Dhanush Overbridge : हरियाणा के इस शहर में बनेगा धनुष आकार का नया ओवरब्रिज
हरियाणा में पहली बार धनुष आकार का आरओबी बनने वाला है। इसके बाद ट्रैफिक व्यवस्था पटरी पर आ जाएगी। पानीपत शहर की ट्रैफिक व्यवस्था को नई गति देने के लिए आज एक ऐतिहासिक शुरुआत होने जा रही है। शहर के बीचों-बीच पीडब्ल्यूडी रेस्ट हाउस (जीटी रोड) से ओल्ड इंडस्ट्रियल एरिया (हाली झील) तक बनने वाले रेलवे ओवरब्रिज (आरओबी) का आज भूमि पूजन होने जा रहा है।
केंद्रीय मंत्री व पूर्व मुख्यमंत्री मनोहरलाल ओल्ड इंडस्ट्रियल एरिया में इसकी शुरुआत करेंगे। यह शहर के विधायक प्रमोद विज का ड्रीम प्रोजेक्ट है, जो न केवल शहर की दूरी कम करेगा बल्कि इंजीनियरिंग का एक बेमिसाल नमूना भी होगा। 1.14 किलोमीटर लंबा यह आरओबी हरियाणा का पहला "बो-स्ट्रिंग गर्डर' (धनुष आकार) का पुल होगा।
इसका निर्माण दिल्ली-अम्बाला और पानीपत-जींद रेलवे लाइनों के ऊपर से किया जाएगा। लगभग 52 करोड़ रुपए, की लागत से बनने वाले इस प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए 2 वर्ष का समय निर्धारित किया गया है। इस पुल के बनने से जीटी रोड के लाल बत्ती चौक और असंध रोड पर ट्रैफिक का दबाव 40 फीसदी तक कम होने की उम्मीद है। इस नए आरओबी में कुल 33 पिलर होंगे। हरियाणा स्टेट रोड्स एंड ब्रिजेज डिवेलपमेंट कार्पोरेशन लि. (एचएसआरडीसी) इस आरओबी को बनवा रहा है।
क्यों है यह लाइफलाइन पुल
समय की बचत : वर्तमान में ओल्ड इंडस्ट्रियल एरिया से जिला सचिवालय आने-जाने में 15-20 मिनट लगते हैं। पुल बनने से यह सफर 3 मिनट का रह जाएगा।
इन वार्डों को सीधा लाभः वार्ड 20, 21, 22, 23, 24 और 25 की करीब 3 लाख आबादी को शहर के दूसरे हिस्से (सिविल अस्पताल, कोर्ट, सचिवालय) तक पहुंचने के लिए अब असंध रोड के जाम में नहीं फंसना पड़ेगा।
सेक्टर-6 और काबड़ी रोड से कनेक्टिविटीः इस आरओबी को सेक्टर-6 आयकर भवन रोड से जोड़ा जाएगा। काबड़ी रोड की हजारों इंडस्ट्रीज के लिए जीटी रोड तक पहुंचने का यह सबसे सुगम रास्ता होगा।
भविष्य की जरूरतः रेलवे लाइनों के विस्तार को देखते हुए 'बो-स्ट्रिंग' डिजाइन चुना गया है ताकि भविष्य में नीचे अतिरिक्त लाइनें बिछाने में कोई बाधा न आए।
सीएम ने रखी थी आधारशिला, अब पूर्व सीएम करेंगे भूमि पूजन
इस प्रोजेक्ट के पीछे एक दिलचस्प सियासी घटनाक्रम भी है। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने 25 सितंबर को भाजपा जिला कार्यालय के उद्घाटन के दौरान आरओबी का शिलान्यास किया था। उस वक्त पूर्व मुख्यमंत्री व केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल भी पानीपत में थे, लेकिन वे कार्यक्रम से 10 मिनट पहले ही निकल गए थे। अब 3 माह बाद, मनोहर लाल खुद इस प्रोजेक्ट का भूमि पूजन करने पानीपत पहुंच रहे हैं।

