New High Speed Rail line : जयपुर से जोधपुर के बीच में बन रही देश की सबसे हाई स्पीड रेलवे लाइन
राजस्थान में देश का सबसे तेजी स्पीड वाला रेलवे लाइन बनाई जा रही है। इस रेलवे लाइन पर 200 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से ट्रेन दौड़ेगी और इस रेलवे लाइन पर बुलेट ट्रेन का ट्रायल भी होगा। चीन, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया में भी हाई स्पीड ट्रेनों का ट्रायल इसी तरह की रेलवे लाइन पर किया जाता है। ऐसे में यह रेलवे लाइन देश की ट्रेनों की स्पीड बढ़ाने में योगदान देने वाला है।
इस रेलवे लाइन के निर्माण के बाद दूसरे रेलवे लाइनो को भी इसी तर्ज पर आगे बढ़ाया जाएगा, लेकिन यह रेलवे लाइन राजस्थान की राजधानी जयपुर से जोधपुर के बीच में बन रहा है, लेकिन सरकार की अनदेखी के कारण इसका काम काफी लंबे समय से रुका हुआ है। तीन साल से रेलवे सांभर झील क्षेत्र में 2.5 किमी ट्रैक बिछाने की मंजूरी नहीं मिलने के कारण इसका काम रुका हआ है। ऐसे में अब रेलवे लाइन को बनाने में जहां लगात बढ़ेगी।
आपको बता दे कि जयपुर-जोधपुर रेलमार्ग पर वर्ष 2019-20 में 200 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से ट्रेन को चलाने के लिए 64 किमी लंबे हाई स्पीड ट्रायल ट्रैक की बजट घोषणा की थी। बजट में घोषणा होने के साथ ही इस रेलवे लाइन का निर्माण कार्य शुरू हो गया था और इस काम को तेजी से किया गया। जहां पर रेलवे विभाग ने इस रेलवे लाइन को 80 प्रतिशत बनाकर तैयार किया जा चुका है, लेकिन अब ढ़ाई किलोमीटर का टुकड़ा अनुमति के चक्कर में रुका हुआ है।
ट्रैक को नावां के पास गुढ़ा से मीठड़ी तक व सांभर झील के किनारे तक बिछाया जाना प्रस्तावित है। लेकिन सांभर झील के वेटलैंड क्षेत्र के 2.5 किमी का हिस्सा वन एवं पर्यावरण मंत्रालय से मंजूरी के अभाव में अटका है। तीन साल में कई बार राज्य सरकार और मंत्रालय को प्रस्ताव भेजे गए, लेकिन हर बार कोई न कोई आपत्ति आ खड़ी हुई।
बुलेट ट्रेन का इसी पर होगी ट्रायल
रेलवे अधिकारियों के अनुसार यह रेलवे लाइन देश की सबसे तेज स्पीड से ट्रेन चलाने वाली होगी। इसी ट्रैक पर बुलेट ट्रेन के कोच भी यहीं परखे जा सकेंगे। अक्सर नई ट्रेन या वैगन का परीक्षण करते समय यातायात रोकना पड़ता है। यह ट्रैक चालू होने से न सिर्फ नए इंजनों और कोच का ट्रायल सुगम होगा। यहां 200 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से ट्रायल हो सकेगा।
नियमों में उलझी रेलवे लाइन
राज्य सरकार की स्टेट वेटलैंड अथॉरिटी का तर्क है कि सांभर झील अंतरराष्ट्रीय रामसर साइट है, जहां नया निर्माण प्रतिबंधित है। जबकि रेलवे का कहना है कि, झील में पहले से ही नमक ढुलाई के कई रेल ट्रैक और जयपुर-जोधपुर की मुख्य रेललाइन मौजूद है। ऐसे में महज 2.5 किमी ट्रैक पर अड़ंगा लगाना समझ से परे है। रेलवे अब राज्य सरकार से दोबारा संवाद कर मंजूरी दिलाने की तैयारी में है।