Haryana : भू माफियाओं की कमर तोड़ेगी हरियाणा सरकार की यह योजना, हर सड़क व गली की होगी आईडी
हरियाणा सरकार ने यह कदम अवैध कब्जों और कालोनाइजर्स के भ्रष्टाचार के खेल पर लगाम लगाने के साथ-साथ नगर निगम क्षेत्र के विकास कार्यों को मजबूत आधार देगा
हरियाणा सरकार ने भू माफियाओं के गढ़ को तोड़ने और विकास योजनाओं को और अधिक सटीक बनाने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। अब शहर की हर गली और सड़क को पहचान मिलेगी और उनको एक अलग आइडी तैयार की जाएगी। यह कदम अवैध कब्जों और कालोनाइजर्स के भ्रष्टाचार के खेल पर लगाम लगाने के साथ-साथ नगर निगम क्षेत्र के विकास कार्यों को मजबूत आधार देगा।
हिसार नगर निगम की टीम ने अब तक शहर की 6,659 सड़कों और गलियों का सर्वेक्षण कर उनका डिजिटल डाटा तैयार कर लिया है। इन सड़क व गलियां की लंबाई 884 किलोमीटर है। डाटा अभी और भी अपडेट किया जा रहा है। यह डाया जीआइएस (भौगोलिक सूचना प्रणाली) तकनीक से तैयार कर सरकार के हरपथ 20 एप पर अपलोड किया गया है।
यह बाद में शहरी स्थानीय निकाय विभाग हरियाणा (यूएलयो) के पोर्टल पर भी नजर आएगा। इस महत्वपूर्ण परियोजना में हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय (एचएयू) स्थित प्रदेश सरकार हरियाणा अंतरिक्ष अनुप्रयोग केंद्र (हरसेक) की तकनीकी सहायता ली जा रही है। निगमायुक्त नीरज वर्तमान में नगर निगम को तेजी से डिजीटलीकरण की दिशा में लेकर जा रहे हैं, ताकि विकास कार्यों की राह और अधिक सुगम हो सके तथा कार्यप्रणाली में पारदर्शिता सुनिश्चित की जा सके।
हिसार समेत प्रदेश के कई शहरों में कालोनाइजर्स द्वारा विकास के नाम पर बड़े पैमाने पर घोटाले सामने आए हैं। कई कालोनियों में सार्वजनिक स्थान जैसे पार्क, सड़कों और धर्मशालाओं की जमीन को पहले अपने नाम पर दर्ज करवा लिया गया, और फिर कालोनी विकसित होने के बाद कई जगह इन सार्वजनिक छोड़ी जमीनों को बेचकर मोटा मुनाफा कमाया गया। नगर निगम द्वारा रिकार्ड खंगालने पर यह भी सामने आया कि कई पार्क और गलियां निजी व्यक्तियों के नाम पर रजिस्ट्री में दर्ज हैं।
भ्रष्टाचार की खुली परतें, भू-माफिया व प्रशासन की मिलीभगत
सूत्रों का कहना है कि सर्वे के दौरान नगर निगम के सामने अवैध कब्जों और फर्जी रजिस्ट्री के कई बड़े मामलों से परतें खुली है। शहर के कुछ रसूखदार लोगों ने साठगांठ कर सरकारी जमीन पर अवैध इमारतें खड़ी कर दी। भू-माफिया का सबसे चौकाने वाला मामला सरकारी आंकड़े खुद बयां कर रहे है।
सांझा अध्यक्ष अनिल महला को बीएंडआर विभाग से ली सूचना में जानकारी उजागर की कि जाट कालेज और रेलवे रोड के पास सड़क (सरकारी जमीन) पर ही 3,398 वर्गगज सरकारी जमीन पर 36 अवैध कब्जे है। इनमें 2.42 से लेकर 376.89 वर्गगज तक कब्जे शामिल है। यह न सिर्फ भू माफिया की हिम्मत का सबूत है, बल्कि नौकरशाही और रसूखदारों के गठजोड़ पर भी सवाल खड़े करता है। सरकारी संपति पर यह खुला खेल प्रशासन की लापरवाही को उजागर कर रहा है।
म्हारी सड़क एप लांच की तैयारी, सड़क के मुद्दे पर दे सकेंगे सीधी प्रतिक्रिया
शहरवासियों को सड़कों की समस्याओं से सीधे जोड़ने के लिए अब म्हारी सड़क पैप लान्च करने की तैयारी है। यह ऐप प्रदेश सरकार के हरपथ एप का उन्नत और सकारात्मक संस्करण होगा। इस नागरिक प्रतिक्रिया प्रणाली के माध्यम से लोग सड़क की गुणवत्ता, गड्डों, काम की गति और अन्य समस्याओं पर अपनी शिकायत दर्ज करा सकेंगे।
इसके साथ ही ऐप में जीपीएस लोकेशन, फोटो अपलोड और शिकायत की स्थिति ट्रैक करने जैसी आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध होंगी। निगम के अधिकारियों का मानना है कि इस पहल से न केवल सड़कों की निगरानी आसान होगी, बल्कि पारदर्शिता और त्वरित कार्रवाई भी सुनिश्चित की जा सकेगी। शहरवासी अब सीधे तकनीक के माध्यम से सड़कों के सुधार की प्रक्रिया में भागीदार बन सकेंगे।