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Electricity Bill : बिजली बिलिंग सिस्टम में बदलाव, अब हर माह आएगा बिजली का बिल 

फिलहाल चंडीगढ़ के 2.35 लाख बिजली उपभोक्ताओं में से सिर्फ करीब 5,000 उपभोक्ताओं जैसे हाई-टेंशन, इंडस्ट्रियल, कमर्शियल, स्ट्रीट लाइटिंग, बल्क सप्लाई और कृषि कनेक्शन को ही महीने का बिल मिलता है।
 

बिजली बिलिंग सिस्टम में बड़ा बदलाव होने जा रहा है। अब हर महीने बिजली का बिल आएगा। नया सिस्टम जनवरी से लागू होगा। अभी तक उपभोक्ताओं को दो महीने में एक बार बिजली बिल मिलता था, लेकिन चंडीगढ़ में पहली बार एक महीने में बिल आएगा। जेईआरसी ने 5 साल पहले ही मंथली बिलिंग लागू करने के निर्देश दिए थे। अब सीपीडीएल के जिम्मा संभालने के बाद इसे अमल में लाया जा रहा है। अधिकारियों का दावा है कि मंथली बिलिंग शुरू होने से पूरी बिलिंग प्रक्रिया में पारदर्शिता बढ़ेगी। लोगों को भी फायदा होगा।

फिलहाल चंडीगढ़ के 2.35 लाख बिजली उपभोक्ताओं में से सिर्फ करीब 5,000 उपभोक्ताओं जैसे हाई-टेंशन, इंडस्ट्रियल, कमर्शियल, स्ट्रीट लाइटिंग, बल्क सप्लाई और कृषि कनेक्शन को ही महीने का बिल मिलता है। अब सभी उपभोक्ताओं पर एक जैसा बिलिंग सिस्टम लागू होगा। यह फैसला जॉइंट इलेक्ट्रिसिटी रेगुलेटरी कमीशन (जेईआरसी) के निर्देशों पर लिया गया है।

अधिकारियों का कहना है कि लोग लंबे समय से हर महीने बिल भेजे जाने की मांग कर रहे थे, ताकि वे आसानी से अपने बिजली खर्च और खपत के पैटर्न को समझ सकें। सीपीडीएल (चंडीगढ़ पावर डिस्ट्रीब्यूशन लिमिटेड) के डायरेक्टर अरुण कुमार वर्मा के अनुसार मंथली बिलिंग से लोगों पर दो महीने के भारी बिल का दबाव नहीं पड़ेगा। वे मासिक बजट प्लानिंग बेहतर तरीके से कर सकेंगे। इससे समय पर बिल भुगतान का ट्रेंड भी बढ़ेगा।

अफसरों बोले, लोगों को ये फायदे होंगे

दो महीने के बजाय हर 1 महीने छोटा बिल आएगा, नियमित मासिक बिल से जिससे एकसाथ बड़ी रकम जुटाने की दिक्कत कम होगी। 2 लोग पहले से अंदाजा लगा पाएंगे कि हर महीने लगभग कितनी रकम देनी है। ईएमआई, किराया, स्कूल फीस आदि के साथ बिजली खर्च प्लान हो सकेगा। दो महीने का बिल अगर 3 भरने में लेट हो जाता था तो लेट फीस ज्यादा देनी पड़ती है।

दो महीने की मिली-जुली 4 यूनिट का का ऊपरी स्लैब में पहुंच जाती है। इससे प्रति यूनिट दर और फिक्स चार्ज दोनों बढ़ जाते हैं। कुल बिल ज्यादा आता है। राजस्थान की स्टडी में यही वजह उपभोक्ताओं पर अतिरिक्त भार का कारण बताई गई थी। खपत का पैटर्न देख पाएंगे 5 और अचानक सिट पा तो तुरंत सतर्क हो सकेंगे। जबकि दो महीने बाद पता चलने पर सुधार में देरी हो जाती है।

बिजली विभाग कई साल तक इसे टालता रहा

जेईआरसी ने साल 2020 में चंडीगढ़ के बिजली विभाग को हर महीने बिजली बिल जारी करने के आदेश दिए थे। विभाग यह कहकर बात टालता रहा कि उनके पास पर्याप्त मैनपावर नहीं है। एक बार जेईआरसी ने यहां तक कह दिया था कि सॉफ्टवेयर अपग्रेड या अन्य दिक्कतों का हवाला देकर मंथली बिलिंग को टाला नहीं जा सकता। जब सीपीडीएल ने बिजली विभाग को संभाला तो सीपीडीएल को भी आदेश दिए गए थे। जनवरी 2026 से इसे शुरू करने को कहा था।

प्रीपेड मीटर सिस्टम की तरफ तो नहीं जा रहा शहर

कई राज्य स्मार्ट मीटर से प्रीपेड मीटर की तरफ जा रहे हैं। ये मीटर मोबाइल-इंटरनेट के रिचार्ज की तरह होते हैं। पहले रिचार्ज करने के बाद ही बिजली इस्तेमाल कर सकते हैं। कई जानकारों का कहना है कि सीपीडीएल ने मंथली बिलिंग लाकर इसकी तरफ पहला कदम उठाया है। हालांकि चंडीगढ़ में अभी कोई प्रीपेड मीटर नहीं लगा है, लेकिन पायलट प्रोजेक्ट के तहत बिजली विभाग ने 24,000 स्मार्ट मीटर लगाए हैं।

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