Cooling Corridor : दो इतिहासिक मंदिरों को जोड़ने के लिए बनेगा साढ़े 3 किमी लंबा कूलिंग कॉरिडोर
एमपी में सिंहस्थ से पहले भगवान पशुपतिनाथ मंदिर लोक बनने के साथ ही शिवना शुद्धिकरण व रिवर फ्रंट के साथ यहां नए ब्रिज भी बनकर तैयार होंगे। इसके साथ फोरलेन टू लेन सफर को आसान करेंगे। इन सबके साथ पर्यटकों की सुविधा के लिए साढ़े तीन किमी का कूलिंग कॉरिडोर भी डेढ़ करोड़ रुपए की लागत में यहां बनेगा।
जो पशुपतिनाथ मंदिर से लेकर नालछा माता मंदिर तक बनेगा। इसमें मौसम की अनुकूलता के अनुसार वातावरण तैयार किया जाएगा और हरियाली के बीच भक्तों को मंदिर आने-जाने में परेशान नहीं होना पड़ेगा और इस कॉरिडोर में घुमते हुए दोनों मंदिरों पर पहुंचकर दर्शन कर सकेंगे। प्रशासन ने इसके लिए प्रस्ताव तैयार कर लोक निर्माण विभाग के माध्यम से भेजा है। सिंहस्थ कार्ययोजना में बने इस प्रस्ताव को मंजूरी के बाद इस पर काम शुरू होगा।
पदयात्रियों के लिए कारगर रहेगा कॉरिडोर
नालछा माता मंदिर पर नवरात्र और खासकर गर्मी में चैत्र नवरात्र में नंगे पैर आने वाले पदयात्रियों के अलावा भी सावन माह में भगवान पशुपतिनाथ मंदिर पर आने वाले कावड़ यात्रियों के अलावा दोनों मंदिरों पर आने वाले भक्तों को कुलिंग कॉरिडोर बनने से सुविधा मिलेगा। कॉरिडोर बनने से दोनों मंदिरों पर आने वाले पदयात्रियों की संया में भी इजाफा होगा।
पशुपतिनाथ कॉरिडोर बनने के बाद यहां बढ़ने वाली भक्तों की संख्या के बीच इस कॉरिडोर को बनाया जा रहा है। जिससे यहां आने वाले भक्त बायपास से शहर से बाहर जाने से पहले पशुपतिनाथ महादेव के बाद नालछा माता मंदिर पर भी रूकेंगे। इससे पर्यटकों की आवाजाही बढ़ेगी और नए अवसर तैयार होंगे।
आस्था के दो प्रमुख स्थल देंगे अर्थव्यवस्था को गति
शहर सहित जिलेवासियों के लिए पशुपतिनाथ मंदिर व नालछा माता मंदिर दोनों प्रमुख आस्था के केंद्र है। ऐसे में यहां आवागमन से लेकर भक्तों की सुविधा से जुड़े कई काम हो रहे है। बड़े प्रोजेक्ट से आने वाले दिनों में यहां का स्वरूप बदला हुआ दिखेगा। इस बीच दोनों मंदिरों को इस प्रोजेक्ट से जोडकर पर्यटको की सुविधाओं में इजाफा करने के साथ हरियाली को बढ़ावा देने के अलावा रोजगार के नए अवसर भी तैयार होंगे। इससे शहर की अर्थव्यवस्था को भी गति मिलेगी।
मंजूरी के बाद शुरू होगा काम
लोक निर्माण विभाग के कार्यपालन मंत्री नितेश सुल्या ने बताया कि जिला प्रशासन के मार्गदर्शन में दोनों मंदिरों को जोडने के लिए कुलिंग कारिडोर की योजना तैयार की है। मंजूरी के बाद इस पर काम शुरू किया जाएगा।