Namo Bharat Project : दिल्ली से हरियाणा व राजस्थान जाने वाले नमो भारत प्रोजेक्ट में कटौती की, मंत्री बोले राजस्थान सरकार को देनी होगी पेमेंट
पहले शाहजहांपुर तक बनना था, फिर धारूहेड़ा किया, कुछ बढ़ाकर बावल किया
रैपिड रेल ट्रांजिट सिस्टम (आरआरटीएस) यानी नमो भारत प्रोजेक्ट को धारूहेड़ा से आगे बढ़ाकर बावल तक करने पर हरियाणा सरकार ने अपनी सहमति केंद्र सरकार की एजेंसी को दे दी है। इससे स्पष्ट हो गया था कि प्रथम चरण में केवल धारूहेड़ा तक ही आरआरटीएस को बनाने की योजना बनाई जा रही थी।
केंद्रीय मंत्री रविंदरजीत सिंह ने 18 सितंबर व उससे पूर्व हुई बैठकों में आरआरटीएस को धारूहेड़ा तक सीमित करने पर अधिकारियों के समक्ष अपनी आपत्ति जताई थी। साथ ही केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल को भी धारूहेड़ा से आगे बाबल व शांहजापुर राजस्थान तक विस्तार करने के लिए पत्र लिखकर अधिकारियों के रवैये के प्रति अपनी आपत्ति जताई थी। इससे पूर्व राव ने मनोहरलाल को पत्र लिखकर इसके जल्द से जल्द कैबिनेट मंजूरी लेने की बात कही थी।
केन्द्रीय राज्य मंत्री की आपत्ति के बाद 26 सितंबर को हरियाणा सरकार ने नेशनल कैपिटल रीजन ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन के एमडी को पत्र लिखकर आरआरटीएस नमो भारत कॉरिडोर को धारूहेड़ा से बाबल तक बढ़ाने पर अपनी सैद्धांतिक मंजूरी प्रदान कर दी है।
सरकार के निर्णय से बेशक बड़ा फायदा होगा लेकिन हकीकत बात यह है कि मूल प्रोजेक्ट में से अब भी करीब 25 किलोमीटर की कटौती हो गई है। पहले चरण में दिल्ली सराय काले खान से लेकर शाहजहांपुर नीमराणा बहरोड (एसएनबी) तक यह प्रोजेक्ट बनाया जाना था लेकिन अब बावल तक बनाए जाने से पहले चरण करीब 25 किलोमीटर कम होगा।
यात्रियों की संभावित कमी बताकर की काट-छांट
सितंबर माह में केंद्रीय राज्यमंत्री राव इंद्रजीत ने एचएमआरटीसी, एनसीईआरटीसी व जीएमडीए के अधिकारियों की एक संयुक्त बैठक गुरुग्राम में बुलाई थी। इस बैठक में एनसीईआरटीसी के अधिकारियों ने स्पष्ट किया था कि अभी तक हरियाणा सरकार ने धारूहेड़ा तक ही नमो भारत आरटीएस के विस्तार को मंजूरी दी है उसे आगे की मंजूरी अभी स्वीकृत नहीं हुई है।
जब राव ने इसका कारण पूछा तो अधिकारियों ने बताया कि धारूहेड़ा से आगे नमो भारत के लिए राइडरशिप यानी यात्रियों की संख्या पर अभी अनिश्चितता है। है।। एनसीईआरटीसी व एचएमआरटीसी के अधिकारियों की बात पर राव ने बैठक में कड़ी आपत्ति जताई थी और उन्हें जानकारी देते हुए बताया था कि धारूहेड़ा से आगे बावल हरियाणा का बड़ा औद्योगिक क्षेत्र है।
20 सितंबर को केन्द्रीय मंत्री मनोहरलाल को पत्र भी लिखा था जिसमें उन्होंने बावल व बावल से सटे राजस्थान के शाहजापुर-नीमराणा व बहरोड़ औद्योगिक क्षेत्र के बारे में जानकारी देते हुए बताया था कि नमो भारत का विस्तार बावल तक किया जाना बहुत ही आवश्यक है, बल्कि उससे आगे शाहजहांपुर तक इसका विस्तार किया जाना चाहिए। आपत्ति के बाद नमो भारत आरआरटीएस के धारूहेड़ा से आगे विस्तार को लेकर एक बार फिर बैठकों का दौर शुरू हुआ और आखिरकार मंजूरी मिल गई।
3 चरण प्रस्तावित, अब ऐसे बदलाव संभव
नेशनल कैपिटल रीजन ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन (एनसीआरटीसी) द्वारा योजना को 3 चरणों में विकसित किया जाना है। पहले चरण में दिल्ली-गुरुग्राम-एसए नबी (शाहजहांपुर (शाहजहांपुर-नीमराणा-बहरोड़) तक यानी 106 किलोमीटर कॉरिडोर विकसित होना था। अब करीब बावल तक 80 किलोमीटर होगा। दूसरे चरण में बहरोड़ से सोतानाला तक 33 किलोमीटर तक ट्रैक बिछाना था, जो अब 58 किमी. हो सकता है। तीसरे व अंतिम चरण में एसएनबी से अलवर तक 58 किमी. का विस्तार किया जाना प्रस्तावित है।
एमडी ने लिखा धारूहेड़ा की बजाय अब बावल पढ़ा जाए
हरियाणा मास रैपिड ट्रांसपोर्ट कार्पोरेशन लिमिटेड के एमडी चंद्रशेखर खरे ने एनसीईआरटीसी के एमडी को लिखे पत्र में कहा है कि सरकार ने विचार-विमर्श के बाद निर्णय लिया है कि नमो भारत नमो भारत कॉरिडोर को अब धारूहेड़ा की बजाय बावल तक बढ़ाया जाएगा।
खरे ने पत्र में लिखा है कि मई 2025 को मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में हुई बैठक के सभी निर्णय यथावत रहेंगे, केवल जहाँ 'धारूहेड़ा' लिखा है, उसे 'बावल' पढ़ा जाएगा। खरे ने राज्य सरकार की ओर से स्पष्ट किया है कि बावल से आगे किसी भी विस्तार का खर्च संबंधित राज्य को वहन करना होगा।
मेट्रो चाहिए तो राजस्थान सरकार केंद्र को दे सहमति : राव इंद्रजीत सिंह
केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह का कहना है कि मेरे विचार से प्रथम चरण में इसका विस्तार राजस्थान के शाहजहांपुर तक विस्तार करना चाहिए। उन्होंने कहा कि राजस्थान में नमो भारत ले जाने के लिए वहां की प्रदेश सरकार को केंद्र सरकार से संपर्क कर अपनी सहमति व्यक्त करनी चाहिए और उसका खर्च वहन करने पर भी अपनी सहमति देनी चाहिए। बावल औद्योगिक क्षेत्र तक नमो भारत के विस्तार के बाद इसके निर्माण को शुरू करने के लिए जल्द से जल्द केंद्रीय कैबिनेट से मंजूरी दिलवाने का प्रयास वे दिल्ली में पैरवी कर करेंगे।