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Paddy Scam : धान घोटाले में सरकार की बड़ी कार्रवाई, पांच इंस्पेक्टरों को किया निलंबित 

29 अक्टूबर को फिजिकल वेरिफिकेशन के दौरान मिलों में पांच करोड़ से अधिक धान कम मिला था

 

करोड़ों रुपये के धान घोटाले मामले में खाद्य एवं आपूर्ति विभाग निदेशालय ने करनाल डीएफएससी विभाग के पांच इंस्पेक्टरों को निलंबित किया है। इस अवधि के दौरान सभी को अलग-अलग जिलों के डीएफएससी विभाग के साथ अटैच किया है। आदेशों के अनुसार, निलंबन अवधि के दौरान करनाल के इंस्पेक्टर समीर वशिष्ठ को झज्जर, निसिंग के इंस्पेक्टर लोकेश को पलवल, जुंडला के इंस्पेक्टर संदीप शर्मा को फरीदाबाद, घरौंडा के इंस्पेक्टर यशवीर सिंह अंबाला और तरावड़ी के सब इंस्पेक्टर रामफल को अंबाला डीएफएससी में अटैच किया है। बता दें कि 29 अक्टूबर को फिजिकल वेरिफिकेशन के दौरान मिलों में पांच करोड़ से अधिक धान कम मिला था। इस मामले में तरावड़ी और सदर थाने में दो एफआइआर दर्ज की गई थी।

प्रशासन ने कराई थी जांच

प्रशासन की जांच में पता चला कि सलारू रोड स्थित मैसर्ज बटान फूड्स राइस मिल को मिलिंग के लिए दी गई धान में 33,759 बैग यानी करीब 12,659 क्विंटल धान कम पाया गया। यह धान करीब तीन करोड़ 54 लाख 46 हजार 936 रुपये कीमत का है। जांच में मिली इस बड़ी अनियमितता के बाद जिला खाद्य आपूर्ति नियंत्रक अनिल कुमार की शिकायत पर राइस मिल संचालक सतीश कुमार और चार मंडियों के इंस्पेक्टरों के खिलाफ थाना सदर करनाल में एफआइआर दर्ज की गई थी।

यमुनानगर जिले में सामने आए लगभग 70 करोड़ रुपये के धान घोटाले की जांच अब राइस मिलों से आगे बढ़कर धान खरीद, परिवहन और स्टाक की निगरानी करने वाली सरकारी एजेंसियों तक पहुंच गई है। गेट पास, परिवहन रजिस्टर और स्टाक मिलान में मिली विसंगतियों ने विभागीय निगरानी प्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

गेट पास का मिलान शुरू हो गया है। हैफेड ने राइस मिलों में पड़े धान पर स्वामित्व जताते हुए इसे सुरक्षित सुपुर्द रखने की मांग की है। बुधवार को कोर्ट में जब्त धान की सुपुर्दारी पर सुनवाई होगी। इसके बाद जांच की अगली दिशा तय होगी। जिन सात मिलों में खामियां मिली हैं, उनमें तीन हैफेड और चार खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के अधीन संचालित हो रही थीं। रणजीतपुर और छछरौली क्षेत्र में एक ही परिसर में एक से अधिक मिलें चल रही थीं।

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