Haryana Paddy Purchase : हरियाणा के किसानों को झटका, अब केवल दस प्रतिशत टूटे चावल को खरीदेंगी एजेंसी
हरियाणा सरकार के फैसले से किसानों को नुकसान होने वाला है और मिलर्स की बल्ले-बल्ले हो गई है। जहां पर हरियाणा सरकार की तरफ से टूटा चावल खरीदने की प्रतिशत की मात्रा को घटा दिया है। ऐसे में हरियाणा के किसानों ने पहले जहां पर जलभराव की मार को झेला और अब उनको नए नियम की मार को झेलना पड़ेगा।
हरियाणा की अनाज मंडियों में सोमवार यानी 22 सितंबर से धान की खरीद को शुरू किया जा रहा है। इसके लिए सरकार की तरफ से आदेश जारी किए जा चुके है। प्रदेश में 246 अनाज मंडियों और खरीद केंद्रों पर धान की खरीद की जाएगी। लेकिन इस बार सरकारी खरीद एजेंसी दस प्रतिशत तक ही टूटे हुए चावल की खरीद करेंगी। इसके लिए नियम को बदल दिया है।
पहले 25 प्रतिशत तक टूटे हुए चावल की खरीद होती थी, लेकिन इस बाद उसको घटाकर 10 प्रतिशत कर दिया है। ऐसे में सरकार के इस फैसले का मिलर्स ने स्वागत किया है, लेकिन इसका धान के उत्पादक किसानों को नुकसान होने वाला है।
नई कस्टम मिल्ड राइस पालिसी में बड़ा बदलाव करते हुए डिलीवरी में टूटे चावल की स्वीकार्य सीमा को 25 प्रतिशत से घटाकर 10 प्रतिशत कर दिया गया है। राइस मिलर्स का कहना है कि इससे उन पर बोझ बढ़ जाएगा।
राइर्स मिलर्स की बोनस की अवधि को बढ़ाया
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने रासइ मिलर्स के लिए बड़ी घोषणा की। जहां पर राईस मिलर्स हरियाणा सरकार के इस फैसले से खुश दिखाई दिए। प्रदेश सरकार ने चावल की डिलीवरी अवधि और बोनस राशि की अवधि को 15 मार्च से बढ़ाकर 30 जून तक करने का निर्णय लिया है।
इस फैसले से राज्य की लगभग 1,000 मिलों को सीधा लाभ मिलेगा। साथ ही राइस मिलर्स को बोनस राशि के अतिरिक्त 50 करोड़ रुपये के होल्डिंग चार्जिज में भी छूट का लाभ होगा।