Vande Bharat Train : राजस्थान में रेलवे लाइन पर 180 किमी की रफ्तार से दौड़ेगी वंदे भारत ट्रेन, ट्रायल सफल
भारतीय रेल विभाग की तरफ से ट्रेनों के सफर को आरामदेय बनाने के साथ-साथ उसकी स्पीड को बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है। जहां पर भारतीय रेलवे इस योजना में सफर भी होती जा रही है। अब रेलवे विभाग ने वंदे भारत ट्रेन को 180 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से दौड़ने की योजना बनाई है और इसके लिए ट्रायल भी किया गया।
जहां पर ट्रायल में रेलवे विभाग सफर भी रहा। दिल्ली-मुंबई रेलमार्ग को सेमी हाई स्पीड ट्रेन चलाने के लिए तैयार किया जा रहा है। मथुरा से नागदा तक यह कार्य पूरा भी हो गया है। इस पर अब 160 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से ट्रेन चलाई जा सकती है, लेकिन इस रूट पर स्लीपर श्रेणी वंदे भारत ट्रेन को 180 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से भी दौड़ाया जा सकता है।
स्वदेशी तकनीक, रेल का नया भरोसा
कोटा रेल मंडल में मंगलवार को इस ट्रेन के रैक को 180 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से दौड़ाकर सफल परीक्षण किया गया। जब ट्रेन को उच्च गति से चलाया तब इंजन में पानी से भरे तीन गिलास भी रखे, लेकिन वे नहीं डोले। वंदे भारत स्लीपर रैक नवीनतम डिजाइन की अद्यतन बोगियों से सुसज्जित है, जो उच्च गति पर भी अधिक स्थिरता और आराम प्रदान करती है।
रेलवे अधिकारियों ने बताया कि यह सिर्फ एक ट्रायल नहीं हुआ। यह भारतीय रेल की तकनीकी आत्मनिर्भरता, इंजीनियरिंग कौशल और भविष्य की यात्रा का उद्घोष है। कोटा मंडल की पटरी पर दौड़ती यह स्वदेशी ट्रेन न केवल गति का प्रतीक बनी, बल्कि उस भरोसे की भी गवाही दी, जो भारत ने अपनी तकनीक पर जताया है।
रेलवे के मिशन रफ्तार और मिशन गति शक्ति को नई दिशा देने वाला यह परीक्षण, सवाईमाधोपुर से नागदा तक की पटरी पर हुआ। ट्रेन को वास्तविक भार के साथ दौड़ाया गया। इस ट्रायल में कंपन से लेकर ब्रेकिंग तक, हर तकनीकी पहलू को परखा गया। जब रोहलखुर्द-लबान के बीच 50 किलोमीटर तक ट्रेन ने 180 की रफ्तार से दौड़ पूरी की तो तकनीकी विशेषज्ञों की टीम खुशी से झूम उठी।
यह वंदे भारत स्लीपर ट्रेन भविष्य की यात्राओं को अधिक आरामदायक, सुरक्षित और तेज बनाने की दिशा में एक निर्णायक कदम है। सीनियर डीसीएम सौरभ जैन ने बताया कि यह परीक्षण सवाई माधोपुर-कोटा-नागदा खंड पर 16 कोच वाले वंदे भारत स्लीपर रैक से किया जा रहा है।

