 

सामान्य पात्रता परीक्षा (सीईटी) का मामला पंजाब व हरियाणा हाईकोर्ट में पहुंच गया है। जहां पर परीक्षा के लिए आवेदन करने वाले अभ्यार्थी ने एडमिट कार्ड जारी नहीं होने पर परीक्षा देने की अनुमति मांगी है। इस पर हाईकोर्ट ने पक्ष को सुना और इसके लिए आयोग से जवाब मांगा है। हालांकि इस तरह के अभ्यार्थियों की काफी संख्या है, जिनका आवेदन तो आयोग ने स्वीकार कर लिया था, लेकिन उनका एडमिट कार्ड जारी नहीं हुआ। इसके कारण काफी युवा परीक्षा से वंचित रह गए है।

अब यह मामला हाईकोर्ट में पहुंच गया है और इसके लिए पेंच फंस गया है। अभ्यार्थियों की मांग को सही मानते हुए हाई कोर्ट के जस्टिस विनोद एस भारद्वाज ने दोनों पक्षों को पत्र दायर करने के आदेश दिए है।  हाईकोर्ट में याचिका दायर करने वाले अभ्यार्थी ने कहा कि सीईटी परीक्षा के लिए उसने आवेदन भी समय पर किया था और सभी दस्तावेज के साथ फीस का भुगतान भी किया है। लेकिन जब जब एडमिट कार्ड जारी हुए तो उसका  नाम ही नहीं था।

जबकि वह इस परीक्षा के लिए लंबे समय से तैयारी कर रहा था। उसने हाईकोर्ट से अनुरोध किया कि हरियाणा कर्मचारी चयन अयोग को आदेश जारी करे कि वह 26 और 27 जुलाई को आयोजित की जा रही लिखित परीक्षा में बैठने की अनुमति दे। भिवानी निवासी सुरेंद्र सिंह व अन्य ने कोर्ट को बताया कि याचिकाकर्ताओं ने आवेदन पत्र भरकर सभी आवश्यक दस्तावेज अपलोड कर दिए हैं।

सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के वकील ने कोर्ट को बताया कि आयोग द्वारा ऐसे उम्मीदवारों के भी एडमिट कार्ड जारी किए गए हैं जिनके दस्तावेज अधूरे है याचिकाकर्ता के वकील ने एडमिट कार्ड की प्रति सरकारी वकील को दी। दोनों पक्षों की बहस के बाद कोर्ट ने सुनवाई शुक्रवार को निश्चित करते हुए इस बारे दोनों पक्षों को शपथ पत्र दायर करने का आदेश दिया।