Cabinet Decision : छह जिलों की तहसीलों को किया जाएगा इधर से उधर, हरियाणा मंत्रीमंडल की बैठक आज
हरियाणा सरकार की सोमवार को होने वाली मंत्रीमंडल की बैठक में प्रदेश में अहम फैसले होने वाले है। इसमें छह जिलों की तहसीलों को इधर से उधर करने का निर्णय लिया जाएगा। जानकारी के अनुसार मंत्रीमंडल में तहसीलों को एक जिले से हटाकर दूसरे जिलें में शिफ्ट किया जाएगा और उनका रिकार्ड भी नए जिलें में ही ट्रांसफर किया जाएगा।
मंत्रीमंडल की इस बैठक में छह जिलों की तहसील को बदलने की मुहर लगेगी। जानकारी अनुसार तहसीलों में बदलाव महेंद्रगढ़ स्थित नारनौल, रेवाड़ी, यमुनानगर, फरीदाबाद, सिरसा और जिला झज्जर के गांवों को एक उप तहसील व तहसील से निकालकर दूसरी उप तहसील व तहसीलों में स्थानांतरित करने के प्रस्ताव को मंत्रिमंडल द्वारा मंजूरी प्रदान की जाएगी। इन जिलों के तहसील व उप तहसील में इधर से उधर बदलाव किया जाएगा। हालांकि सरकार का फैसला जिला मुख्यालय के निकट तहसील को लेकर आना है, लेकिन सरकार के इस फैसले का कई जिलों में विरोध हो सकता है।
मंत्रीमंडल की बैठक में यह भी लिए फैसले
हरियाणा सरकार की मंत्री मंडल की बैठक में तहसील में बदलाव के अलावा लगभग दो दर्जन फैसले लिए गए है। इनमें विधायकों के विभिन्न राज्यों के दौरों पर जाने के दौरान निजी आवास (होटल) किराये पर लेने की संशोधित दरों को मंजूरी प्रदन की जाएगी। यह पांच हजार रुपये प्रतिदिन हो सकती है।
विधानसभा के शीतकालीन सत्र की तरीख भी तय किए जाने की संभावना है। विधानसभा का शीतकालीन सत्र 26 दिसंबर से आरंभ हो सकता है, जो 30 या 31 दिसंबर तक चलने की संभावना है। मंत्रिमंडल की बैठक में हरियाणा मोटर वाहन नियमों में बदलाव होगा। इसके तहत राज्य सरकार पर्यटन परमिटों के अंतर्गत संचालित पर्यटन वाहनों के संचालन की आयु निर्धारित करेगी।
इससे सड़क दुर्घटनाएं रोकने में मदद मिलेगी। मंत्रिमंडल की बैठक में हरियाणा निजी विश्वविद्यालय अधिनियम 2006 में संशोधन किया जाएगा, जिसके माध्यम से एक निजी विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए विधेयक पेश किया जाना है। यह विश्वविद्यालय गुरुग्राम के सेक्टर 68 में खुलेगा और इसका नाम डिजाइन, नवाचार और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय है। बता दें कि इसी अधिनियम के माध्यम से पिछली हुड्डा सरकार ने साल 2013 में 17 निजी विश्वविद्यालयों को मंजूरी प्रदान की थी। आतंकी गतिविधियों के केंद्र के रूप में सामने आई फरीदाबाद की अल फलाह यूनिवर्सिटी को भी इसी अधिनियम में संशोधन के तहत मंजूरी मिली थी।

