Movie prime

12वीं कक्षा की पुस्तक में मोदी का कम जिक्र व भजनलाल का नाम नहीं होने पर खड़ा हुआ विवाद, लेखकों पर लगाया प्रतिबंध 

19,700 स्कूलों में  वितरित की गई पांच लाख पुस्तकें वापस मंगवाई 
 

राजस्थान में स्कूलों में पढ़ाई जा रही पुस्तकों को  लेकर विवाद खड़ा हो गया है। इस विवाद में पुस्तकों को लिखने वाले लेखकों पर भी प्रतिबंध लग गया है। राजस्थान में माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की 12वीं कक्षा के लिए 19,700 स्कूलों में 'आजादी के बाद का स्वर्णिम इतिहास' शीर्षक से लगभग पांच लाख पुस्तकें वितरित की गई हैं। जब पुस्तकें स्कूलों में पहुंचीं तो इसमें छपे तथ्यों को लेकर विवाद खड़ा हो गया। 

पुस्तक में देश के प्रथम प्रधानमंत्री पं. जवाहरलाल नेहरू और कांग्रेस सरकार के अन्य प्रधानमंत्रियों का प्रमुखता से उल्लेख किया गया है, जबकि वर्तमान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की जानकारी कम दी गई है। पुस्तक में कांग्रेस नेता सोनिया गांधी और पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का भी उल्लेख है, लेकिन वर्तमान मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को प्राथमिकता नहीं दी गई है।

भाजपा नेताओं की शिकायत के बाद राज्य के शिक्षामंत्री मदन दिलावर नाराज हो गए हैं। उन्होंने पुस्तक को पढ़ाने पर रोक लगा दी। अब नई पुस्तकें छपवाकर स्कूलों में वितरित की जाएंगी। उन्होंने कहा कि पुस्तक में लोकतंत्र की हत्या करने वालों की गाथाएं हैं। उधर, मंत्री की नाराजगी के बाद शिक्षा सचिव कृष्ण कुणाल ने अधिकारियों से रिपोर्ट मांगी है। पुस्तक के लेखकों पर प्रतिबंध लगाने की भी तैयारी की जा रही है।

इस बीच, शिक्षा विभाग का कहना है कि पुस्तक में दी गई जानकारी पिछली कांग्रेस सरकार के कार्यकाल से ही पढ़ाई जा रही थी। पूरे प्रकरण पर कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने पुस्तक में सही तथ्य छापे गए हैं। कांग्रेस के नेताओं ने ही आजादी के आंदोलन में भाग लिया था। भाजपा हमेशा से ही लोकतंत्र की हत्या करती रही है।