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New IMT : हरियाणा के इन गांवों की नौ हजार एकड़ जमीन को खरीदेगी सरकार, बनेगी नई आईएमटी, प्रापर्टी रेट आसमान पर

जेवर हवाई अड्डे तक आवाजाही के लिए बन रहे ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे के आसपास के एरिया में आईएमटी बनाई जाएगी। इसके लिए दोनों जिलों के यमुना के आसपास बसे नौ गांवों के किसानों से जमीन खरीदी जाएगी।

 

हरियाणा सरकार द्वारा नई आईएमटी बनाने की योजना पर फोकस किया जा रहा है। जहां पर प्रदेश के अलग-अलग जिलों में नई आईएमटी स्थापित की जाएगी। लेकिन हरियाणा में प्रबल संभावनाओं वाले जिलों फरीदाबाद व पलवल जिले शामिल है। इन दोनों जिलों के लिए अच्छी खबर आई। सरकार द्वारा दोनों जिले के नौ गांवों की नौ हजार एकड़ में नई आईएमटी बनाने की तैयारी है।

जेवर हवाई अड्डे तक आवाजाही के लिए बन रहे ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे के आसपास के एरिया में आईएमटी बनाई जाएगी। इसके लिए दोनों जिलों के यमुना के आसपास बसे नौ गांवों के किसानों से जमीन खरीदी जाएगी। एचएसआईआईडीसी ने जमीन खरीद के लिए सूचना सार्वजनिक कर दी है। जमीन देने के इच्छुक किसान ईभूमिडाट जमाबंदीडाटनिकडाटइन और ई-भूमि पोर्टल पर अपनी पेशकश दर्ज करा सकते हैं। 

इन गांवों में खरीद जाएगी जमीन 

अधिकारियों के अनुसार एचएसआईआईडीसी छांयसा, मोहियापुर, मोहना, बागपुरकलां, बागपुर खुर्द, बहरौला, हंसापुर व सोलड़ा गांव की नौ हजार एकड़ जमीन खरीदेगा। यह जमीन अधिग्रहण नहीं की जाएगी, बल्कि आम खरीदार की तरह किसानों से सरकार इसे खरीदेगी।

जमीन के भाव तय करने के लिए कमेटी गठित 

जमीन का भाव तय करने के लिए प्रशासन और जनप्रतिनिधियों की एक कमेटी गठित की जाएगी। इसमें शामिल अधिकारी व जनप्रतिनिधियों की बैठक किसानों के साथ होगी। इसमें जमीन का भाव तय किया जाएगा। जमीन के रेट पर किसानों की सहमति के बाद सरकार खरीदारी के लिए आगे बढ़ेगी। 31 अगस्त तक किसानों को पोर्टल पर अपनी जमीन का ब्यौरा दर्ज कराना पड़ेगा। यदि 31 अगस्त तक किसान ई-भूमि पोर्टल पर अपनी जमीन का ब्यौरा दर्ज नहीं करते हैं तो सरकार पोर्टल खुला रखने की अवधि को बढ़ा सकती है। पोर्टल खोलने की सूचना से किसान सक्रिय हो गए हैं।

बड़ी कंपनियां आंएगी, औद्योगिक प्लॉट लेना आसान

इस नई आईएमटी में आईटी सेक्टर की कंपनियां बसाने की योजना है। यहां गुड़गांव व नोएडा की तरह बड़ी कंपनियों के आने की संभावना है। हवाई अड्डा नजदीक होने से यहां बड़ी कंपनियां निवेश करेंगी। इसके लिए सरकार ने आईएमटी बसाने की योजना तैयार की है। 

यदि जमीन जल्द मिल जाती है तो अगले वर्ष तक आईएमटी का काम शुरू हो सकता है। नौ हजार एकड़ में आईएमटी बसाने की योजना से यहां मदर यूनिट भी लग सकती है। यदि मदर यूनिट नहीं भी लगती है तो भी यहां बड़ी कंपनियां आ सकती हैं। इसके अलावा यहां औद्योगिक प्लाट की किल्लत भी खत्म हो सकती है।

पुराने औद्योगिक सेक्टर व आईएमटी में अधिकांश प्लाट बिक चुके हैं। इससे नए उद्योग लगाने के लिए अब यहां प्लाट नहीं हैं। इससे अवैध औद्योगिक क्षेत्रों में फैक्ट्रियां लग रही हैं। अब नई आईएमटी बनने से उद्योगों के सामने औद्योगिक प्लाट न मिलने की समस्या खत्म हो जाएगी

शहर के उद्यमी बोले- उद्यमियों को एक और नया प्लेटफार्म मिल जाएगा

मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन फरीदाबाद के महासचिव रमणीक प्रभाकर का कहना है कि नई आईएमटी बनना फरीदाबाद के उद्यमियों के लिए अच्छी खबर है। इससे उद्यमियों को एक और नया प्लेटफार्म मिल जाएगा। यहां नई आईएमटी की जरूरत है, क्योंकि यहां नई औद्योगिक इकाइयां आने से रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। 

उन्होंने कहा जहां जमीन के रेट कम होते हैं वहां औद्योगिक निवेश अधिक होता है। हो सकता है लंबे समय से की जा रही मदर यूनिट की मांग भी पूरी हो जाए और बहुराष्ट्रीय कंपनियां भी निवेश करें। एफआईए के प्रधान राज भाटिया का कहना है कि नई आईएमटी के आने से यहां के उद्योगों को लाभ मिलेगा। आईटी कंपनियां आती हैं तो बहुत ही अच्छा है। इससे रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे।