Special Girdawari : हरियाणा के 12 जिलों के 1402 गांवों के किसान को मिलेगा मुआवजा, होगी स्पेशल गिरदावरी
हरियाणा में हुई भारी बारिश के बाद प्रदेश के कई जिलों में जलभराव हो गया है और खरीफ की फसल खराब हो गई है। इसके चलते किसानों को भारी नुकसान हुआ है। किसानों के नुकसान की भरपाई के लिए हरियाणा सरकार की तरफ से विशेष गिरदावरी करवाने के आदेश दिए है। इसके लिए हरियाणा सरकार की तरफ से प्रदेश के 12 जिलों के 1402 गांव के लिए ई क्षतिपूर्ति पोर्टल को खोला है।
जहां पर किसान अपनी फसल की क्षति का पंजीकरण करवा सकते है। हरियाणा सरकार ने इसके लिए आवेदन करने के लिए दस सितंबर तक का समय दिया है। हालांकि पहले सरकार की तरफ से सात जिलों में क्षतिपूर्ति पोर्टल खोला था, लेकिन पिछले कई दिन से हुई तेज बारिश के बाद अन्य जिलों में भी फसल में खराबा हुआ है।
इसको देखते हुए प्रदेश सरकार ने सात की जगह पर 12 जिलों के लिए क्षतिपूर्ति पोर्टल को खोला है। जहां पर किसानों ने मुआवजे के लिए पंजीकरण करना शुरू कर दिया है। ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल पर अब तक 38 हजार 286 किसानों ने अपनी फसल क्षति का दावा दर्ज कराया है। जहां पर किसानों ने 2 लाख 42 हजार 945.15 एकड़ में फसल खराब होने का दावा किया है।
इन जिलों इतने गांव शामिल
हरियाणा सरकार की तरफ से क्षतिग्रस्त पोर्टल को जिले के गांव के हिसाब से खोला है। इसमें रोहतक के 41 गांव, हिसार 86 गांव, चरखी दादरी 34 गांव, पलवल 59 गांव, सिरसा छह गांव, भिवानी 43 गांव, रेवाड़ी के सात गांव , कुरुक्षेत्र के 75 गांव , यमुनानगर के सभी 600 गांव शामिल किए गए हैं। नूंह के 166 गांव, फतेहाबाद के 21 गांव और झज्जर के सभी 264 गांवों को ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल पर खराब फसलों का पंजीकरण कराने के खोला गया है। ऐसे में इन जिलों के किसान दस सितंबर तक पोर्टल पर दावा कर सकते है।
पंजीकरण के बाद होगी स्पेशल गिरदावरी
हरियाणा सरकार ने दस सितंबर तक क्षतिपूर्ति पोर्टल को खोला है। जहां पर किसानों द्वारा आवेदन किया जा रहा है। पंजीकरण पूरा होने के बाद हरियाणा सरकार ने सभी जिला राजस्व अधिकारी अपने-अपने जिलों में पोर्टल के माध्यम से प्राप्त दावों का सत्यापन विशेष गिरदावरी करने के आदेश दिए है। जहां पर आंकलन में दावा सही पाए जाने के बाद ही किसानों को मुआवजा दिया जाएगा।
राज्य आपदा प्रतिक्रिया कोष (एसडीआरएफ) के मानकों के तहत बाढ़, पानी भराव और भारी वर्षा की घटनाएं ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल पर दावा पंजीकरण के लिए मान्य हैं। प्रभावित किसानों द्वारा दावा दर्ज कराने के बाद पटवारी, कानूनगो, सर्कल रेवेन्यू आफिसर, डीआरओ, एसडीओ (सी), उपायुक्त और मंडल आयुक्त स्तर तक राजस्व अधिकारी फसल क्षति का आकलन करेंगे और मुआवजा जारी करने की प्रक्रिया शुरू करेंगे।