Farmer protest : किसानों ने विरोध का अपनाया अजीब तरीका, नष्ट हुई फसल को कफन ओढ़ाकर फूल माला चढ़ाई तो जागा प्रशासन, करवाया सर्वे
एमपी के मंदसौर जिले में सबसे कम बारिश वाले क्षेत्र मल्हारगढ़ में किसानों ने प्रदर्शन करते हुए पीला मौजेक वायरस से पूरी तरह नष्ट हुई फसल को कफन ओढ़ाकर फूल माला चढ़ाई और दो मिनट का मौन रखा।
मध्यप्रदेश में किसानों ने फसल में हुए नुकसान का प्रशासन द्वारा सर्वे नहीं करने पर विरोध का अजीब तरीका अपनाया। एमपी के मंदसौर जिले में सबसे कम बारिश वाले क्षेत्र मल्हारगढ़ में किसानों ने प्रदर्शन करते हुए पीला मौजेक वायरस से पूरी तरह नष्ट हुई फसल को कफन ओढ़ाकर फूल माला चढ़ाई और दो मिनट का मौन रखा।
किसानों के इस विरोध के तरीके की जानकारी जैसे ही प्रशासन के पास पहुंची तो वह हरकत में आ गया। जहां पर कलेक्टर के निर्देश पर राजस्व और कृषि विभाग के अधिकारियों का संयुक्त दल नुकसान का आंकलन करने के लिए निकल गया है। दल ने कई जगह सर्वे किया है।
मल्हारगढ़ क्षेत्र में सोयाबीन की फसल पर पीला मौजक वायरस, अफलन, इल्लियों के प्रकोप से 100 प्रतिशत नष्ट हो चुकी है। शनिवार को मल्हारगढ ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष अनिल शर्मा के नेतृत्व में दोपहर 12.30 बजे किसानों के साथ एक अनूठा प्रदर्शन किया पीला मौजेक वायरस से प्रभावित सोयाबीन की फसल उखाड़ कर उस मृत फसल पर कफन ओढ़ाकर पुष्प एवं पुष्पमाला चढ़ाकर दो मिनिट का मौन रखकर श्रद्धांजलि अर्पित कर पर्याप्त मुआवजा बगैर भेदभाव के देने की मांग की।
किसान गजेन्द्रसिंह चुंडावत ने कहा कि सोयाबीन की बुआई कर दी लेकिन बारिश की लंबी खेंच से अधिकांश किसानों को फिर से बुआई करना पड़ी। उसके बाद भी अल्पवर्षा से सोयाबीन की फसल में पीला मौजेक वायरस, इल्लियों का प्रकोप व अफलन की स्थिति है। हमे लागत मूल्य तो दूर इसको उखाड़ने के पैसे भी जेब से ही देना पड़ेंगे।
किसान मोहनलाल वर्मा ने बताया कि किसानों की माली हालत दिन प्रतिदिन बिगड़ती जा रही है सरकार न तो मुआवजा दे रही है ना ही बीमा। ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष अनिल शर्मा ने कहा कि इस वर्ष सोयाबीन की फसल पूरी तरह से खराब हो चुकी है। जिससे किसानों की स्थिति बेहद दयनीय हो गई है। बावजूद इसके सरकार अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठा रही है। किसानों को राहत और मुआवजा देने की बजाय केवल आश्वासन पर टाल दिया जा रहा है।
कलेक्टर अदिति गर्ग ने कहा कि इस सर्वे कार्य में राजस्व विभाग एवं कृषि विभाग के संयुक्त दल गठित किए गए हैं। प्रत्येक दल में राजस्व अधिकारी, कृषि विभाग के अधिकारी-कर्मचारी एवं संबंधित पटवारी सक्रिय रूप से खेतों में पहुंचकर फसल की वास्तविक स्थिति का आंकलन कर रहे हैं।
बहुत ही शीघ्र जिले के सभी विकासखंडों में फसल नुकसान का संपूर्ण सर्वे पूरा कर लिया जाएगा। इसके बाद अनुमानित रिपोर्ट तैयार कर शासन को भेजी जाएगी। शासन से प्राप्त निर्देशों के आधार पर पीड़ित कृषकों को राहत राशि उपलब्ध कराई जाएगी। किसानों से अपील की है कि वे घबराएं नहीं। जिला प्रशासन एवं कृषि विभाग पूरी गंभीरता से किसानों के साथ खड़ा है।