CET Special Train : उत्तर रेलवे ने सीईटी परीक्षार्थियों को दिया तोहफा, रेलवे ने दो परीक्षा स्पेशल ट्रेनों का किया संचालन
चंडीगढ़ से प्रस्थान दोपहर सवा एक बजे, चंडीगढ़ से प्रस्थान साम 7.15 बजे तक, 27 जुलाई चंडीगढ़ से प्रस्थान सवा एक बजे, चंडीगढ़ से प्रस्थान 19.15 बजे और चंडीगढ़ करनाल 26 जुलाई, समय दोपहर डेढ़ बजे, चंडीगढ़ से प्रस्थान शाम सात बजे, 27 जुलाई चंडीगढ़ से प्रस्थान दोपहर डेढ़ बजे, चंडीगढ़ से प्रस्थान शाम सात बजे रहेगा।
उत्तर रेलवे द्वारा हरियाणा सीईटी 2025 की परीक्षा देने वाले विद्यार्थियों को बड़ी राहत दी है। जहां पर रेलवे विभाग द्वारा परीक्षार्थियों की सुविधा के लिए परीक्षा स्पेशल ट्रेन का संचालन किया है। जहां पर परीक्षार्थी का सफर आसान हो जाएगा। 26 व 27 जुलाई को सीईटी (ग्रुप-सी) को लेकर उत्तर रेलवे द्वारा स्पेशल रेलगाड़ियों का संचालन किया है। इसके तहत चंडीगढ़-सहारनपुर के लिए 26 जुलाई को ट्रेन चलेगी।
चंडीगढ़ से प्रस्थान दोपहर सवा एक बजे, चंडीगढ़ से प्रस्थान साम 7.15 बजे तक, 27 जुलाई चंडीगढ़ से प्रस्थान सवा एक बजे, चंडीगढ़ से प्रस्थान 19.15 बजे और चंडीगढ़ करनाल 26 जुलाई, समय दोपहर डेढ़ बजे, चंडीगढ़ से प्रस्थान शाम सात बजे, 27 जुलाई चंडीगढ़ से प्रस्थान दोपहर डेढ़ बजे, चंडीगढ़ से प्रस्थान शाम सात बजे रहेगा।
परीक्षार्थियों के लिए 12 हजार व आमजन के लिए चलेंगी 1500 बसें
कामन एलिजिबिलिटी टेस्ट (सीईटी) की परीक्षा को लेकर राज्य में सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था के कारण आम लोगों को कोई दिक्कत नहीं होगी। सरकार को तरफ से एक याचिका की सुनवाई के दौरान बताया गया कि रोडवेज की 4000 बस में से 2500 सीईटी परीक्षा में तैनात की गई है जबकि 1500 बस सामान्य रूट पर जनता के लिए चलेगी। कोर्ट को बताया गया सीईटी के लिए जिलों के डीसी द्वारा निजी स्कूलों की 9500 बस का भी प्रबंध किया गया है।
सरकार के जवाब पर कोर्ट ने कहा कि परीक्षा शनिवार और रविवार हो होनी है इसलिए कार्यालय बंद होते हैं फिर भी सरकार उचित कदम उठाए ताकि आमजन को परिवहन बारे कोई दिक्कत न हो। इसी के साथ कोर्ट ने याचिका का निपटारा कर दिया। इस विषय पर दायर याचिका में कहा गया था कि सरकार के इस फैसले से हरियाणा रोडवेज की अधिकतम बसें परीक्षा डयूटी में तैनात हो जाएंगी, जिससे दैनिक यात्रियों, कार्यालय जाने वालों, मरीजों, बुजुर्गों और श्रमिक वर्ग को भारी असुविधा का सामना करना पड़ सकता है।
याचिकाकर्ता ने दावा किया है कि राज्य सरकार ने इस योजना की घोषणा तो कर दी, लेकिन आम जनता के लिए कोई वैकल्पिक या आकस्मिक परिवहन व्यवस्था नहीं की गई, जिससे उनके संविधान प्रदत्त मौलिक अधिकारों का उल्लंघन होगा।