Rajasthan : गांव में नियुक्ति चाही तो शहर भेजा, अब दो आदेश- एक में यथावत, दूसरे में ट्रांसफर!
शिक्षा विभाग: गजब समायोजन, अजब परिवेदना निस्तारण! कहां जाएं विनोद नाथ!
Rajasthan : गांव में नियुक्ति चाही तो शहर में भेजा, अब दो आदेश एक में यथावत, दूसरे में ट्रांसफर
RNE Bikaner.
शिक्षा विभाग में शिक्षकों के समायोजन में गड़बड़ी पर जहां प्रदेशभर में किरकिरी हुई थी वहीं इस गड़बड़ी को सुधारने के लिए परिवेदनाएं लेने के बाद जारी आदेश भी हैरान करने वाले हैं। इससे एक शिक्षक के मामले से ही समझें तो पता चल जाएगा कि कार्यशैली में कितनी पोल-पट्टी है।
आखिर विनोद नाथ कहां जाएं!
शिक्षकों के समायोजन, पदस्थापन और परिवेदना निस्तारण में गड़बड़ियों को समझने के लिए विनोद नाथ नामक शिक्षक के एक मामले को उदाहरण के तौर पर लिया जा सकता है। लूणकरणसर ब्लॉक में नियुक्ति गणित-साइंस के लेवल-टू टीचर विनोद नाथ को बीकानेर शहर के मोहता सराय इलाके की स्कूल मंे भेज दिया गया।
आमतौर पर शिक्षक गांव की बजाय शहर में जाना चाहते हैं लेकिन इस शिक्षक ने परिवेदना में कहा उसे ग्रामीण क्षेत्र में नियुक्ति दें। शिक्षा विभाग ने इस पर सरकार की ओर से मांगे गये स्पष्टीकरण में कहा, गांव मंे विषय के पद रिक्त नहीं होने से निदेशालय के पूर्व आदेशों के मुताबिक शहर मंे नियुक्ति दी गई है। मामला बढ़ा, परिवेदना निस्तारण करने मंे सरकार का निर्देश आया तो विनोद नाथ को लेकर आदेश जारी हुए।
एक शिक्षक, दो आदेश, किसे मानें:
परिवेदना निस्तारण बीकानेर के प्रारंभिक शिक्षा अधिकारी ने विनोद नाथ को लूणकरणसर ब्लॉक के जाखड़वाला गांव की स्कूल मंे पदस्थापित करने का आदेश दिया है। यह आदेश परिवेदना निस्तारण के बाद जारी सूची मंे 53वें नंबर पर है।
इसी मामले मंे बीकानेर के माध्यमिक जिला शिक्षा अधिकारी ने आदेश जारी करते हुए विनोद नाथ को दुलमेरा गांव के स्कूल मंे यथावत रखने का आदेश दिया है। माध्यमिक शिक्षा अधिकारी की ओर से जारी आदेश में 183वें नंबर पर विनोद नाथ का नाम है।
बड़ा सवाल: कौन अधिकृत
इसके साथ ही बड़ा सवाल यह भी खड़ा हो गया है कि एक शिक्षक की परिवेदना या नियुक्ति के लिए दो में से कौन अधिकारी अधिकृत है और कौनसा आदेशा माना जाएगा। इतनी ही नहीं जानकारी यह भी है कि जिन दो पदों से आदेश जारी हुआ है वर्तमानम ें दोनों ही पदों का चार्ज एक ही अधिकारी के पास है। ऐसे में जाहिर है कि समायोजन से लेकर परिवेदना निस्तारण तक के काम में जमकर लापरवाही हुई है।