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Ganges water : हरियाणा के इस जिले को पेयजल में मिलगा गंगाजल, दो हजार करोड़ की बनाई योजना 

गढ़ गंगा या नोएडा से पेयजल लाइन बिछाई जाए। नोएडा तक गंगाजल आ रहा है। यह पाइप लाइन यमुना नदी तक आएगी।
 

हरियाणा के लोग गंगाजल लेने के लिए हरिद्वार या ऋषिकेश जाते है, लेकिन सरकार की योजना के तहत अब  गंगाजल को हरियाणा में लाया जाएगा। सरकार इस योजना पर दो हजार करोड़ रुपये खर्च करेगी और लोगों को पेजयल के रूप में गंगाजल मिलेगा। सरकार ने यह योजना औद्योगिक नगरी फरीदाबाद के लिए बनाई है।

फरीदाबाद में पेयजल संकट दूर करने के लिए गंगाजल लाने की योजना पर काम शुरू हो गया है। दो हजार करोड़ की इस योजना को लेकर सरकार ने भी सकारात्मक रुख दिखाया है। इसलिए फरीदाबाद महानगर विकास प्राधिकरण के अधिकारियों ने योजना का प्रारूप भी तैयार कर लिया है। अब प्रदेश के मुख्य सचिव इस योजना को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार से बात करेंगे। अधिकारी उम्मीद जता रहे हैं कि इसी साल योजना को गति मिल सकती है। 

फरीदाबाद महानगर विकास प्राधिकरण की योजना

प्राधिकरण की योजना है कि गढ़ गंगा या नोएडा से पेयजल लाइन बिछाई जाए। नोएडा तक गंगाजल आ रहा है। यह पाइप लाइन यमुना नदी तक आएगी। नदी किनारे 50 एकड़ जमीन पर वाटर ट्रीटमेंट प्लांट बनाया जाएगा, ताकि पानी साफ कर शहरवासियों तक पहुंचाया जा सके। यमुना नदी से लेकर शहर तक पहले ही पाइप लाइनें
बिछाई जा चुकी हैं।

अधिकारियों ने नंगला गुजरान में भी वाटर ट्रीटमेंट प्लांट के लिए जगह देखी है। रोजाना 500 एमएलडी गंगा जल लाने की योजना है। इस योजना के लिए एनसीआर प्लानिंग बोर्ड से लोन लिया जाएगा। कुछ पैसा प्रदेश सरकार भी देगी। योजना को प्राधिकरण की बोर्ड मीटिंग में स्वीकृति मिल चुकी है।

इन-इन इलाकों में रहता है सबसे अधिक पेयजल संकट

एनआइटी और बड़खल क्षेत्र में पानी की किल्लत सबसे अधिक है। सेक्टर 25 जलघर से पानी सेक्टर-55, 22, 23, संजय कालोनी, प्रतापगढ़, एसजीएम नगर, सैनिक कालोनी, जीवन नगर, राजीव कालोनी तक जाता है, लेकिन इस बूस्टर में पानी इतना कम आता है कि सभी इलाकों में कई बार एक से दो दिन में पानी की सप्लाई होती है।

जवाहर कालोनी, पर्वतीय कालोनी, नंगला पार्ट दो, सरपंच चौक, भड़ाना चौक, सुभाष चौक सैनिक कालोनी, ग्रीन फील्ड कालोनी आदि इलाकों में पेयजल किल्लत रहती है। प्राइवेट टैंकर संचालक इसका लाभ उठाने लगे। लोगों को करीब 1200 से 1500 रुपये देकर टैंकर मंगाना पड़ रहा है।

मानसून के बाद यमुना में नहीं रहता पानी 

फरीदाबाद जिले से यमुना नदी बहती है, लेकिन इसमें मानसून के कुछ ही दिन जलस्तर अधिक रहता है। बाकी पूरे साल तो सीवर व रसायनयुक्त पानी बहता है। ऐसा दिखाई देता है जैसे कोई नाला बह रहा हो। इसलिए शहरवासियों को भरपूर पेयजल आपूर्ति करने में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

नदी किनारे फिलहाल 22 रेनीवेल लगे हुए हैं और 10 लगाए जा रहे हैं और मास्टर प्लान 2031 के तहत 22 और लगाए जाएंगे, लेकिन यमुना बेल्ट में भूजल स्तर तेजी से खिसक रहा है। इसलिए यहां लगे रेनीवेल हांफने लगे हैं। अधिकारी यमुना के अलावा अन्य विकल्पों पर काम कर रहे हैं, ताकि अगले कई दशक तक यहां पानी की दिक्कत न हो। हालांकि इस योजना पर पैसा तो बहुत अधिक लग रहा है लेकिन अब इसके अलावा अन्य विकल्प मजबूत नहीं हैं।