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डॉ. अंबेडकर जयंती पर विचार गोष्ठी का आयोजन, सामाजिक समरसता और राष्ट्र निर्माण पर हुई चर्चा

 
RNE Rajasthan. राजस्थान शिक्षक संघ राष्ट्रीय के तत्वाधान में बाबा साहब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर जयंती पर कार्यक्रम श्रृंखला में विचार गोष्ठी का आयोजन नानू देवी चांडक आदर्श विद्या मंदिर श्रीडूंगरगढ़ के जय देव पाठक सभागार में किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुनराम मेघवाल व विशिष्ट अतिथि के रूप में श्री ओमप्रकाश प्रजापत (मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी), श्री विनोद गुसाई भाजपा नेता, श्री रामगोपाल सुथार अध्यक्ष विश्वकर्मा बोर्ड, राजस्थान एवं छैलू सिंह पूर्व प्रधान, एडवोकेट डॉ चन्द्र प्रकाश बारूपाल,आसाराम पारीक, व मुख्य वक्ता के रूप में संपत सिंह, प्रदेश सभा अध्यक्ष, राजस्थान शिक्षक संघ राष्ट्रीय उपस्थित रहे। डॉ. अंबेडकर जयंती पर विचार गोष्ठी का आयोजन, सामाजिक समरसता और राष्ट्र निर्माण पर हुई चर्चाकार्यक्रम के मुख्य वक्ता अर्जुनराम मेघवालने डॉ. अंबेडकर जी के विचारों पर प्रकाश डालते हुए बताया कि किस प्रकार उन्होंने न केवल भारत के संविधान निर्माण में अमूल्य योगदान दिया, बल्कि समाज में व्याप्त भेदभाव, असमानता और विखंडनकारी शक्तियों के विरुद्ध भी सशक्त आवाज़ उठाई। डॉ. अंबेडकर जयंती पर विचार गोष्ठी का आयोजन, सामाजिक समरसता और राष्ट्र निर्माण पर हुई चर्चा इस बात पर भी गहन चर्चा हुई कि यदि आज भी देश जाति, धर्म एवं समुदाय के नाम पर बंटा रहेगा, तो वही परिस्थितियाँ दोबारा उत्पन्न हो सकती हैं जो आज़ादी से पूर्व थीं। अध्यक्षता करते हुए आसाराम पारीक खंड कार्यवाह राष्ट्रीय स्वीसवक संघ श्रीडूंगरगढ़ ने कहा कि डॉ. अंबेडकर जी को किसी एक जाति तक सीमित करना उनका अपमान है। वे सम्पूर्ण हिन्दू समाज के महान नेता थे, जिन्होंने समरस और सशक्त भारत की नींव रखी। डॉ. अंबेडकर जयंती पर विचार गोष्ठी का आयोजन, सामाजिक समरसता और राष्ट्र निर्माण पर हुई चर्चा संदेश: मुख्य वक्ता के रूप में विचार रखते हुए संगठन सभाध्यक्ष सम्पत सिंह ने कहा कि "डॉ. भीमराव अंबेडकर: समरस भारत के शिल्पकार" डॉ. भीमराव अंबेडकर जी केवल संविधान निर्माता ही नहीं, बल्कि समता, स्वाभिमान और सामाजिक न्याय के पुरोधा थे। उन्होंने एक ऐसे भारत की कल्पना की थी जहाँ हर व्यक्ति को समान अधिकार, सम्मान और अवसर मिले—बिना किसी भेदभाव के। उनका जीवन संघर्ष इस बात का प्रमाण है कि एक सशक्त राष्ट्र तभी बनता है जब समाज के अंतिम पंक्ति में खड़े व्यक्ति को भी मुख्य धारा में सम्मानजनक स्थान मिले। आज उनके विचार हमें जातीय सीमाओं से ऊपर उठकर एक समरस, सशक्त और एकजुट भारत के निर्माण की प्रेरणा देते हैं। डॉ. अंबेडकर जयंती पर विचार गोष्ठी का आयोजन, सामाजिक समरसता और राष्ट्र निर्माण पर हुई चर्चाविश्वकर्मा बोर्ड अध्यक्ष रामगोपाल सुथार ने शिक्षकों से आव्हान किया कि बाबा साहब के दिखाए मार्ग पर चलकर सामाजिक समरसता से परिपूर्ण राष्ट्र का निर्माण करने में विद्यार्थियों को प्रेरित करते हुए आगे बढ़ने का कार्य में अपनी महती भूमिका का निर्वहन करे। कार्यक्रम में प्रदेश उपाध्यक्ष ओम प्रकाश बिश्नोई,प्रदेश वरिष्ठ उपाध्यक्ष रवि आचार्य, जिला मंत्री नरेंद्र आचार्य मंडल सयुक्त मंत्री ओम प्रकाश रोड़ा जिला अध्यक्ष मोहनलाल भादू संगठन मंत्री लेखराम गोदारा शाखा मंत्री पवन कुमार शर्मा महिला मंत्री चंद्रकला, ममता भारद्वाज दयाशंकर शर्मा,प्रदीप कुमार जी जिला कार्यवाह राष्ट्रीय स्वीसवक संघ आदि उपस्थित रहे, कार्यक्रम का प्रभावी मंच संचालन श्री अनिल जी सोनी द्वारा किया गया।  डॉ. अंबेडकर जयंती पर विचार गोष्ठी का आयोजन, सामाजिक समरसता और राष्ट्र निर्माण पर हुई चर्चा