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MBBS Admission : हरियाणा के मेडिकल कालेज को 150 की जगह 100 सीटों पर एमबीबीएस में दाखिले की मिली अनुमति 

महर्षि च्यवन ऋषि मेडिकल कॉलेज कोरियावास को राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग ने आखिरकार लंबी जद्दोजहद के बाद 100 सीटों पर प्रवेश की अनुमति जारी कर दी है
 

महर्षि च्यवन ऋषि मेडिकल कॉलेज कोरियावास को राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग ने आखिरकार लंबी जद्दोजहद के बाद 100 सीटों पर प्रवेश की अनुमति जारी कर दी है। कॉलेज प्रशासन की तरफ से 150 सीटों पर दाखिला के लिए अनुमति मांगी गई थी लेकिन आयोग प्रथम वर्ष में 100 सीटों के लिए अनुमति दी है। अनुमति के लिए स्वास्थ्य मंत्री आरती सिंह राव के प्रयास आखिरकार सिरे चढ़ गए हैं जो कि एक बड़ी राजनीतिक जीत भी मानी जा रही है।

चूंकि स्वास्थ्य मंत्री जिले का प्रतिनिधित्व कर रही हैं, ऐसे में उनके लिए जिला के इस मेडिकल कॉलेज में इसी सत्र से एमबीबीएस सीटों के लिए अनुमति दिलाना निःसंदेह बड़ी उपलब्धि है। कॉलेज का नामकरण विवाद भी चल रहा है और कॉलेज का नाम महर्षि च्यवन ऋषि से बदलकर अमर शहीद राव तुलाराम किए जाने की मांग को लेकर ग्राम पंचायत व संघर्ष समिति के प्रतिनिधि 3 माह से धरना दे रहे हैं।

पिछले माह नामकरण की मांग को लेकर ही ग्रामीणों द्वारा ट्रैक्टर मार्च भी निकाला गया जिसके बाद से यह राजनीतिक अखाड़ा का भी केंद्र बना हुआ। नाम बदलने और नाम बरकरार रखने को लेकर सीधे तौर पर दो गुट भी बने हुए हैं। मेडिकल असेसमेंट एंड रेटिंग बोर्ड टीम द्वारा किए गए निरीक्षण के बाद अनुमति मिलने में हो रही लगातार देरी को भी नामकरण विवाद से जोड़ा जा रहा था। हालांकि अब आयोग की तरफ से एमबीबीएस की 100 सीटों पर दाखिला की अनुमति दे दी है जिसके बाद मेडिकल कॉलेज में कक्षाएं शुरू होने का रास्ता साफ हो गया है। वहीं जिला के साथ आसपास के जिलों के भी युवाओं को कोरियावास का चयन का अवसर मिलेगा।

एमसीसी-डीएमईआर करेंगी काउंसिलिंग

राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग की तरफ से जारी अनुमति में कहा गया है स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय की चिकित्सा परामर्श समिति (एमसीसी) को कॉलेज में 100 सीटों की काउंसलिंग के लिए आवंटित की गई है। इसमें सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार अखिल भारतीय कोटा के साथ राज्य का भी कोटा होगा।

इसमें लगभग 15 फीसदी सीटें एमसीसी के लिए होंगी शेष के लिए हरियाणा चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान निदेशालय (डीएमईआर) की तरफ से काउंसिलिंग की जाएगी। ऐसे में सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि एमसीसी की तरफ से काउंसिलिंग प्रक्रिया में शामिल करने के बाद चल रही काउंसिलिंग में प्रदेश के भी अभ्यर्थियों को कोरियावास कॉलेज का आप्शन मिल जाएगा। इससे खासतौर से महेंद्रगढ़ सहित आसपास के जिला के अभ्यर्थियों को लाभ मिलेगा। उनको यह कॉलेज भी आवंटित हो सकता है।