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Rajasthan Bus Scheme : राजस्थान के आठ जिलों में केंद्र सरकार करेगी चप्पे-चप्पे पर बस की सुविधा, बनेगा स्मार्ट डिपो 

प्रधानमंत्री ई-बस सेवा योजना के तहत राजस्थान को 1100 इलेक्ट्रिक बसों की सौगात देने वाली है
 
 

राजस्थान के आठ जिलों के लोगों के सफर को केंद्र सरकार ने सुहाना बनाने की विशेष योजना बनाई है। इस योजना से जहां प्रदूषण का स्तर कम होगा, वहीं यात्रियों की चप्पे-चप्पे पर बस की सुविधा मिल पाएगी। इसके लिए यात्रियों को घंटों बसों का इंतजार नहीं करना पड़ेगा। प्रधानमंत्री ई-बस सेवा योजना के तहत राजस्थान को 1100 इलेक्ट्रिक बसों की सौगात देने वाली है। शुरुआत में यह बस सेवा राजस्थान के बड़े जिलों को मिलने वाली है।

इसके लिए राज्य सरकार की तरफ से तेजी से काम किया जा रहा है। प्रधानमंत्री ई-बस सेवा योजना के तहत पहली किस्त में राजस्थान को 675 इलेक्ट्रिक बस की मिलेगी। इसके बाद दूसरे चरण में राजस्थान को 425 बसें  उपलब्ध करवाई जाएगी। यह बस जहां पर सिटी बस सेवा के साथ ग्रामीण क्षेत्रों तक बस की सुविधा देने वाली है।

यह बस पूरी तरह एससी होगी और यात्रियों को गर्मी के मौसम में भी सुहाना सफर का आनंद देने वाली है। केंद्र सरकार की योजना के तहत बस तो आकार में उपलब्ध करवाई जाएगी। इसमें एक बस नौ मीटर की होगी, जबकि दूसरी बस का आकार 12.5 मीटर होगा। राजस्थान को मिलेंगी। 

इन आठ जिलों में यात्री करेंगे एससी बस का सफर 

प्रधानमंत्री ई-बस सेवा योजना के तहत मिलने वाली 1100 बसों के लिए राजस्थान सरकार ने शुरुआत में आठ जिलों में चलाने की योजना है, क्योंकि इन जिलों में देश व विदेश से काफी संख्या में पर्यटक आते है। बस की बेहतर सेवा मिलने के कारण राजस्थान में पर्यटन को ज्यादा बढ़ाव मिलेगा। राजस्थान सरकार इन बसों को उदयपुर, जयपुर, जोधपुर, अजमेर, बीकानेर, कोटा, अलवर, और भरतपुर में शुरु करने की योजना है। 

उदयपुर के तीतरड़ी में बन रहा स्मार्ट डिपो 

प्रधानमंत्री ई-बस सेवा योजना के तहत जहां इलेक्ट्रिक एसी बसों का संचालन होगा। वहीं इन बसों की चार्जिंग व दूसरी सुविधाओं के लिए विशेष स्मार्ट डिपो का निर्माण किया जा रहा है। इस स्मार्ट डिपो का निर्माण उदयपुर के तीतरड़ी क्षेत्र में किया जा रहा है और इस स्मार्ट डिपो का लगभग 50 प्रतिशत निर्माण पूरा हो चुका है।

स्मार्ट डिपो का मुख्य काम इलेक्ट्रिक चार्जिंग स्टेशन, आधुनिक बस ट्रैकिंग सिस्टम और बस शेड्यूलिंग का काम किया जाएगा। हालांकि सरकार की योजना के तहत शुरुआत में 50 बसों का संचालन किया जाएगा और जब पूरा ट्रायल हो जाएगा तो इसके बाद इन बसों को दूसरे रुटों पर उतारा जाएगा।