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3500Cr Online Scam Rajasthan : पुलिस ने किया नेटवर्क ध्वस्त, 03 लाख लोग शिकार, 05 गिरफ्तार

40 लाख नगद, 05 लग्जरी कारें, Crypto करेंसी बरामद, 05 गिरफ्तार
 

RNE Bharatpur-Jaipur.
 

क्रिप्टो करेंसी, इंटरनेशनल कंपनियों में निवेश के जरिये लाखों लोगों को ठगने की आशंका में राजस्थान पुलिस ने एक संगठित नेटवर्क को ध्वस्त किया है। साइबर क्राइम के जरिये लगभग 3500 करोड़ की ठग्ी का अंदेशा जताया है। इसके साथ ही 05 लोगों को गिरफ्तार किया है। इनसे 40 लाख नगद, 05 लग्जरी कारें, क्रिप्टोकरेंसी बरामद की गई है। पूरी कार्रवाई को राजस्थान की भरतपुर पुलिस ने अंजाम दिया है। 

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भरतपुर के सीओ पंकज यादव ने बताया कि हमारी सूचना में आया कि ऐसी कंपनी चल रही है जो फॉरेन एक्सचेंज और क्रिप्टोकरेंसी में निवेश के नाम पर लोगों से भारी मात्रा में पैसा लेती है। हमने पता किया तो यह कंपनी भारत में कहीं भी रजिस्टर्ड नहीं थी। पता चला कि कंपनी ने बॉटम डिटेल्स में लाइसेंस बाहर के देशों मंे रजिस्टर्ड बताती है। इससे भारत में कारोबार के लिए अधिकृत नहीं होती। हालांकि फिलहाल जो लोग इससे जुड़ रहे थे उन्हें रिटर्न दे रही थी लेकिन आशंका थी कि ज्योंहि ज्यादा लोग जुड़ते यह पैसा जमा कर गायब हो सकती थी। ऐसे में बड़ी ठगी होने से पहले ही कंपनी पर कार्रवाई कर 05 लोगों को हिरासत में लिया है।
 

पुलिस ने आम लोगों से अपील की है कि फर्जी निवेश वेबसाइट के लुभावने रिटर्न वाले ऑनलाइन ऑफर से सावधान रहें। इसके साथ ही यह भी संदेश दिया है कि ऑनलाइन स्कैम करने वाले साइबर क्रिमिनल किसी भी हालत में बच नहीं पाएंगे।

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पुलिस का मानना है कि निवेश के नाम पर फर्जी वेबसाइट तैयार कर लोगों से करोड़ों रुपए की ठगी करने वाला गिरोह है। अब तक लगभग 3500 करोड़ रुपए के संदिग्ध वित्तीय लेनदेन उजागर होने से प्रदेश में सनसनी फैल गई है। हालांकि पुलिस ने इस नेटवर्क के पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया है लेकिन  मास्टरमाइंड संदीप अभी भी देश से बाहर फरार बताया जा रहा है।  उसकी लोकेशन ट्रेस करने के लिए विशेष टीम बनाई गई है। बताया जाता है कि कई पुलिसकर्मियों को भी ठगी का शिकार बनाया।

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पुलिस अधिकारी शिकार हुआ तो मामला सामने आया : 
 

दरअसल यह पूरा मामला तब सामने आया जब एक सब इंस्पेक्टर फ्रॉड नेटवर्क का शिकार हो गया। उसने अधिकारियों को इसकी सूचना दी जिस पर पुलिस अधीक्षक दिगंत आनंद की पहल पर  भरतपुर पुलिस ने जांच शुरू की और तकनीकी विश्लेषण के जरिए इस बड़े ऑनलाइन ठगी रैकेट तक पहुंच बनाई। 

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एसपी दिगंत आनंद का कहना है, गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ में कई महत्वपूर्ण तथ्य सामने आए हैं। लगभग 3500 करोड़ रुपए के लेनदेन को देखते हुए प्रवर्तन निदेशालय को भी पत्र भेजा है ताकि मनी लॉन्ड्रिंग और विदेशी खातों से जुड़े पहलुओं पर कार्रवाई की जा सके।

 

जानिए कैसे हुआ खुलासा : 
 

इस फर्जीवाड़े का खुलासा तब हुआ जब 12 नवंबर 2025 को थाना मथुरागेट पर एक मुकदमा दर्ज किया गया। शिकायत में बताया गया कि एक फर्जी निवेश वेबसाइट http://gqcw.cn और मोबाइल एप्लिकेशन क्रिप्टोकरेंसी एवं विदेशी बाजारों (फॉरेक्स) में उच्च लाभ, बोनस और अतिरिक्त प्रलोभन का झांसा देकर लोगों से निवेश करवा रही थी। जांच में पाया गया कि यह कंपनी भारत में SEBI, RBI, MCA या किसी भी सक्षम प्राधिकरण से पंजीकृत नहीं थी।

रूस का दावा, संचालन जयपुर से : 
 

अनुसंधान के दौरान चौंकाने वाले तथ्य सामने आए। वेबसाइट खुद को 2016 से रूस में संचालित होना बताती थी, लेकिन पुलिस ने खुलासा किया कि इसका वास्तविक संचालन नवंबर 2022 में जयपुर से शुरू किया गया था। इस फर्जी नेटवर्क के निर्माण और संचालन की मुख्य भूमिका में संदीप सिगर और रजत शर्मा नामक व्यक्ति पाए गए।

इतने लोग शिकार, कितना पैसा लिया : 
 

वेबसाइट 47 लाख उपयोगकर्ताओं और 4.3 बिलियन डॉलर फंड प्रबंधन का झूठा दावा कर रही थी, जबकि वास्तविक जांच में लगभग 4.7 लाख उपयोगकर्ता सामने आए, जिनसे जमा की गई वास्तविक राशि 350 मिलियन डॉलर (लगभग 3100 करोड़ रुपये) निकली। यही समूह http://pvp.com नामक एक और फर्जी निवेश वेबसाइट भी चला रहा था, जिसके माध्यम से लगभग 9000 उपयोगकर्ताओं से 58 मिलियन डॉलर (500 करोड़ रुपये से अधिक) की ठगी की गई थी।

आरोपी गिरफ्तार, करोड़ों की संपत्ति जब्त:
 

भरतपुर पुलिस ने इस मामले में पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने इनके कब्जे से लगभग 40 लाख रुपये नकद, सोने के जेवरात, 5 लग्जरी वाहन और लगभग 40 लाख रुपये मूल्य की क्रिप्टोकरेंसी जब्त की है। यह कार्रवाई अनियमित जमा योजना प्रतिबंध अधिनियम 2019 और बीएनएस की धाराओं के तहत की गई है। 

इस पुलिस टीम की खास भूमिका : 
 

इस पूरी कार्रवाई में वृत्त कार्यालय भरतपुर शहर के कांस्टेबल सोनू मीना की विशेष भूमिका रही।
 

इस विशेष गठित टीम में एसआई मथुरा गेट बलराम यादव, एएसआई हरगोपाल, थाना कोतवाली से एएसआई चंद्रशेखर, सीओ सिटी कार्यालय से एएसआई हिम्मत सिंह, हेड कांस्टेबल नरेंद्र सिंह, कांस्टेबल सोनू मीणा, देवेंद्र सिंह, भरत, थाना साइबर से कांस्टेबल कुंवर पाल, थाना अटलबंध से कांस्टेबल अंकित, थाना कोतवाली से कांस्टेबल विश्वेंद्र सिंह एवं साइबर सेल भरतपुर की टीम शामिल थे, जिन्होंने यह बड़ी सफलता हासिल की।

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