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सरकार केस हारी या जुर्माना लगा तो दोषी अफसर से वसूली होगी, हाईकोर्ट की फटकार के बाद राज्य सरकार सख्त

 
सरकार केस हारी या जुर्माना लगा तो दोषी अफसर से वसूली होगी, हाईकोर्ट की फटकार के बाद राज्य सरकार सख्त
RNE Network. हाईकोर्ट की फटकार के बाद लंबित मामलों में पैरवी के सम्बंध में अधिकारियों की ढिलाई पर राज्य सरकार ने सख्त रुख दिखाया है। सरकार ने इस स्थिति के लिए प्रशासनिक विभाग व विभागाध्यक्षों को जिम्मेदार ठहराते हुए मोनिटरिंग पर सवाल उठाया। सरकार केस हारी या जुर्माना लगा तो दोषी अफसर से वसूली होगी, हाईकोर्ट की फटकार के बाद राज्य सरकार सख्तइस मामले में सभी विभागों को हिदायत दी गई है कि अधिकारियों की लापरवाही के कारण किसी केस में सरकार हारती है या जुर्माना लगता है तो उसकी वसूली केस के प्रभारी अधिकारी या अन्य दोषी से की जायेगी। साथ ही तथ्यात्मक रिपोर्ट या जवाब पेश करने में देरी पर जिम्मेदार अधिकारी के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाई करने को भी कहा गया है। विधि विभाग ने सभी विभागों को इस आशय का परिपत्र भेजा है। विभागाध्यक्षों से कहा गया है कि केस प्रभारी अधिकारियों व सम्बंधित अधिवक्ताओं से ऑनलाइन मीटिंग कर नोडल अधिकारियों के माध्यम से विभागवार लंबित प्रकरणों की सूची तैयार करवाई जाये। सरकार केस हारी या जुर्माना लगा तो दोषी अफसर से वसूली होगी, हाईकोर्ट की फटकार के बाद राज्य सरकार सख्तइसे एक माह के भीतर अतिरिक्त महाधिवक्ताओं व राजकीय अधिवक्ता को उपलब्ध करवा दिया जाए। साथ ही कहा कि निर्देशों की पालना नहीं होने पर नोडल अधिकारियों व केस के प्रभारी अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाई की जाये। इसके अलावा सरकार से सम्बंधित वकीलों से कहा है कि उनके पास किसी केस का रिकॉर्ड नहीं है तो उसकी नोडल अधिकारी को सूचना दी जाये। सरकार केस हारी या जुर्माना लगा तो दोषी अफसर से वसूली होगी, हाईकोर्ट की फटकार के बाद राज्य सरकार सख्त विभागों के मुखिया करे मोनिटरिंग: सभी विभागों से कहा गया है कि विधि प्रकोष्ठ बनाये जाएं, जिससे विभागाध्यक्ष स्तर पर मोनिटरिंग की जा सके। उल्लेखनीय है कि हाल ही में एक मामले में केस प्रभारी अधिकारियों के वकीलों से समन्वय स्थापित नहीं करने और उनके कारण पैरवी बाधित होने पर हाईकोर्ट ने कड़ीं नाराजगी जाहिर की थी। सरकार केस हारी या जुर्माना लगा तो दोषी अफसर से वसूली होगी, हाईकोर्ट की फटकार के बाद राज्य सरकार सख्त