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Netaji Express : सात राज्यों से होकर निकलने वाली ट्रेन में किया बड़ा बदलाव, अब कम होगा शोर

नए डिब्बों में अब बेहतर सस्पेंशन सिस्टम, कम शोर के उपकरण लगाए 

 

अंग्रेजों के जमाने में पटरी पर उतरी कालका मेल एक्सप्रेस का रेलवे ने पहले ही  नाम बदलकर नेताजी एक्सप्रेस  कर दिया था। सात राज्यों से होकर निकलने वाली इस ट्रेन का रंगरूप भी बदल गया है। नए डिब्बों पर दीनदयालु भी लिख दिया गया है। इस ट्रेन को आधुनिक लिंके-हाफमैन-बुश (एलएचबी) कोचों से अपग्रेड कर 14 जुलाई 2025 से दौड़ा दिया है। कालका से हावड़ा तक दौड़ने वाली ट्रेन के नए डिब्बों में अब बेहतर सस्पेंशन सिस्टम, कम शोर और लंबी दूरी की होने के कारण सफर अधिक सुचारु और आरामदायक होने लगा है।

नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती के सम्मान में बदला गया था नाम नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती के सम्मान में 21 जनवरी 2021 को इसका नाम बदलकर नेताजी एक्सप्रेस कर दिया गया। ट्रेन संख्या 12311 नेताजी एक्सप्रेस के नाम से रेलवे में टिकट बुक होने लगे। यह ट्रेन पश्चिम बंगाल, झारखंड, बिहार, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, पंजाब और हरियाणा राज्यों से होकर आती है। सुपरफास्ट एक्सप्रेस इस ट्रेन में एसी फर्स्ट क्लास, एसी 2 टियर, एसी 3 टियर, स्लीपर क्लास और अनारक्षित कोच भी उपलब्ध हैं।

सुविधाओं से लैस होगी नेताजी एक्सप्रेस

 इस ट्रेन में एलएचबी कोच होने से संरक्षा बेहतर हो जाएगी। कोचों में एंटी-टेलिस्कोपिक डिजाइन, क्रम्पल जोन और सेंटर बफर कपलर जैसी उन्नत सुरक्षा सुविधाएं होती हैं, जो दुर्घटनाओं के दौरान चोटों के जोखिम को काफी कम करती हैं।

यह है नेताजी एक्सप्रेस का रूट 

नेताजी एक्सप्रेस, जिसे पहले कालका मेल के नाम से पहचाना जाता था, वह हावड़ा से कलकता तक चलती है। यह ट्रेन बंगाल के हावड़ा जंक्शन से शुरू होती है। इस ट्रेन का रूट हावड़ा, बर्द्धमान, दुर्गापुन, आसनसोन, धनबाद, गोमोह, गया, दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन (पहले मुगलसराय), प्रयागराज (पहले इलाहाबाद), कानपुर, अलीगढ़, गाजियाबाद, दिल्ली, सोनीपत, पानीपत, करनाल, कुरुक्षेत्र, अंबाला कैंट, चंडीगढ़ और कालका तक पहुंचती है।

गरीब रथ एक्सप्रेस भी एलएचबी कोच से लैस

साल 2006 में रेल मंत्री रहे लालू प्रसाद यादव ने फुल एसी गरीब रथ एक्सप्रेस चलाकर किराया कम और सीटें अधिक देते हुए इसकी शुरुआत की थी। अब सरक्षा की दृष्टि से ट्रेन के कोचों को रेलवे से बाहर किया जा रहा है। इन कोच के स्थान पर एलएचबी एसी कोच लगाये जा रहे हैं। इलेक्ट्रिकल और मैकेनिकल हिस्से की मरम्मत और अन्य कारणों का हवाला देते हुए रेलवे बोर्ड ने सभी महाप्रबंधकों को आदेश जारी किए।

यह कोच इंटीग्रल कोच फैक्ट्री में बनाए गए थे, जिनका उत्पादन बंद किया जा चुका है। अब गरीब रथ के कोच न बनने के कारण एलएचबी कोच नए बनाने का लक्ष्य भी अधिक कर दिया गया है। 72 सीटों की जगह 80 सीटें की गई थी और अब एलएचबी कोच बनाए जा रहे है, उसमे एसी इकानमी कोच में भी 80 सीटें ही हैं।