South Bypass : हिसार के साउथ बाईपास और कैमरी रोड को जोड़ने वाले नहर पुल की साइट बदली
बालसमंद नहर पर कैमरी रोड को जोड़ने के लिए बनाए जाने वाले पुल की साइट और डिजाइन में बदलाव किया गया है। बीएंडआर ने इसकी साइट बदलने के बाद अब डिजाइन में भी बदलाव कर मुख्यालय भेजा है। मुख्यालय की मंजूरी मिलने के साथ ही इस दिशा में आगे काम शुरू होगा। अगर नगर पर ये ये पुल बन जाता है तो कैमरी रोड पर रहने वाली 40 हजार से ज्यादा की आबादी को सीधा फायदा मिलेगा। उनका समय तो बचेगा, उन्हें दो पुल पार नहीं करने पड़ेंगे।
ऐसे में वाहनों का फ्यूल भी कम खर्च होगा, क्योंकि सेक्टर 16-17 साउथ बाइपास की तरफ आने-जाने वालों को पहले सेक्टर 16-17 और फिर कैमरी रोड आरओबी को पार कर कैमरी रोड जाना पड़ता है। अगर नहर पर यह पुल बन जाएगा तो सीधे ही केवल नहर पुल को पार कर कैमरी रोड पर पहुंचा जा सकेगा।
सेक्टर 16-17 आरओबी के नीचे से बनेगा रास्ता
बीएंडआर की टेक्निकल टीम के सदस्यों ने बताया कि बालसमंद ब्रांच नहर पर पुल बनाने का अब प्रस्ताव बदला है। नया पुल जहां बनेगा उसका रास्ता सेक्टर 16-17 के आरओबी के नीचे से होगा। पहले आरओबी के कॉर्नर के साथ थोड़ा चलते ही था। जिसका पहले डिजाइन बना था। आरओबी के नीचे से वाहन निकल सकेंगे।
पहले से ₹55 लाख की लागत आएगी कम
पहले जो डिजाइन व साइट निर्धारित की गई थी उस पर बीएंडआर ने 7.94 करोड़ रुपए का एस्टीमेट तैयार किया था। अब जो दोबारा डिजाइन व साइट निर्धारित की है उसका एस्टीमेट 7.39 करोड़ रुपए का बनाया गया है। हालांकि यह प्रशासनिक मंजूरी है। टीम ने इसका रफ कॉस्ट एस्टीमेट पहले से 55 लाख रुपए कम का तैयार किया है।
नगर निगम में प्रस्ताव हो चुका पास
बीएंडआर के अधिकिारयों ने बताया कि डीएवी स्कूल रोड को चौड़ा करने के लिए पीडब्लूडी मंत्री रणबीर गंगवा ने कहा है। अभी जमीन है उसकी चौड़ाई कम है। जैसे ही नहर पर पुल बनेगा यहां वाहनों की संख्या बढ़ेगी। ऐसे में इस रोड को चौड़ा किया जाना है।
हालांकि पहले ही नगर निगम में इसको लेकर प्रस्ताव पारित हो चुका है। डीएवी स्कूल प्रबंधन इसके लिए पहले ही जमीन देने के लिए तैयार है। समाजसेवी योगराज शर्मा शुरू से ही इस मामले को उठा रहे हैं। मंत्री ने इस रोड को चौड़ा करने को लेकर नगर निगम की जिम्मेदारी लगाई है।
प्रोजेक्ट की डिजाइन में बदलाव होगा
बीएंडआर एसई अजीत सिंह ने कहा कि नहर पर बनने वाले पुल की साइट व डिजाइन में बदलाव किया जाएगा। इसको लेकर मुख्यालय से मंजूरी मांगी गई है। इस प्रोजेक्ट पर दूसरे विभागों से भी संपर्क किया गया है क्योंकि इसमें कई विभागों की जमीन है।

