Crop Compensation : हरियाणा में 5.29 लाख किसानों ने मांगा था फसल मुआवजा, सत्यापन में 4.75 लाख दावे झूठे निकले
हरियाणा में अगस्त-सितंबर में भारी बरसात और जलभराव से फसल खराब होने की आड़ में करीब पौने पांच लाख किसानों ने मुआवजे के लालच में ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल पर गलत दावा ठोक दिया। 15 सितंबर तक खोले गए पोर्टल पर पांच लाख 29 हजार 199 किसानों ने 31 लाख 234 एकड़ क्षेत्र में फसलों का नुकसान दिखाया था। सरकार ने दावों का सत्यापन कराया तो 53 हजार 821 किसानों का दावा ही सही निकला, जिन्होंने एक लाख 20 हजार 380 एकड़ भूमि पर फसल खराबा दिखाया था। सीएम नायब सैनी ने बुधवार को पात्र किसानों के लिए 116 करोड़ 15 लाख रुपये की मुआवजा राशि जारी कर दी।
वहीं, भावांतर भरपाई योजना के तहत एक लाख 57 हजार किसानों को 358 करोड़ 62 लाख रुपये जारी किए गए हैं। एक सप्ताह में पूरी राशि किसानों के खातों में चली जाएगी। कृषि मंत्री श्याम सिंह राणा के साथ किसानों को राहत राशि जारी करने के बाद मुख्यमंत्री नायब सैनी ने चंडीगढ़ में बताया कि बाजरे की फसल के लिए सर्वाधिक 35 करोड़ 29 लाख, कपास के लिए 27 करोड़ 43 लाख, धान के लिए 22 करोड़ 91 लाख और ग्वार के लिए 14 करोड़ 10 लाख रुपये मुआवजा राशि जारी की है।
उन्होंने कहा कि अगस्त-सितंबर में भारी वर्षा से कई जिलों में बाढ़ की स्थिति पैदा हो गई थी। उन्होंने बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों का दौरा कर स्थिति का जायजा लिया था। तीन जिलों में अधिक नुकसान हुआ। इनमें चरखी दादरी के किसानों को सर्वाधिक 23 करोड़ 55 लाख रुपये, हिसार को 17 करोड़ 82 लाख और भिवानी को 12 करोड़ 15 लाख दिए हैं।
किसानों ने प्रारंभिक चिंता के आधार पर दर्ज कराया खराबा
ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल पर सत्यापन के बाद रकबे में कमी आने संबंधी प्रश्न पर मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि पोर्टल खोलने के समय कई जिलों में लगातार बारिश और जलभराव था। जैसे-जैसे पानी निकला, कई स्थानों पर धान की फसल को वास्तविक नुकसान नहीं हुआ, जबकि किसानों ने प्रारंभिक चिंता के आधार पर पोर्टल पर खराबा दर्ज कराया था। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने समय रहते ड्रेनों की नियमित सफाई करवाई, जिससे फसलों को बारिश में अपेक्षाकृत कम नुकसान हुआ।
सत्यापन में लापरवाही बरतने वाले छह पटवारी निलंबित
फसलों के नुकसान के सत्यापन में लापरवाही बरतने वाले छह पटवारियों को निलंबित किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार हर नागरिक के प्रति जवाबदेह है। कोई कोताही या गलती करेगा, तो उसके खिलाफ कार्रवाई होगी।
6.81 लाख से अधिक किसानों व मजदूरों का ब्याज होगा माफ
मुख्यमंत्री ने राज्य के प्राथमिक कृषि सहकारी समितियां (पैक्स) से जुड़े किसानों को बड़ी राहत प्रदान करते हुए बकाया अतिदेय ऋणों के निपटान के लिए एकमुश्त निपटान योजना की घोषणा की। यह योजना 31 मार्च 2026 तक लागू रहेगी। इसके तहत राज्य के छह लाख 81 हजार 182 किसानों व गरीब मजदूरों का 2266 करोड़ रुपये का ब्याज माफ किया जाएगा।

