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पथरी, प्रोस्टेट, किड्नी संबंधित रोगों से जुड़ी यूरॉलोजी समस्या एनएमसी अधिकृत डॉक्टर्स को दिखाएं : डॉ. मुकेश आर्य

सरदार पटेल मेडिकल कॉलेज में यूरोलॉजी जागरूकता दिवस पर प्रेस वार्ता का आयोजन

RNE Bikaner.

सरदार पटेल मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य एवं नियंत्रक डॉ. गुंजन सोनी के मार्गदर्शन में रविवार को यूरोलॉजी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. मुकेश आर्य ने यूरोलॉजी जागरूकता दिवस के अवसर पर मेडिकल कॉलेज सभागार में प्रेस वार्ता का आयोजन किया। इस अवसर पर डॉ. आर्य ने यूरोलॉजी से संबंधित रोगों पर चर्चा करते हुए मरीजों से आग्रह किया कि वे पथरी, प्रोस्टेट, किडनी और अन्य यूरोलॉजी समस्याओं का इलाज नेशनल मेडिकल काउंसिल से मान्यता प्राप्त यूरोलॉजिस्ट से ही करवाएं।

असावधानी से बढ़ती गंभीर समस्याएं :

डॉ. मुकेश आर्य ने बताया कि वर्तमान में कई मरीज पथरी का इलाज अन्य चिकित्सा पद्धतियों से करवा रहे हैं, जिससे उनकी समस्या और अधिक बढ़ जाती है। जब मरीज अंततः एलोपैथिक उपचार के लिए अस्पताल आते हैं, तब तक उनके गुर्दे गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त हो चुके होते हैं। डॉ. आर्य के अनुसार, हर साल करीब 70-80 मरीजों के गुर्दों को ऑपरेशन कर निकालना पड़ता है। उन्होंने कहा कि अगर मरीज शुरुआती अवस्था में ही पीबीएम अस्पताल के यूरोलॉजी विभाग में परामर्श लें, तो उन्हें समय पर उपचार मिल सकता है और बड़ी समस्याओं से बचा जा सकता है। मुख्यमंत्री आयुष्मान आरोग्य योजना के तहत पीबीएम अस्पताल में सभी प्रकार के ऑपरेशन नि:शुल्क किए जाते हैं।

अन्य यूरोलॉजिकल समस्याएं और उनके समाधान :

डॉ. आर्य ने मूत्र मार्ग संक्रमण, प्रोस्टेट कैंसर, किडनी स्टोन, पुरुष बांझपन, स्तंभन दोष और महिलाओं में पेशाब लीक जैसी समस्याओं के प्रति जागरूकता फैलाने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने बताया कि इन समस्याओं का सही समय पर इलाज न मिलने के कारण मरीज असमय गंभीर बीमारियों का शिकार हो जाते हैं। उन्होंने जोर दिया कि इन समस्याओं के लिए उचित यूरोलॉजिस्ट से परामर्श लेना बेहद आवश्यक है ताकि मरीजों को सही और समय पर इलाज मिल सके।

यूरोलॉजिस्ट की उपलब्धता :

डॉ. आर्य ने यह भी बताया कि पहले की तुलना में अब यूरोलॉजी की पढ़ाई के लिए सीटों की संख्या बढ़ने से यूरोलॉजिस्ट की उपलब्धता भी पर्याप्त मात्रा में है। देशभर में 300 और राजस्थान में 40 सीटें हैं। बीकानेर के पीबीएम अस्पताल में 4 यूरोलॉजिस्ट उपलब्ध हैं, जबकि निजी क्षेत्र में भी 4 यूरोलॉजिस्ट सेवाएं प्रदान कर रहे हैं।

योग्य यूरोलॉजिस्ट का महत्व :

डॉ. आर्य ने कहा कि यूरोलॉजिकल बीमारियों का सही समय पर और उचित उपचार करना बेहद आवश्यक है। एक योग्य यूरोलॉजिस्ट, जिनके पास एमसीएच, डीएनबी, या एफआरसीएस जैसी उच्च स्तरीय डिग्रियाँ होती हैं, इन बीमारियों के इलाज में दक्ष होते हैं। यूरोलॉजी जागरूकता दिवस का मुख्य उद्देश्य आम जनता को यह समझाना है कि यूरोलॉजिकल समस्याओं के लिए सही विशेषज्ञ का चुनाव अत्यंत महत्वपूर्ण है।

महिलाओं में पेशाब लीक की समस्या और उसका इलाज:

पेशाब रोकने की समस्या (स्ट्रेस यूरीनरी इंकंटिनेंस) से जूझ रही महिलाओं के लिए भी डॉ. आर्य ने जागरूकता फैलाने की आवश्यकता बताई। उन्होंने कहा कि यह समस्या घबराने की बात नहीं है और इसका प्रभावी इलाज उपलब्ध है। आधुनिक चिकित्सा पद्धतियों के तहत दवाओं और टीओटी स्लिंग ऑपरेशन द्वारा इलाज किया जा रहा है, जो काफी सफल है। उन्होंने महिलाओं से इस समस्या को नजरअंदाज करने या छिपाने के बजाय तुरंत यूरोलॉजिस्ट से परामर्श लेने का आग्रह किया।

सप्ताह में दो बार स्क्रीनिंग कैंप का आयोजन :

महिलाओं की इस समस्या के निदान के लिए पीबीएम अस्पताल के यूरोलॉजी विभाग में सप्ताह में दो बार, सोमवार और बुधवार को, सुबह 9 बजे से दोपहर 3 बजे तक विशेष कैंप का आयोजन किया जाता है, जिसमें स्क्रीनिंग की जाती है। डॉ. आर्य ने इस सुविधा का लाभ उठाने की अपील की ताकि महिलाएं समय पर उचित उपचार प्राप्त कर सकें।

इस प्रेस वार्ता में डॉ. मुकेश आर्य ने यूरोलॉजी के प्रति जागरूकता बढ़ाने और समय पर सही उपचार प्राप्त करने की महत्ता पर जोर दिया। उन्होंने बताया कि जागरूकता के अभाव में यूरोलॉजिकल समस्याएं गंभीर रूप धारण कर लेती हैं, जबकि समय पर इलाज से मरीजों को राहत मिल सकती है।