New High Speed Rail Track : राजस्थान में मिट्टी में दबे अंग्रेजों के जमाने के रेलवे ट्रैक पर 220 किमी की स्पीड से दौड़ेगी ट्रेन, बनेंगे चार स्टेशन
राजस्थान में अंग्रेजों के जमाने में बने हुए रेलवे ट्रैक पर अब 220 की स्पीड से ट्रेन दौड़ेगी। 46 किलोमीटर लंबे इस रेलवे लाइन को दोबारा से शुरू किया जा रहा है और इसके लिए 967 करोड़ रुपये की राशि मंजूर की गई है। दुनिया की मशहूर सांभर झील के बीच से देश का पहला डेडिकेटेड रेलवे ट्रैक बनकर तैयार हो रहा है।
हालांकि अंग्रेजों ने इस रेलवे लाइन को नमक ढोहने के लिए बनाया गया था, लेकिन बाद में समय के साथ यह रेलवे रेलवे खराब हो गई थी। जहां पर बाढ के चलते यह रेलवे लाइन टूट गई थी और काफी हिस्सा जमीन के नीचे दब गया था। लेकिन रेलवे ने अब इस लाइन को देश की सबसे स्पीड वाली रेलवे लाइन बना दिया है। इस रेलवे लाइन पर चार रेलवे स्टेशनों का निर्माण किया जाएगा, ताकि यात्रियों को भी इसकी सुविधा मिल सके।
हालांकि इस हाई स्पीड रेलवे ट्रैक के ऊपर बुलेट ट्रेन, मेट्रो और हाई-स्पीड ट्रेनों का ट्रायल किया जाएगा। स्थानीय लोगों के अनुसार आजादी से पहले ब्रिटिश शासनकाल में इस इलाके में जयपुर-जोधपुर रूट के लिए रेलवे ट्रैक बिछाया गया था, लेकिन बाढ़ के कारण पटरियां मिट्टी में दब गई थी. जब ट्रायल ट्रैक प्रोजेक्ट की परिकल्पना की गई, तो रेलवे ने सैटेलाइट इमेज की मदद से इस पुराने ट्रैक को तलाशा और अब उसी जगह पर नए सिरे से 64 किलोमीटर लंबा ट्रैक बिछाया जा रहा है, जिसका काम अब अंतिम दौर में है।
देश की रेलवे लाइनों में सबसे मजबूत होगा स्ट्रक्चर
उत्तर-पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी कैप्टन शशिकिरण ने बताया कि येह रेलवे लाइन राजस्थान के गुढा से ठठाण मीठणी तक इस हाई स्पीड रेलवे ट्रैक का निर्माण किया गया है। इस रेलवे ट्रैक की लंबाई 64 किलोमीटर होगी और इसका स्ट्रक्चर देश में बिछ रेलवे लाइनों में सबसे ज्यादा मजबूत होने वाला है। इस ट्रायल ट्रैक में अलग-अलग स्ट्रक्चर जैसे पुल, अंडरब्रिज और ओवरब्रिज भी बनाए गए हैं। इन स्ट्रक्चर से बुलेट ट्रेन को गुजारकर उसकी स्पीड का ट्रायल किया जाएगा। यह देश का पहला डेडिकेटेड ट्रायल ट्रैक होगा।
रेलवे ट्रैक पर बनेंगे 137 अंडर पास व ओवरब्रिज
रेलवे द्वारा बिछाई जा रही लाइन ट्रैक पर स्टील और आरसीसी के पुल बने हैं, जो जमीन के नीचे और ऊपर भी हैं। इन पुलों को कंपनरोधी बनाने में आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल किया गया है। ट्रायल के दौरान तेज रफ्तार का ओवरब्रिज और अंडरब्रिज पर असर भी देखा जाएगा।
इस ट्रैक पर मीठड़ी, नावां, जाबदीनगर और गुढ़ा में चार स्टेशन भी बनाए जा रहे हैं। 64 किलोमीटर लंबा यह ट्रैक एकदम सीधा नहीं है, बल्कि इसमें कई घुमावदार पॉइंट बनाए गए हैं। इससे तेज रफ्तार से चलने वाली ट्रेन को तेज घुमाव पर बिना रफ्तार कम किए गुजारने का ट्रायल होगा।