Electricity Connection : हरियाणा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने दिया अलग से बिजली कनेक्शन लेने का आदेश, बावल, धारूहेड़ा, रेवाड़ी, गुड़गांव, पानीपत होगा सबसे ज्यादा प्रभावित
हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने प्रदूषण नियंत्रण को लेकर सख्ती दिखाते हुए 29 अगस्त को नोटिस जारी किया है। बोर्ड ने स्पष्ट किया है कि अब सभी उद्योगों को अपने एफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट्स, सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट्स और एयर पॉल्यूशन कंट्रोल मीजर्स के संचालन के लिए उत्तर दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम से अलग बिजली कनेक्शन लेना अनिवार्य होगा।
नोटिस में कहा गया है कि नदियों व नालों में बिना उपचारित या आंशिक रूप से उपचारित गंदे पानी के छोड़े जाने से जल गुणवत्ता बुरी तरह प्रभावित हो रही है। यमुना और घग्गर नदी में पानी का बहाव भी हाल के वर्षों में घटा है, जिससे प्रदूषण का स्तर और बढ़ गया है। बोर्ड ने माना कि नालों का पानी लगातार गंदा बना हुआ है और वायु वायु गुणवत्ता भी मानकों पर खरा नहीं उतर रही है।
बोर्ड का कहना है कि प्रदूषण नियंत्रण संयंत्र के संचालन में बिजली की खपत से यह प्रमाणित होगा कि उद्योग इन संयंत्रों को नियमित रूप से चला रहे हैं। इसी आधार पर अब उद्योगों को अलग बिजली कनेक्शन लेने के निर्देश दिए जा रहे हैं।
राष्ट्रीय हरित अधिकरण के आदेशों और केंद्र सरकार के दिशा-निर्देशों का हवाला देते हुए बोर्ड ने कहा है कि यदि उद्योग निर्देशों का पालन नहीं करेंगे तो उनके खिलाफ बिजली-पानी सप्लाई रोकने से लेकर संचालन बंद करने तक की कार्यवाही की जा सकती है। एचएसपीसीबी ने इस पर सभी संबंधित पक्षों से 15 दिन के भीतर आपत्तियां और सुझाव मांगे हैं, ताकि आगे की कार्रवाई तय की जा सके।
इसका सीधा असर हरियाणा के सभी औद्योगिक क्षेत्रों, खासकर बावल-धारूहेड़ा, रेवाड़ी, गुड़गांव और पानीपत जैसे इलाकों की फैक्ट्रियों पर पड़ने वाला है, जहां प्रदूषण नियंत्रण को लेकर पहले से ही गंभीर सवाल उठते रहे हैं।