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हीटवेव पर एक्शन प्लान बनाने के लिए 17 विभागों को नोटिस जारी

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राजस्थान उच्च न्यायालय की जयपुर पीठ ने वर्तमान में बढ़ते हुए तापमान और हीट वेव से हो रही मौतों को देखते हुए इन रि: ‘सेव द प्लेनेट अर्थ एंड द फ्यूचर जनरेशन ऑफ दिस यूनिवर्स’ बनाम भारत संघ आदि में स्वप्रेरणा से प्रसंज्ञान लेते हुए रजिस्ट्रार को मामले को जनहित याचिका के रूप में दर्ज करने सहित भारत सरकार, राज्य सरकार सहित तमाम 17 विभागों (रेस्पॉडेंट्स) को नोटिस जारी करते हुए हीट एक्शन प्लान को प्रभावकारी ढंग से लागू करने के लिए राज्य के गृह व स्वास्थ्य मंत्रालय को कमेटियां गठित करने के निर्देश दिए हैं।

जयपुर पीठ के जस्टिस अनूप कुमार ने 30.5.24 के इस आदेश में विस्तृत दिशा निर्देश जारी करते हुए सार्वजनिक मार्ग आदि पर फव्वारे के छिड़काव, ओआरएस के पैकेट, मैंगो पन्ना, सार्वजनिक स्थानों पर शेड आदि से छायादार व ठंडे स्थान की व्यवस्था सहित अनेक दिशा निर्देश जनता को हीट वेव से बचाने हेतु देते हुए कहा है कि अगली तारीख पेशी 1.07.24 को मामला सक्षम डिवीजन बेंच के समक्ष रखा जाकर और भी उचित निर्देश जारी किए जाएंगे।

माननीय न्यायालय ने एडवोकेट जनरल राजेंद्र प्रसाद, भरत व्यास व अति.सॉलिसिटर जनरल आर.डी.रस्तोगी को मामले में सहयोग करने हेतु कहा। वरिष्ठ अधिवक्ता आर.एन.माथुर, ए.के.शर्मा, कमलाकर शर्मा, आर.के.अग्रवाल, ए.के.भंडारी, एस.के.गुप्ता, अशोक मेहता, आर.पी.सिंह, विवेक बाजवा, बार काउंसिल व बार एसोसिएशन्स के अध्यक्ष को मामले में सहयोग हेतु कहा गया है।

उक्त आदेश में The prevention of deaths due to heat and cold waves bill,2015 की चर्चा भी की गई । 18 सितम्बर,2015 को राज्यसभा में रखा गया। लेकिन आज तक अधिनियम नही बन पाया। कोर्ट ने कहा कि बहुत से ड्राफ्ट्स व एक्शन प्लान्स बनने के बावजूद कोई प्रभावकारी कदम नही उठा गए जिससे जनता को हीटवेव से बचाया जा सके। जिनका कि इन दिनों लोग सामना कर रहे हैं।

माननीय उच्च न्यायालय ने कहा कि पूरे ब्रह्मांड में पृथ्वी ही ऐसा ज्ञात ग्रह है जिस पर जीवन है। पृथ्वी लाखों प्रजातियों का घर है। पृथ्वी माँ की तरह हमारा पालन पोषण करती है और हमें वो सब देती है जिसकी हमें आवश्यकता है।

पृथ्वी अपने बचाव के लिए हमसे पुकार कर रही है। प्रकृति खतरे में है। कई जगह तापमान 50° को पार कर रहा है। द्रुतगति से पेड़ो की कटाई पर्यावरण में बदलाव का सबसे बड़ा कारण है। माननीय न्यायालय ने खाद्य पदार्थो में मिलावट व जीवन की कीमत पर पैसा कमाने की प्रवृत्ति पर भी चिंता व्यक्त की।

माननीय न्यायालय ने कहा कि इस प्रकार की वर्तमान परिस्थितियों से निपटने के लिए सभी को साथ आना होगा। सरकार के साथ साथ सभी को व्यक्तिगत प्रयास भी करने होंगे।