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Food Security Plan : राजस्थान में खाद्य सुरक्षा योजना में 3.18 लाख जरूरतमंद लोगों के जुड़ेंगे नाम, 31 लाख को किया बाहर 

जयपुर, अलवर समेत पांच बडे जिलों में अपात्रों की संया एक लाख के पार रही है। ऐसे में इन जिलों में योजना में लाभार्थियों के नाम जोड़ने की प्रक्रिया पर भी सवाल उठ रहे हैं
 

राजस्थान में खाद्य सुरक्षा योजना का गिवअप अभियान सरकार के लिए फायदेमंद साबित हो रहा है। अपात्र 31 लाख लोगों के नाम हटाने के बाद सरकार के लिए बड़ी बचत सामने आई है। अपात्रों का गेहूं बंद होने से सरकार को बीते 8 माह के दौरान 568 करोड़ रुपए के गेहूं की बचत हुई है। विभाग का कहना है कि जितने गेहूं की बचत सामने आई है उसे जरूरतमंदों को दिया जाएगा।

क्योंकि अभी योजना की सीलिंग के अनुसार 3.18 लाख जरूरतमंद लोगों के नाम और जोड़े जाएंगे। जानकारी के अनुसार जयपुर, अलवर समेत पांच बडे जिलों में अपात्रों की संया एक लाख के पार रही है। ऐसे में इन जिलों में योजना में लाभार्थियों के नाम जोड़ने की प्रक्रिया पर भी सवाल उठ रहे हैं। क्योंकि नाम जोड़ने का जिमा उपखंड अधिकारी के पास होता है। ऐसे में विभाग के अधिकारी मान रहे हैं कि जिन जिलों में सर्वाधिक अपात्र सामने आए हैं वहां यह भी जांच होनी चाहिए कि किसके इशारे पर अपात्रों के नाम जोड़े गए।
  
4.46 करोड़ की सीलिंग तय

2011 की जनगणना के अनुसार योजना में नाम जोड़ने की सीलिंग 4.46 करोड़ तय की गई। योजना में अभी 4.43 करोड़ लाभार्थी राशन का गेहूं ले रहे हैं। विभाग की ओर से जारी सूचना के अनुसार योजना में 3.18 लाख नए नाम जुड़ेंगे। इसके बाद योजना में नाम सीलिंग के हिसाब से 4.46 करोड़ लाभार्थियों के नाम जोड़ने की सीमा भी समाप्त हो जाएगी।

27.46 लाख के हट सकते नाम पूरे राज्य में अब भी 3 माह से 27.46 लाख लाभार्थियों की केवाईसी तीन माह से पेंडिंग है। केवाईसी नहीं कराने वाले लाभार्थियों के नाम योजना से हटा दिए जांएगे। इसके बाद योजना में जो स्थान रिक्त होंगे उनकी जगह नए लाभार्थी जोड़े जाएंगे।

जयपुर जिले में सर्वाधिक अपात्र सामने आए हैं उसी तरह से केवाईसी नहीं कराने वाले भी सामने आए हैं। जयपुर में 3 माह तक केवाइसी नहीं कराने पर सर्वाधिक 3.24 लाख लाभार्थियों के नाम योजना से हटा दिए गए।