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New Road Project :  हरियाणा-राजस्थान तक पहाड़ियों के बीच से बनेगा नया मार्ग, कम हो जाएगा 15 किमी सफर 

हरियाणा के नूंह के नगीना से शुरू होगा और इसको राजस्थान के तिजारा तक बनाया जाएगा
 

हरियाणा व राजस्थान के बेची में बेहतर कनेक्टिविटी के लिए नए मार्ग की सौगात मिलने वाली है। इस मार्ग को सरकार द्वारा अरावली की पाहड़ियों के बीच से निकाला जाएगा। जहां पर राजस्थान व हरियाणा के बीच में दूरी घट जाएगी, वहीं इससे राजस्थान की उत्तरप्रदेश से भी सीधी कनेक्टिविटी हो जाएगी।

इसके कारण तीनों राज्यों के बीच में व्यापार बढ़ेगा, वहीं पर्यटन को भी बढ़ावा मिलने वाला है। यह मार्ग हरियाणा के नूंह के नगीना से शुरू होगा और इसको राजस्थान के तिजारा तक बनाया जाएगा।   इसके लिए हरियाणा सरकार की तरफ से 10 करोड़ रुपये की मंजूरी दी है। इस बजट से नए मार्ग के निर्माण के लिए सर्वे किया जाएगा।

इसके लिए हरियाणा के लोक निर्माण विभाग द्वारा मार्ग के प्रोजेक्ट की डिटेल रिपोर्ट यानी डीपीआर तैयार की जाएगी। डीपीआर के माध्यम से जहां अरावली की पाहड़ियों से निकलाने का पूरा प्लान तैयार किया जाएगा, वहीं इस मार्ग के निर्माण में जिन गांवों के किसानों की जमीन आ रही है, उसका भी प्लान तैयार किया जाएगा। 
 
पहले भी बनी थी योजना, कोरोना ने रोक दी थी राह

इससे पहले हरियाणा से राजस्थान तक मार्ग बनाने के लिए हरियाणा सरकार द्वारा योजना बनाई थी। इसके लिए दस करोड़ रुपये का बजट की प्रावधान किया था। जहां पर कंपनी की तरफ इसका निर्माण कार्य भी शुरू कर दिया था, लेकिन कोरोना के चलते इस काम को रोक दिया था।

बाद में इस काम को शुरू किया गया, लेकिन उस समय कंपनी ने अरावली की चट्टानों को कमजोर बताकर काम को रोक दिया था और यह मामला अदालत में चला गया था। जहां पर कंपनी ने ज्यादा बजट देने की मांग की, लेकिन सरकार ने देने से मना कर दिया था। अब हरियाणा सरकार ने इस प्रोजेक्ट को दोबारा से शुरू करने की योजना बनाई है। 

हरियाणा व राजस्थान की दूरी लगभग 15 किलोमीटर हो जाएगी कम 

हरियाणा के नगीना से तिजारा तक बनने वाली इस मार्ग के निर्माण के बाद दोनों के बीच की दूरी 15 किलोमीटर घट जाएग। फिलहाल नगीना से तिजारा जाने के लिए 45 किलोमीटर का सफर तय करना पड़ता है, लेकिन इस मार्ग के निर्माण के बाद दोनों के बीच की दूरी 30 किलोमीटर रह जाएगी।

इससे दोनों प्रदेशों के बीच की दूरी में कमी आएगी। सरकार की योजना के तहत चार किलोमीटर तक इस मार्ग को अरावली की पाहड़ियों के बीच से निकाला जाएगा। इस मार्ग की चौड़ाई सात मीटर के करीब होगी।