रेलवे ने वेटिंग टिकटों को लेकर बनाया नियम, अब इससे ज्यादा नहीं मिलेगी टिकट

rail ticket news : रेलवे ने यात्रियों की सुविधा को बढ़ाने और रिजर्व कोच में भीड़ को कम करने के लिए एक नया नियम लागू किया है। इसके तहत, अब प्रत्येक कोच की कुल बर्थ (सीटों) की संख्या के सापेक्ष केवल 25 प्रतिशत वेटिंग टिकट जारी किए जाएंगे। यह नियम स्लीपर, एसी थर्ड टियर, एसी टू टियर और एसी फर्स्ट क्लास सहित सभी रिजर्व कोच पर लागू होगा। यह 25 प्रतिशत वेटिंग टिकट की सीमा केवल सामान्य कोटे की बर्थ पर लागू होगी। सीनियर सिटीजन, महिलाओं, दिव्यांगजन और विदेशी पर्यटकों के लिए आरक्षित कोटा की बर्थ इस गणना से बाहर रहेंगी।
नए नियम के अनुसार, स्लीपर कोच (एसएल) में बर्थ 72 (एचएचबी कोच में 78 तक) है तो इसमें वेटिंग टिकट अधिकतम 18 (72 बर्थ के लिए) या 19-20 (78 बर्थ के लिए) हो सकेगा। एसी थर्ड टियर (थ्री ए) में बर्थ 64 (एलएचबी कोच में 72 तक) होती है। इसमें वेटिंग टिकट अधिकतम 16 (64 बर्थ के लिए) या 18 (72 बर्थ के लिए) होगी।
वहीं, एसी टू टियर (टू ए) में बर्थ 46 (एचएचबी कोच में 54 तक) हैं। इसमें वेटिंग टिकट अधिकतम 11-12 (46 बर्थ के लिए) या 13-14 (54 बर्थ के लिए)होगी। इसके अलावा एसी फर्स्ट क्लास (वन ए) में बर्थ 18-24 (एचएचबी कोच में 22 तक) होती है। इसमें वेटिंग टिकट अधिकतम चार-पांच (18 बर्थ के लिए) या छह (24 बर्थ के लिए) ही होगा। इस फैसले का उद्देश्य त्योहारी सीजन में होने वाली अत्यधिक भीड़ को कम करना और कंफर्म टिकट वाले यात्रियों को बेहतर यात्रा अनुभव प्रदान करना है।
दरअसल सामान्य दिनों में दैनिक ट्रेनों में प्रतीक्षा सूची 100 से कुछ अधिक होती है, लेकिन त्योहारों जैसे होली, दिवाली या छठ में 400 तक पहुंच जाती थी। इससे बिना कंफर्म टिकट वाले यात्री भी ट्रेनों में चढ़ जाते थे, जिससे आरक्षित कोचों में असुविधा बढ़ती है। हालांकि, इस बदलाव से कई ट्रेनों में रिग्रेट की स्थिति बन रही है, क्योंकि सीमित वेटिंग टिकटों के कारण कई यात्रियों को टिकट नहीं मिल पा रहा है।
उत्तर मध्य रेलवे के सीपीआरओ शशिकांत त्रिपाठी ने बताया कि रेलवे बोर्ड ने सभी जोनल रेलवे को इस संबंध में निर्देश जारी किए हैं। बर्थ की संख्या ट्रेन के प्रकार और कोच के डिजाइन (आइसीएफ या एचएचबी) पर निर्भर हो सकती है।