Movie prime

Mines Rajasthan : मेजर मिनरल के 08 ब्लॉक की नीलामी शुरू, ऐसा करने वाला राजस्थान पहला राज्य

प्रदेश, जल्द परिचालन में आएगी खाने
बिलाड़ा में लाईमस्टोन के 8 ब्लॉकों की ई-पोर्टल पर नीलामी
बढेंगे रोजगार और राजस्व के अवसर
आरएसएमईटी ने प्राप्त की आवश्यक अनुमतियां 
12 दिसंबर तक प्रस्तुत होगी बिड
 

RNE Jaipur.

Rajasthan के खान एवं भूविज्ञान विभाग ने बिलाड़ा में लाईमस्टोन के मेजर मिनरल के 8 प्री-एम्बेडेड ब्लॉकों की ई-नीलामी प्रक्रिया 7 नवंबर से आरंभ कर दी है। आवश्यक अनुमतियां प्राप्त कर 8 प्री-एम्बेडेड ब्लॉकों की नीलामी करने वाला राजस्थान देश का प्रमुख और पहला राज्य बन जाएगा। हालांकि गुजरात ने पिछले दिनों एक प्रीएम्बेडेड ब्लॉक की नीलामी शुरु की है। 
 

खान, भूविज्ञान एवं पेट्रोलियम विभाग के प्रमुख सचिव टी. रविकान्त ने बताया कि आवश्यक अनुमतियां प्राप्त करने के लिए आरएसएमईटी को नोड़ल संस्था बनाते हुए विभाग द्वारा माइनिंग प्लान से लेकर पर्यावरण क्लियरेंस तक की आवश्यक अनुमतियां प्राप्त कर ई-नीलामी की प्रक्रिया शुरु की है। उन्होंने बताया कि इससे नीलाम खानों में शीघ्र परिचालन हो सकेगा और माइनिंग सेक्टर में निवेश, युवाओं के लिए रोजगार और राजस्व में बढ़ोतरी होगी।

ad1

जिस काम में 03 साल लगते हैं उसे कुछ दिनों में कर दिखाया : 
 

प्रमुख सचिव टी. रविकान्त ने बताया कि जोधपुर जिले की बिलाड़ा तहसील में लाईमस्टोन के 8 प्री-एम्बेडेड ब्लॉक तैयार कर  आवश्यक अनुमतियां प्राप्त करने के बाद भारत सरकार के ई-पोर्टल एमएसटीसी प्लेटफार्म पर ई-नीलामी की निविदा सूचना 7 नवंबर को जारी कर दी गई है। 24 नवबंर तक बिड डाक्यूमेंट एमएसटीसी पोर्टल पर उपलब्ध होंगे और बिड लगाने की अंतिम दिनांक 12 दिसंबर होगी। समान्यतया नीलाम खानों को परिचालन में लाने के लिए राजस्थान सहित देश के अधिकांश राज्यों में वर्तमान में ढ़ाई से तीन साल लग जाते हैं। इससे निवेश, रोजगार और राजस्व प्रभावित होने के साथ ही एलओई धारक को आवश्यक अनुमतियां प्राप्त करने में देरी हो जाती है और खनन कार्य आरंभ नहीं हो पाता है। केन्द्र और राज्य सरकार दोनों ही इसके लिए गंभीर प्रयास करते रहे है।

समय पर काम के लिए एक्ट में बदलाव : 
 

रविकान्त ने बताया कि केन्द्रीय खान मंत्रालय ने एमएमडीआर एक्ट में संशोधन कर सभी राज्यों से प्राथमिकता के आधार पर पांच-पांच ब्लॉक तैयार कर इनकी आवश्यक सभी अनुमतियां पहले से ही प्राप्त कर नीलाम करने को कहा है ताकि नीलाम खाने जल्द परिचालन में आ सके। उन्होंने बताया कि केन्द्र सरकार के निर्देशों के अनुसार इसके लिए प्रोजेक्ट मानिटरिंग यूनिट घोषित कर आवश्यक अनुमतियां प्राप्त करने का काम उससे पूरा कराकर इसके बाद मिनरल ब्लॉकों का ऑक्शन किया जाएं। राज्य सरकार द्वारा केन्द्र सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुसार राजस्थान स्टेट मिनरल एक्सप्लोरेशन ट्रस्ट आरएसएमईटी को पीएमयू घोषित कर आवश्यक अनुमतियां प्राप्त करने की जिम्मेदारी दी गई है।  

जानिए क्या होता है प्री-एम्बेडेड : 
 

मिनरल ब्लॉकों की नीलामी से पहले ही आवश्यक अनुमतियां प्राप्त कर ब्लॉक की नीलामी करने की प्रक्रिया को प्री-एम्बेडेड कहा जाता है। इससे खनन ब्लॉक की नीलामी के बाद परिचालन में लगने वाले समय की बचत होने के साथ ही नीलामी में अधिक राजस्व, खनन कार्य शीघ्र आरंभ होने और निवेश, रोजगार और राजस्व में बढ़ोतरी संभव हो सकेगी। माइनिंग सेक्टर में ईज ऑफ डूइंग की दिशा में यह बढ़ता कदम है। केन्द्र सरकार भी राज्यों को कम से कम पांच प्री-एम्बेडेड ब्लॉक तैयार कर ई-नीलामी करने पर जोर दे रही है। राजस्थान पहला प्रदेश है जो 8 प्री-एम्बेडेड मेजर मिनरल ब्लॉकों की नीलामी कर रहा है।

नीलामी के बाद लेनी होती है ये अनुमतियां : 
 

मिनरल ब्लॉकों की नीलामी के बाद प्रिफर बिडर को एलओआई जारी होने के बाद विभिन्न विभागों व मंत्रालयों से खनन कार्य आरंभ करने से पहले अनुमतियां लेनी पड़ती है:
 

  1. आईबीएम-माइनिंग प्लान का अनुमोदन 
  2. वन विभाग- फारेस्ट क्लीयरेंस
  3. र्यावरण विभाग- टर्म ऑफ रेफरेंस (टीओआर), एंवायरमेंटल इंपेक्ट एसेसमेंट रिपोर्ट (ईआईए) व जिला कलक्टर के यहां जनसुनवाई आदि और इसके बाद सेक एवं सिया से पर्यावरण अनुमति। 
  4. प्रदूषण बोर्ड- खनन के लिए कंसेट टू ऑपरेट (सीटीओ) और कंसेट टू एस्टाबलिस (सीटीई)
  5. राजस्व विभाग-चरागाह भूमि होने की स्थिति में राजस्व विभाग से अनुमति
  6. विविध- अन्य आवश्यक कार्रवाई व कानूनी औपचारिकताएं

अब एलओआई जारी होते ही खनन शुरू : 
 

रविकान्त ने बताया कि प्री-एम्बेडेड ब्लॉकों की जियोलोजिकल रिपोर्ट, ब्लॉकों का सीमांकन, डीजीपीएस सर्वें, आईबीएम से माइनिंग प्लान स्वीकृति, वन विभाग से अनापत्ति, सेक और सीया से पर्यावरण क्लियरेंस सहित आवश्यक स्वीकृतियां आरएसएमईटी द्वारा प्राप्त कर ली गई है। इससे प्री-एम्बेडेड नीलाम खानों में एलओआई जारी होने के बाद शीघ्र खनन कार्य आरंभ हो सकेगा। इससे खनिजों की आपूर्ति व्यवस्था में तेजी आएगी और प्रदेश में निवेश और रोजगार वृद्धि से आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा। विस्तृत जानकारी विभागीय वेबसाइट पर उपलब्ध है।

FROM AROUND THE WEB