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Farmer Compensation : किसानों की जमीन का मिलेगा दोगुना मुआवजा, हाईकोर्ट ने दिया फैसला 

इन गांवों की जमीनें शहरी विकास और यमुना के तटीयकरण परियोजनाओं के लिए अधिग्रहित की गई थीं। उस समय किसानों को प्रति बीघा मात्र 27,344 रुपए मुआवजा दिया गया था।
 

दिल्ली हाईकोर्ट ने एक ऐतिहासिक फैसले में राजधानी के चार गांवों के किसानों को बड़ी राहत दी है। अदालत ने 1989 में अधिग्रहित की गई जमीनों का मुआवजा बढ़ाने का आदेश देते हुए कहा कि किसानों को उनकी संपत्ति का उचित मूल्य नहीं दिया गया था। अब अदालत ने मुआवजा राशि 89,600 रुपए प्रति बीघा से बढ़ाकर 2 लाख रुपए प्रति बीघा तय कर दी है। साथ ही राज्य सरकार को निर्देश दिया गया है कि वह इस रकम का भुगतान 1989 से अब तक का ब्याज के साथ करे।

मामला किलोकरी, खिजराबाद, नंगली रजापुर और गढ़ी मेंडू गांवों के किसानों से जुड़ा है। इन गांवों की जमीनें शहरी विकास और यमुना के तटीयकरण परियोजनाओं के लिए अधिग्रहित की गई थीं। उस समय किसानों को प्रति बीघा मात्र 27,344 रुपए मुआवजा दिया गया था। ग्रामीणों ने इसे काफी कम बताते हुए अदालत में चुनौती दी। 

किसानों की दलील थी कि उनकी जमीनें दिल्ली की पॉश कॉलोनियों से सटी हैं, इसलिए उनकी कीमत ज्यादा होनी चाहिए। जस्टिस तारा वितस्ता गंजू की पीठ ने 140 से अधिक अपीलों की सुनवाई करते हुए माना कि किसानों को वास्तविक मूल्य नहीं मिला था। फैसले के बाद चारों गांवों में खुशी का माहौल है। ग्रामीणों का कहना है कि उन्हें अब जाकर अपने संघर्ष का फल मिला है।

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