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उन्मेष 2025 : अंतरराष्ट्रीय साहित्य उत्सव का शुभारंभ, राजपुरोहित ने राजस्थानी माटी की महक बिखेरी

 

RNE Network.

साहित्य अकादेमी दिल्ली एवं बिहार सरकार के सयुंक्त तत्वावधान में 25 से 28 सितम्बर तक पटना में आयोजित चार दिवसीय उन्मेष : अंतरराष्ट्रीय साहित्य उत्सव में प्रदेश के राजस्थानी रचनाकारों ने अपनी मातृभाषा का चरचम लहरा कर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर राजस्थानी का मान बढाया है । 

 उन्मेष : अंतरराष्ट्रीय साहित्य उत्सव के अंतर्गत साहित्य अकादेमी द्वारा देश एवं दुनिया की सौ भाषाओं के 500 रचनाकारों को आमंत्रित किया गया है । साहित्य अकादेमी में राजस्थानी भाषा परामर्श मंडल के संयोजक ख्यातनाम कवि-आलोचक प्रोफेसर (डाॅ.) अर्जुनदेव चारण के संयोजन में जोधपुर के प्रतिष्ठित कवि-आलोचक गजेसिंह राजपुरोहित, श्रीगंगानगर के वरिष्ठ कवि-कथाकार रामस्वरूप किसान, बीकानेर के प्रतिष्ठित कवि प्रकाशदान चारण, डूंगरपुर के प्रतिष्ठित कवि-कथाकार दिनेश पांचाल, हनुमानगढ से युवाकवि शिवबोधि एवं बांसवाड़ा के युवा कवि सूर्यकरण सरोज इस विश्वव्यापी साहित्यिक आयोजन में शिरकत कर रहे है ।  

राजपुरोहित ने पहले ही दिन माटी की महक बिखेरी : अंतरराष्ट्रीय साहित्य उत्सव का चतुर्थ सत्र ' बहुभाषी कविता पाठ ' ललद्यद सभागार में बुधवार को सम्पन्न हुआ जिसमें राजस्थानी भाषा के अलावा गुजराती, हिमाचली एवं मणिपुरी भाषाओं के कवियों ने पाठ किया। इस अवसर पर साहित्य अकादेमी के सर्वोच्च राजस्थानी पुरस्कार से पुरस्कृत प्रतिष्ठित कवि गजेसिंह राजपुरोहित ने अपनी राजस्थानी कविताएं प्रस्तुत कर सबको मंत्रमुग्ध कर दिया। उन्होंने राजस्थानी कविताएं - बुद्ध !  खुद सूं खुद रौ जुद्ध, अगन-सिनांन, पाणी रौ पत, मोत्यां रौ चूण, अमावस रौ चांद, चितेरण ! माण्ड माण्डणां, छेलौ-छळगारौ अर भरमल ! रड़वड़तौ रूपाळौ मोती प्रस्तुत कर राजस्थानी माटी री महक बिखेरी। सभागार में मौजूद देश - विदेश के अनेकानेक विद्वानों द्वारा राजस्थानी भाषा-साहित्य एवं संस्कृति को अद्भुत बताते हुए राजपुरोहित की काव्य-प्रतिभा की मुक्तकण्ठ से सराहना की गई । साहित्य अकादेमी के अध्यक्ष द्वारा सभी रचनाकारों को सम्मानित कर स्मृति चिन्ह भेंट किया गया । कार्यक्रम में भारतीय भाषाओं के साथ अनेक विदेशी भाषाओं के रचनाकार भी भाग ले रहे है।  

राज्यपाल ने किया उदघाटन : बिहार के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान के मुख्य आतिथ्य एवं साहित्य अकादेमी के अध्यक्ष डाॅ.माधव कौशिक की अध्यक्षता में विद्यापति ऑडिटोरियम में इसका विधिवत उदघाटन बुधवार को प्रातः 10:30 बजे हुआ । इस चार दिवसीय अंतरराष्ट्रीय साहित्यिक आयोजन के अंतर्गत विविध विषयों पर पांच से अधिक सभागारों में लगभग सौ साहित्यिक सत्रों में आयोजन होगा