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Crop Compensation : हरियाणा में फसल मुआवजा को लेकर आया अपडेट, इतने दिनों के बाद मिलेगा खराब फसल का मुआवजा 

 

हरियाणा के किसानों को खराब हुई फसल के मुआवजा के लिए अभी इंतजार करना पड़ेगा। फिलहाल विभाग के पास पटवारियों की कमी के चलते गिरदावरी की प्रक्रिया प्रभावित हो रही है। इसके कारण गिरदावरी का काम पूरा नहीं होने के चलते मुआवजे में देरी होगी। प्रदेश में पटवारियों को कमी इस प्रक्रिया में बाधा उत्पन्न कर रही है।

वर्तमान में हरियाणा में केवल 1500 पटवारी हैं, जबकि 6397 गांवों के 5.30 लाख किसानों ने क्षतिपूर्ति पोर्टल पर 31 लाख एकड़ से अधिक क्षेत्र में नुकसान का दावा किया है। इसमें एक माह तक का समय लगेगा। ऐसे में गेहूं बिजाई तक ही मुआवजा मिलना संभव है। दरअसल पिछले तीन दिनों में केवल तीन लाख एकड़ का ही सत्यापन हो पाया है।

द रेवेन्यू पटवार एवं कानूनगो एसोसिएशन के राज्य प्रधान जयवीर चहल के अनुसार औसतन 31 लाख एकड़ को फिजिकल सत्यापन में एक माह से अधिक का समय लग सकता है। दूसरी समस्या, तकनीकी आधार पर पटवारियों की लागिन आइडी की है। सिरसा से जिला कानूनगो पटवारी एसोसिएशन के प्रधान लाभसिंह ने बताया कि सिरसा में केवल 50 पटवारियों की लागिन आइडी है, जिन पर वे क्षतिपूर्ति पोर्टल पर आए आवेदनों का सर्वे कर रहे हैं। एचकेआरएन और नए अंडर ट्रेनी पटवारियों को सर्वे का काम नहीं सौंपा गया है। एक पटवारी के पास से 7 गांवों का चार्ज है, जिससे वर्कलोड बहुत बढ़ गया है।

15 दिन का अतिरिक्त समय मिला, पर बात नहीं बन रही

आनलाइन पोर्टल पर ब्योरा दर्ज कराने की अंतिम तिथि 15 सितंबर को समाप्त हो गई। फिर 16 सितंबर से प्रदेशभर में विशेष गिरदावरी की प्रक्रिया शुरू की गई। राजस्व विभाग के अनुसार, सामान्य गिरदावरी हर साल 5 अगस्त से 5 सितंबर तक होती है, लेकिन इस बार लगातार बारिश के कारण यह कार्य पूरा नहीं हो सका। इसी कारण सरकार ने विशेष गिरदावरी के लिए 15 दिन का अतिरिक्त समय दिया है। विशेष गिरदावरी की रिपोर्ट 25 सितबर तक पूरी करने की डेडलाइन सरकार ने तय की है।

महेंद्रगढ़, पंचकूला, सोनीपत में एक एकड़ भी नहीं हुई सत्यापित 

अभी फील्ड में जाने में पटवारियों को परेशानी झेलनी पड़ रही है। महेंद्रगढ़, पंचकूला, सोनीपत में तो एक एकड़ भी जमीन पटवारी से सत्यापित नहीं हो पाई है। इस स्थिति में पटवारी औसतन एक लाख एकड़ की गिरदावरी ही कर पा रहे हैं। अगर गति यही रही तो इसमें पूरे एक माह का समय लगेगा। ऐसे में किसानों को गेहूं बिजाई से पहले मुआवजा मिलता नजर नहीं आ रहा है।

द रेवेन्यू पटवार एवं कानूनगो एसोसिएशन के राज्य प्रधान जयवीर चहल ने कहा कि प्रदेशभर में 1,500 से करीब पटवारी है। 2,600 पटवारी अंडर ट्रेनिग है। अभी उनको गिरदावरी की समझ नहीं है। लोड 1500 पटवारियों पर ही है। सरकार की ओर से 15 दिन का अतिरिक्त समय दिया गया है, लेकिन गिरदावरी इतनी जल्दी में नहीं हो सकती है। इसमें समय लगना लाजिमी है। सरकार से मांग है कि पटवारियों के सभी पदों को भरा जाए। एक-एक पटवारी के पास दस दस गांवों का चार्ज है। 

भारतीय किसान यूनियन के प्रदेशाध्यक्ष रतन मान ने कहा कि किसानों को मुआवजा देने के नाम पर सभी सरकारें ऐसा करती आई हैं। जब किसान पराली जलाता है तो सेटलाइट से फोटो लेकर उस पर जुर्माना और केस किया जाता है। अब जब फसल खराब हुई है तो फिजिकल वेरिफेशन की जरूरत ही नहीं है, सेटेलाइट से नुकसान का आंकलन कर गेहूं बिजाई से पहले किसानों को मुआवजा दिया जाए।